कोचर दंपती के वकील ने बताया कि अदालत ने उन्हें इस आधार पर जमानत दी कि चंदा कोचर व उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी अवैध थी, क्योंकि धारा 41 ए के तहत जारी नोटिस के अनुपालन में कोचर दंपती सीबीआई के सामने पेश हुए थे। उन्होंने बताया, सीबीआई द्वारा किसी भी परिस्थिति का विरोध नहीं किया गया। इसलिए उन्हें जमानत दी गई।
क्या है पूरा मामला
आरोपों के मुताबिक आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर ने बैंक के नियमों का उल्लंघन करते हुए वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये ऋण दिया था। धूत ने 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को ऋण मिलने के बाद कथित तौर पर न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) में करोड़ों रुपये का निवेश किया। इस फर्म को धूत ने ICICI से ऋण मिलने के छह माह बाद चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और दो रिश्तेदारों के साथ मिलकर शुरू किया था। एक गुमनाम मुखबिर की एक शिकायत के बाद मामले का खुलासा हुआ। जनवरी 2019 को केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई ने वेणुगोपाल धूत, चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर पर आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया। फरवरी 2019 में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। (एएमएपी)