देश में एक बार फिर कोरोनावायरस ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने देश के 6 राज्यों को खासतौर पर एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने इन राज्यों में कोरोना टेस्टिंग और ट्रैकिंग पर नजर रखने के लिए कहा है। इसके साथ ही वैक्सीनेशन में भी पांच गुना तेजी जाने के लिए कहा है। सरकार ने कोविड-19 की स्थिति की जांच करने और बीमारी के त्वरित और प्रभावी प्रबंधन करने के लिए कहा है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में कोरोना के लगातार मरीज बढ़ने की सूचना आ रही है। ऐसे में इन छह राज्यों की सरकार को पत्र लिखा है और कोरोना को लेकर मरीजों के टेस्ट, ट्रैक, इलाज और वैक्सीनेशन में पांच गुना तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। सरकार की तरफ से बताया गया कि इन राज्यों में कोरोना केसों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

कुछ हफ्ते से केसों में बढ़ोतरी

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा और उल्लेख किया कि देश में पिछले कुछ महीनों के दौरान COVID-19 के केसों की संख्या में जबरदस्त गिरावट देखी गई है। हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों से देश के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से केसों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। 8 मार्च को समाप्त सप्ताह में कुल 2,082 केस दर्ज किए गए हैं और 15 मार्च को समाप्त सप्ताह में यह आंकड़ा बढ़कर 3,264 हो गया है।

महाराष्ट्र में बुधवार को 176 नए केस मिले थे

बता दें कि भारत में कोरोना के केस पिछले कुछ समय से कम हुए थे कि फिर से कोविड-19 के मामलों की संख्या में इजाफा देखने मिल रहा है। खासकर महाराष्ट्र में तो ऐसा ही दिख रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि महाराष्ट्र में बुधवार को 176 नए कोरोना वायरस मामले दर्ज किए गए, जो एक दिन पहले 155 थे। हालांकि, संक्रमण से जुड़ी कोई नई मौत दर्ज नहीं की गई थी। विभाग ने एक बुलेटिन में कहा कि इसके साथ, राज्य का COVID-19 टैली बढ़कर 81,38,829 हो गया, जबकि मरने वालों की संख्या 1,48,426 रही। मंगलवार को, राज्य में 155 मामले दर्ज किए गए थे और दो मौतें वायरल संक्रमण से जुड़ी थीं। राज्य की कोरोना वायरस रिकवरी दर 98।17 प्रतिशत थी, जबकि मृत्यु दर 1।82 प्रतिशत थी।

देश में मिल रहे हैं कोरोना केस

बुधवार के आंकड़ों के अनुसार, देश में 24 घंटे में कोरोना वायरस के 402 केस मिले थे, वहीं, एक्टिव केस भी बढ़कर 3903 हो गए। इससे पहले 13 मार्च को देश में 444, जबकि 12 मार्च को 524 केस मिले थे। 11 मार्च को 456 और 10 मार्च को 440 केस मिले थे।

H3N2 इन्फ्लुएंजा बना नई मुसीबत

गौरतलब है कि कोविड-19 के साथ भारत में एच3एन2 (H3N2) है जो इन्फ्लुएंजा ए वायरस के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं। यानी कि भारत में कोरोना और H3N2 दोनों के मामलों में उछाल आने से लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। एक तरफ कोरोना और दूसरी तरफ H3N2 के बढ़ते मामलों के कारण स्वास्थ विभाग ने उचित सावधानी रखने की सलाह दी है। H3N2 इन्फ्लुएंजा ए वायरस का सब-टाइप है। H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस संक्रमित व्यक्ति से से खांसी या छींक के माध्यम से किसी स्वस्थ व्यक्ति तक पहुंचता है। H3N2 वायरस के संक्रमण के सामान्य लक्षण फ्लू की तरह हैं। इस वायरस की चपेट में आने पर बुखार या तेज ठंड लगना, खांसी, गले में खराश, नाक बहना या कुछ मामलों में नाक बंद होना, सिरदर्द और थकान है। कुछ मामलों में उल्टी या दस्त भी हो सकते हैं। सांस लेने में कठिनाई भी इस वायरस के लक्षण हो सकते हैं जो तीन सप्ताह तक बने रहते हैं।(एएमएपी)