इस स्वरूप से संक्रमित हर चार में से एक रोगी को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा और 2.5 फीसदी रोगियों की मौत हुई। इससे पता चलता है कि नया स्वरूप कोरोना की राष्ट्रीय मृत्यु दर 1.18 फीसदी से करीब 1.32% ज्यादा जानलेवा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि भारत में इस समय एक्सबीबी.1.16 स्वरूप सबसे ज्यादा व्यापक है जो 60 फीसदी से ज्यादा मरीजों में देखने को मिल रहा है। इस अध्ययन में यह पता चला है कि यह वेरिएंट हल्का नहीं है और इसका असर ओमिक्रोन के दूसरे स्वरूप जितना ही गंभीर है। पुणे स्थित ब्यरामजी जीजीभोय मेडिकल कॉलेज, भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान और पुणे के ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने दिसंबर 2022 से बीते आठ अप्रैल 2023 के बीच 2,944 कोरोना मरीजों के जीनोम सीक्वेंस पर अध्ययन किया।
36.17% मरीजों में नया स्वरूप
अध्ययन से शोधकर्ताओं को पता चला कि सर्वाधिक 36.17 फीसदी मरीजों में कोरोना का एक्सबीबी.1.16 स्वरूप मिला, जबकि 12.1% में एक्सबीबी.2.3 और 10.36 फीसदी में एक्सबीबी.1.5 उप स्वरूप मिला है। ये दोनों उप स्वरूप भी हाल ही में सामने आए हैं।
यह लक्षण देखने को मिले
ब्यरामजी जीजीभोय मेडिकल कॉलेज के प्रो. राजेश पी. कार्यकर्ता ने बताया, 2944 में से कुल 2,856 मामलों को अध्ययन में शामिल किया था। सिर्फ एक्सबीबी.1.16 स्वरूप से संक्रमित 276 मरीज थे, जिनमें चिकित्सा स्थिति देखने पर पता चला कि 92 फीसदी कोरोना रोधी टीका की कम से कम एक खुराक ले चुके थे। इनमें जब संक्रमण के लक्षण देखें तो पता चला कि 67 फीसदी को बुखार, 42 फीसदी को कफ, 33.7 फीसदी को नाक बहना, 14.5 फीसदी को शरीर में दर्द और 14.1 फीसदी को थकान हो रही थी।
केवल 17.7 फीसदी को थी पहले से बीमारी
पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की वैज्ञानिक प्रो. वर्षा पोतदार ने कहा, अध्ययन में पता चला कि कोरोना के नए एक्सबीबी.1.16 स्वरूप से संक्रमित 17.7 फीसदी मरीज पहले से बीमार थे, जबकि बाकी को संक्रमित होने से पहले कोई बीमारी नहीं थी। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3,962 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि ये आंकड़ा बुधवार को आए कोरोना के मरीजों की तुलना में थोड़ा अधिक है। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या 36,244 हो गई है। बुधवार को कोरोना के नए मरीजों का आंकड़ा 3,720 था।(एएमएपी)