पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे गुरुवार को अनिल एंटनी भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान अनिल एंटनी ने कहा कि एक भारतीय युवा होने के नाते मुझे ऐसा लगता है कि यह मेरी जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि मैं प्रधानमंत्री के राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय एकता के दृष्टिकोण में अपना योगदान दूं।बता दें कि पिछले दिनों बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री आने के बाद कांग्रेस के स्टैंड पर अनिल ने सवाल खड़े किए थे। अनिल ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर लिखा था, जिसके बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने उनकी आलोचना की थी। इसके बाद अनिल एंटनी ने अपने सभी पद छोड़ दिए थे।

डाक्यूमेंट्री  देश की संप्रभुता को कमजोर करेगा: अनिल एंटनी

एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने भाजपा का समर्थन करते हुए कहा था कि भारतीय संस्थानों पर ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर के विचारों को रखना देश की संप्रभुता को कमजोर करेगा। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी के साथ बड़े मतभेदों के बावजूद, मुझे लगता है कि वे (भारत में) बीबीसी के विचारों को रखते हैं, एक राज्य प्रायोजित चैनल (कथित भारत) पूर्वाग्रहों के एक लंबे इतिहास के साथ हमारी संप्रभुता को कमजोर कर देंगे’।

पीएम के पास अगले 25 वर्षों का विजन

अनिल एंटनी बोले, मेरा मानना है कि पीएम के नेतृत्व में हमारे पास अगले 25 वर्षों में भारत को एक विकसित देश बनाने का विजन है। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम के राष्ट्र निर्माण के विजन में योगदान देना मेरी जिम्मेदारी और कर्तव्य है।

जनवरी में दिया इस्तीफा

बता दें कि जनवरी महीने में ही अनिल एंटनी अपने एक ट्वीट के चलते कांग्रेस के लिए विलेन बन गए थे। इसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। अनिल एंटनी ने पार्टी से इस्तीफा देते वक्त कहा था कि मुझ पर एक ट्वीट को डिलीट करने के लिए असहिष्णुता के साथ दबाव बनाया जा रहा था। ऐसा वे लोग कर रहे थे जो फ्रीडम ऑफ स्पीच के लिए खड़े होने की बात करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैंने ट्वीट डिलीट करने से मना कर दिया। इसके साथ ही अनिल ने इस्तीफे का पत्र भी ट्वीट किया था।(एएमएपी)