देश में कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी जारी है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 761 नए मामले सामने आए हैं और इससे 12 मरीजों की मौत हुई है। शुक्रवार को जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोरोना के 838 मरीज स्वस्थ हुए हैं। मौजूदा समय में 4334 एक्टिव मामले दर्ज किए गए हैं। कर्नाटक और केरल में कोरोना के नए मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है। यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या भी अधिक है। कर्नाटक में पिछले 24 घंटे में कोरोना से 4 मरीजों की मौत हुई है वहीं, केरल में 5 लोगों की मौत हुई है।

कर्नाटक में सबसे बुरा हाल, महाराष्ट्र में भी बढ़े केस

स्वास्थ्य विभाग के दैनिक बुलेटिन में कहा गया है कि 298 नए मामलों में से 172 अकेले बेंगलुरु से थे। अब यहां कुल 704 एक्टिव केस हैं। कर्नाटक के हसन जिले में 19, मैसूरु में 18 और दक्षिण कन्नड़ में 11 केस मिले हैं। वहीं, चामराजनगर से 8 मामले सामने आए हैं, जबकि बल्लारी और कोप्पाला में 6-3 नए केस मिले हैं। तुमकुरु, विजयनगर और चिक्कमगलुरु में 5-5 एक्टिव केस मिले। कर्नाटक के बाद महाराष्ट्र में भी केस बढ़ रहे हैं। यहां गुरुवार को कोरोना के नए वेरिएंट जेएन-1 के 78 केस मिले। अब तक यहां 110 मरीज मिल चुके हैं। राज्य में पिछले 24 घंटों में कोरोना के कुल 171 नए केस दर्ज किए गए हैं।

कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र अलर्ट

कोविड मामलों के आंकड़ों में बढ़ोतरी के चलते और जेएन-1 सब वेरिएंट का पता चलने के बाद से केंद्र सरकार ने राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निरंतर निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोरोना के प्रसार के मद्देनजर केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की ओर से समय-समय पर नई गाइडलाइन भी जारी की जा रही हैं। साथ ही राज्‍यों और यूटी प्रदेशों को इन सभी गाइडलाइन का सख्‍ती के साथ अनुपालन करने के निर्देश भी दिए हैं।

कब कम होंगे केस, अभी कितना खतरा

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सर्दियों के दौरान हमारी इम्यूनिटी डाउनफॉल में चली जाती है। कई तरह के वायरस सर्कुलेट होते हैं और इन्हें कॉकटेल ऑफ वायरस कहा जाता है। इन्फ्लूएंजा और कई तरह के रेस्पिरेट्री इनफेक्शन होते हैं। उनका ट्रांसमिशन भी बढ़ जाता है। ओमिक्रोन के जो सब वेरिएंट दिख रहे हैं और जिस तरीके से पनप रहे हैं उसी के चलते मामले बढ़ रहे हैं, हालाकि घबराने कि स्थिति नहीं है। जेएन-1 के मामले वैश्विक स्तर पर भी तेजी से फैल रहे है। अगर हम ट्रेंड की बात करें तो हर साल ठंड में मामले बढ़ते है। इस वक्त बहुत ज्यादा जरूरी है कि अपने लक्षणों को समझें और ध्यान रखें और आने वाले वक्त में मामले कम भी हो सकते हैं।(एएमएपी)