अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को कांग्रेस द्वारा अस्वीकार करने पर भारतीय जनता पार्टी ने उसकी तीखी आलोचना की है। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस की हर अच्छे काम का बहिष्कार करने की प्रवृत्ति बन गई है। जिसके कारण अब जनता भी उनका सत्ता से बहिष्कार कर रही है।
कांग्रेस की बहिष्कार करने की मानसिकता
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने जीएसटी लागू करने के ऐतिहासिक फैसले का बहिष्कार किया। जी20 शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का भी बहिष्कार किया। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के नेतृत्व में मई 1998 में किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद कांग्रेस ने 10 दिनों तक कोई बयान नहीं दिया। यहां तक कि कांग्रेस ने अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न समारोह का भी बहिष्कार किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इसी बहिष्कार मानसिकता के कारण जनता भी उनका सत्ता से बहिष्कार कर रही है। यहां एक बात स्पष्ट है कि कांग्रेस अपने प्रवृत्ति के अनुरूप काम कर रही है।
सिर्फ़ राम मंदिर ही नहीं अनेक मौको पर कांग्रेस ने राष्ट्र की अस्मिता से जुड़े ऐतिहासिक अवसरों पर अपना नकारात्मक रंग दिखाया है।चाहे पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का प्रथम अभिभाषण हो या, नयी संसद का उद्घाटन या G20 का डिनर।
500 साल बाद श्री राम का मंदिर बन रहा है इसमें अपना पराया… pic.twitter.com/yBjARDFCrK— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) January 10, 2024
हिन्दू धर्म विरोधी है कांग्रेस
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि 500 सालों के संघर्ष के बाद राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है लेकिन कांग्रेस अपनी प्रवृत्ति के अनुरूप काम कर रही है। सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का भी जवाहरलाल नेहरू ने बहिष्कार किया था। नेहरू द्वारा 24 अप्रैल, 1951 में लिखे पत्र में प्राण प्रतिष्ठा का बहिष्कार किया गया था। फिर इंदिरा के जमाने में अयोध्या में 1976 में राम मंदिर साक्ष्य निकल रहे थे तो वहां काम रुकवा दिया गया था। सोनिया गांधी के जमाने में राम को काल्पनिक बता दिया गया लेकिन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कांग्रेस के लिए मौका था कि वे अपने आप को बदल सकते थे। उन्होंने कहा कि यह नेहरू की कांग्रेस है, यह महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं है। रामराज की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण अस्वीकार करना कांग्रेस के अंदर के हिन्दू धर्म विरोध को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर के मुख्य पक्षकार अंसारी ने भी निमंत्रण स्वीकार किया है। कांग्रेस की परंपरा के सारे दल आज हाहाकार मचा रहे हैं। कांग्रेस गोत्र के सभी दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि राजनीतिक दृष्टि से वे निष्प्राण होते जा रहे हैं। वे लोग प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में भगवान के विरोध तक चले गए। हर ऐतिहासिक अवसर का विरोध करते- करते आज भारतीयता के मूल्यों पर उनकी कट्टरपंथ की राजनीति अधिक महत्वपूर्ण नजर आती है।
निमंत्रण को अस्वीकार करना दुर्भाग्यपूर्ण : रविशंकर प्रसाद
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद कांग्रेस द्वारा राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को अस्वीकार करने को दुर्भाग्यपूर्ण, पीड़ादायक और शर्मनाक बताया है। रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर सदैव राम जन्मभूमि का विरोध करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आम सहमति से इतना बड़ा मंदिर बना है। कांग्रेस उसी मानसिकता के दबाव में है जो शाहबानो के मामले में झुकी थी। रविशंकर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश में राज किया था फिर भी आज कहां सिमट गई है, आगे चुनाव में भी इनका सूपड़ा साफ होगा। यह कोई संघ का कार्यक्रम है? यह राष्ट्र का कार्यक्रम है, पूरी दुनिया इसकी प्रतीक्षा कर रही है।
कांग्रेस सीजनल हिंदू : गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ये लोग (कांग्रेस) सीजनल हिंदू हैं। जब उन्हें लगता है कि उन्हें वोट लेना है तो वे सॉफ्ट हिंदू बनने की कोशिश करते हैं। कांग्रेस एंटी हिंदू है और कुछ दिनों में कांग्रेस खुद-ब-खद समाप्त हो जाएगी। गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस में तो जवाहरलाल नेहरू से लेकर अब तक कोई अयोध्या नहीं गया है। मामले को कोर्ट में लटकाने का काम तो कांग्रेस पार्टी ने ही किया था इसलिए इनमें अयोध्या जाने की नैतिक ताकत नहीं है।
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कांग्रेस की सनातन विरोधी सोच : स्मृति ईरानी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस का प्रभु राम विरोधी चेहरा देश के सामने आ चुका है। आश्चर्य की बात नहीं कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में जिस पार्टी ने कोर्ट में दस्तावेज दिया था कि भगवान राम का कोई अस्तित्व नहीं उस पार्टी ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकराया। स्मृति ईरानी ने कहा कि सभी राम भक्तों के लिए ये क्षण धर्म की दृष्टि से आस्था और विश्वास की दृष्टि से एक पुण्य क्षण है। इंडी अलायंस ने सोनिया और कांग्रेस के नेतृत्व में बार-बार सनातन धर्म की उपेक्षा की और अपमानित किया। अब इंडी अलायंस द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराना उनकी सनातन विरोधी सोच को दर्शाता है। (एएमएपी)