आपका अखबार ब्यूरो।

इस बात की पूरी संभावना है कि कोरोना से लड़ाई में अगले हफ्ते से देश को तीसरी वैक्सीन भी मिल जाएगी। रूस में निर्मित कोरोना की वैक्सीन स्पूतनिक भारत पहुंच चुकी है। यह जानकारी नीति आयोग की स्वास्थ्य समिति के सदस्य वीके पॉल ने दी।


जल्दी ही टीकाकरण कार्यक्रम को गति देगी स्पूतनिक

India badly needs Sputnik V in fight against COVID-19

रूस में निर्मित वैक्सीन स्पूतनिक को भारत में इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने के बाद से ही इस बात को लेकर लोगों में उत्सुकता बनी हुई थी कि यह कब भारत पहुंचेगी और कब से इसे टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। नीति आयोग की स्वास्थ्य समिति के सदस्य वीके पॉल ने इस सम्बंध में अहम जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि स्पूतनिक वैक्सीन भारत पहुंच चुकी है और उम्मीद है कि अगले सप्ताह से यह बाजार में भी उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा कि रूस से जो सीमित आपूर्ति आई है, वह अगले सप्ताह से बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी तथा इसकी और भी खेप भारत आने वाली है। इससे भारत के कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम में गति आने की संभावना है। इसकी प्रभावकारिता 92 फीसदी के आसपास है।

जुलाई से देश में ही होगा उत्पादन

Russia seeks to make Sputnik V in Italy as overseas demand surges | Financial Times

रूस से वैक्सीन आने के साथ-साथ देश में भी इसका उत्पादन जुलाई से शुरू किया जाएगा, ताकि इसकी आपूर्ति ज्यादा मात्रा में और तेजी से हो सके। इस सम्बंध में जानकारी देते हुए पॉल ने कहा कि भारत में जुलाई से स्पूतनिक वैक्सीन का उत्पादन भी शुरू होने वाला है। भारत में स्पूतनिक की 15 करोड़ 60 खुराक का उत्पादन होगा। भारत में कोरोना वैक्सीन की अब तक 17.70 से ज्यादा खुराक लोगों को दी जा चुकी है। भारत टीकाकरण के मामले में तीसरे नंबर पर है। इस मामले में अमेरिका पहले नंबर पर है, जहां लोगों को करीब 26 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं। पॉल ने कहा, हमें खुशी है कि देश में 45 साल से अधिक आयु के एक तिहाई लोगों को कोरोना से सुरक्षा कवच दिया जा चुका है। 45 साल या उससे अधिक आयु के ही 88 प्रतिशत लोगों की कोरोना के चलते मौतें हुई हैं। ऐसे में इस आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण जरूरी था और इस पर ही पहले फोकस किया गया है।

अगले सात महीनों में भारत में वैक्सीन 216 करोड़ खुराक होगी उपलब्ध

पॉल ने यह भी जानकारी दी कि देश में अगस्त से दिसंबर तक विभिन्न वैक्सीनों कुल 216 करोड़ खुराक उपलब्ध होने की संभावना है। इसमें देश में बनी कोवैक्सीन, देश में उत्पादित कोविशील्ड के अलावा कई विदेशी वैक्सीन की डोज भी उपलब्ध होने की उम्मीद है। 216 करोड़ खुराक में 55 करोड़ खुराक कोवैक्सीन की, 75 करोड़ खुराक कोविशील्ड की, 30 करोड़ खुराक बायो ई सब यूनिट वैक्सीन की, 5 करोड़ खुराक जायडस कैडिला डीएनए की, 20 करोड़ खुराक नोवावैक्सीन की, 10 करोड़ खुराक भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन की, 6 करोड़ खुराक जिनोवा की और 15 करोड़ खुराक स्पुतनिक की उपलब्ध होगी। इसके अलावा दूसरी विदेशी वैक्सीनों को भारत में मंजूरी दी जी सकती है।

कोरोना के मामलों में आई कमी

What Does 'Recovered From Coronavirus' Mean? - The Wire Science

8 मई के बाद भारत में रोजाना चार लाख से कम मामले आ रहे हैं और लोगों को स्वस्थ होने की दर भी बढ़ी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार, पिछले दो हफ्ते से देश के 187 जिलों में कोरोना के मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली और अन्य राज्यों में पॉजिटिविटी रेट में कमी आई है। इसकी वजह से पूरे देश में पॉजिटिविटी रेट में गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसा लग रहा है कि कई राज्यों में लॉकडाउन और सख्तियों का असर हुआ है। बिहार में भी हालात काफी सुधरे हैं और वहां कोरोना के दैनिक मामलों में कमी देखने को मिली है तथा लोगों के स्वस्थ होने की रफ्तार भी तेज हुई है। अब वहां सक्रिय मामलों की संख्या एक लाख से नीचे आ गई है।

 

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