दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिमांड खत्म होने के बाद शुक्रवार को उन्हें फिर से राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई। अदालत ने एक बार फिर मनीष सिसोदिया को 5 दिन की ईडी की रिमांड पर सौंपने के निर्देश दिए। आज केस से जुड़े कई नए तथ्य कोर्ट के सामने रखते हुए ईडी ने 7 दिन और ‘आप’ नेता की रिमांड मांग की थी।राउज एवेन्यू कोर्ट ने 10 मार्च को 51 वर्षीय सिसोदिया को 17 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था। ईडी ने उस साजिश का पर्दाफाश करने के लिए सिसोदिया की हिरासत मांगी थी, जिसके जरिये उन पर 290 करोड़ रुपये कथित तौर पर ‘अपराध से अर्जित’ करने का आरोप है। ईडी ने दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में सिसोदिया को 9 मार्च को तिहाड़ जेल नंबर 51 से गिरफ्तार किया था।

सिसोदिया ने दोषपूर्ण आबकारी नीति बनाने की साजिश रची

ईडी का आरोप है कि सिसोदिया ने 290 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत और ‘अपराध से आय’ अर्जित करने के वास्ते दोषपूर्ण आबकारी नीति तैयार करने के लिए अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची। ईडी ने दावा किया कि इस मामले में आरोपी कंपनी ‘साउथ ग्रुप’ से ‘रिश्वत’ के रूप में 100 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। ईडी ने यह भी दावा किया कि इंडोस्पिरिट्स कंपनी ने 192.8 करोड़ रुपये का लाभ कमाया, जो कि आबकारी नीति 2021-22 में की गई कथित अनियमितताओं के माध्यम से उत्पन्न ”अपराध की आय” है। एजेंसी ने यह भी दावा किया कि सिसोदिया ने 7 मार्च और 9 मार्च को तिहाड़ जेल में पूछताछ के दौरान ”झूठे” बयान दिए। (एएमएपी)