महिलाओं के लिए अलग घोषणापत्र
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने महिलाओं के लिए अलग से घोषणापत्र लाने का फैसला किया है। पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि रविवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुआई में हुई बैठक में महिलाओं के लिए अलग घोषणापत्र जारी करने का फैसला लिया गया है, जिसे ‘प्रियदर्शिनी’ नाम दिया जाएगा। वचनपत्र अडवाइजरी कमिटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहा, ‘प्रियदर्शिनी महिलाओं के लिए अलग घोषणा पत्र होगा, जबकि एक सामान्य घोषणा पत्र भी अलग से जारी किया जाएगा। समाज के अलग-अलग वर्गों से संबंधित बातों पर विचार के लिए 10 उपसमिति का गठन किया गया है।’
भाजपा को खूब मिल रहा महिलाओं का साथ
राजेंद्र सिंह ने बताया कि उपसमितियों की बैठक एक महीने बाद होगी। कांग्रेस ने पिछले साल मई में यह भी कहा था कि पार्टी हर जिले के लिए अलग घोषणापत्र लाएगी। प्रदेश में इस साल के अंत में चुनाव होने जा रहा है और पार्टी की कोशिश एक बार फिर यहां सत्ता में लौटने की है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो जिस तरह 2014 के बाद भाजपा ने महिला वोटर्स के बीच में अपने पैठ बनाई है, उसका कई चुनावों में भगवा पार्टी को फायदा हुआ है। उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना में महिलाओं को तरजीह, जनधन खाते जैसे योजनाओं के बाद भाजपा को महिला वोटर्स का साथ मिल रहा है। खुद पीएम मोदी ने कई बार इस बात को सार्वजनिक मंचों से स्वीकार किया है कि पार्टी की असली ताकत अब महिलाएं बन चुकी हैं।
कांग्रेस ने भी बढ़ाया हाथ
आधी आबादी साथ की वजह से भाजपा को मिल रहे समर्थन को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने भी महिलाओं पर फोकस बढ़ाया है। हाल ही में संपन्न हुए हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने महिलाओं को 1500 रुपए मासिक भत्ता देने का वादा किया था और पहली कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई है। माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी पार्टी इस तरह के वादे कर सकती है। इसके अलावा महिलाओं को ध्यान में रखकर कुछ और लुभावने वादे किए जा सकते हैं। पार्टी की कोशिश होगी कि महंगाई जैसे मुद्दे को प्रमुखता से उठाकर महिलाओं को ‘हाथ के साथ’ जोड़ा जाए। (एएमएपी)