आपका अख़बार ब्यूरो।
लोगों की कोरोना नियमों के प्रति बढ़ती लापरवाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई है। उनहोंने कहा कि ऐसी लापरवाही के देश को भयावह परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
यह सुखद नजारा नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम सभी भीड़-भाड़ वाली जगहों और बिना मास्क या सोशल डिस्टेंसिंग के घूम रहे लोगों की तस्वीरें और वीडियो देख रहे हैं। यह कोई सुखद नजारा नहीं है और इससे हममें भय की भावना पैदा होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत अपने कोरोना योद्धाओं और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित, वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई को पूरे जोश के साथ लड़ रहा है।
लड़ाई कमजोर होगी
उन्होंने कहा कि देश में कोरोना को हराने के लिए वैक्सीनेशन अभियान लगातार तेज किया जा रहा है। हम अपने देश की आबादी का पर्याप्त संख्या में लगातार टीकाकरण कर रहे हैं। कोरोना परीक्षण की रफ्तार भी लगातार बढ़ाई जा रही है। ऐसे समय में लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एक गलती के दूरगामी प्रभाव होंगे और कोरोना पर काबू पाने की लड़ाई कमजोर होगी। प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि मंत्रियों के रूप में हमारा उद्देश्य भय पैदा करना नहीं बल्कि लोगों से हर संभव सावधानी बरतने का अनुरोध करना होना चाहिए ताकि हम आने वाले समय में इस महामारी से आगे बढ़ सकें।
तीसरी लहर को थामने की तैयारी
देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार की तैयारियां जोर शोर से जारी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में 1500 ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने का आदेश दिया है। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को देश में मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की और डेढ़ हजार ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने का आदेश दिया। ये प्लांट देश के अलग अलग भागों में लगाए जाएंगे।
पीएम केयर्स फंड से ऑक्सीजन प्लांट्स की फंडिंग
प्रधानमंत्री चाहते हैं कि यह काम जल्द से जल्द पूरा हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे तत्परता से निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि ये जल्दी से जल्दी काम करना शुरू कर दें। इन ऑक्सीजन प्लांट्स की फंडिंग पीएम केयर्स फंड से की जाएगी। इससे देश में 4 लाख ऑक्सीजन बेड तैयार करने में मदद मिलेगी।
अस्पताल स्टाफ को रखरखाव का प्रशिक्षण
मोदी ने अस्पताल में कार्यरत स्टाफ को ऑक्सीजन प्लांट के संचालन और रखरखाव के लिए जरूरी ट्रेनिंग देने को कहा। उन्होंने कहा कि हर जिले में कुछ ऐसे लोग होने चाहिए, जिन्हें ऑक्सीजन प्लांट्स के संचालन और रखरखाव का समुचित प्रशिक्षण हो । भारत में पहली लहर के मुकाबले मार्च से लेकर मई तक चली कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के मामले बहुत ज्यादा देखने को मिले थे। मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु समेत देश के तमाम शहरों में मेडिकल ऑक्सीजन, वेंटिलेटर बेड्स आदि तक की कमी पड़ गई थी।