अमेरिकी अध्ययन के अनुसार छूने से नहीं फैलता है नोवेल कोरोना वायरस
आपका अखबार ब्यूरो।
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने दावा किया है कि किसी सतह को छूने से कोविड-19 होने की आशंका ना के बराबर है। सीडीसी के मुताबिक, हवा में मौजूद रहने वाली कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के नाक और मुंह से निकली ड्रॉपलेट ही कोरोना के प्रसार का मुख्य कारण हैं।
संक्रमित सतह से संक्रमण की आशंका 0.0001 प्रतिशत
सीडीसी ने कहा है, कोविड-19 के फैलने का प्राथमिक और सबसे महत्वपूर्ण माध्यम व्यक्ति-से-व्यक्ति का निकट संपर्क है। कोविड-19 पर प्रयोगशाला अध्ययनों के डेटा और हमारे पास इसी तरह के श्वसन रोगों के बारे में जो जानकारी है, उसके आधार पर यह संभव हो सकता है कि कोई व्यक्ति वायरसयुक्त किसी सतह या वस्तु को स्पर्श करता है और उसके बाद अपने मुंह, नाक या संभवतः आंखों को छूता है तो कोविड-19 संक्रमण का शिकार हो सकता है, लेकिन यह वायरस फैलने का मुख्य तरीका नहीं माना जाता है। सीडीसी का कहना है कि संक्रमित सतह को छूने से कोरोना होने की आशंका 0.0001 प्रतिशत ही है। दूसरे शब्दों में कहें तो अगर 10,000 लोग किसी संक्रमित सतह को स्पर्श करते हैं, तो उससे कोरोना होने की आशंका सिर्फ एक व्यक्ति को है।
सतह से संक्रमण के अभी तक वैज्ञानिक प्रमाण नहीं
अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई भी ऐसा प्रमाण नहीं मिला है, जिससे पता चले कि संक्रमित सतह को छूने से किसी को कोरोना संक्रमण हुआ हो। अमेरिका के न्यू जर्सी के रटगर्स यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजिस्ट गोल्डमैन के अनुसार, किसी सतह से कोरोना संक्रमण फैलने का कोई वैज्ञानिक कारण अभी तक नहीं मिला है। इसकी आशंका बहुत कम है। कोरोना वायरस छूने से फैलने वाला वायरस नहीं है। यह हवा के जरिए ही श्वसन पथ में जाता है।
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कोरोना जब फैलना शुरू हुआ था, तब इसके बारे में बहुत जानकारियां नहीं थी और इस बात की आशंका जताई गई थी कि किसी भी संक्रमित सतह को स्पर्श करने भर से कोरोना हो सकता है। पिछले साल विशेषज्ञों ने सलाह दी थी कि सार्वजनिक परिवहन, सुपरमार्केट, सार्वजनिक स्थानों और घर के बाहर अन्य सतहों को न छूएं। अगर किसी कारण से छूना भी पड़े तो हाथों को तुरंत सैनिटाइज करें। लेकिन नए शोध के अनुसार, चीजों को छूने से संक्रमण का खतरा कम है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि नए अध्ययन के बाद भी सेनिटाइजेशन के प्रति लापरवाह होना ठीक नहीं है। कुछ अंतराल पर अपने हाथों को साबून-पानी से धोते रहें, बाहर जाएं तो सेनिटाजर का इस्तेमाल करें। मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करें। इससे कोरोना से बचाव में बहुत मदद मिलती है।
खराब वेंटिलेशन वाली जगहों पर संक्रमण का खतरा ज्यादा
सीडीसी ने कहा है कि लोगों को कोरोना संक्रमण का खतरा उन जगहों पर ज्यादा है, जहां वेंटिलेशन खराब है। कोरोना वायरस संक्रमण बंद और भीड़ वाली जगहों पर ज्यादा हो रहा है, जहां ऑक्सीजन की मात्रा कम है। खराब वेंटिलेशन, बंद और भीड़ वाली जगहों पर अगर संक्रमित लोग हैं, तो वहां मौजूद अन्य लोगों के कोरोना से संक्रमित होने का जोखिम भी ज्यादा रहेगा।
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