बंगाल की खाड़ी में बनने लगा साइक्लोन ‘हामून’
हिंद महासागर में बने चक्रवाती तूफान तेज की वजह से ये माना जा रहा था कि इसका असर भारत के तटीय राज्यों पर भी पड़ सकता है। सबसे ज्यादा असर गुजरात पर पड़ने का अंदेशा जताया गया था। हालांकि, गुजरात तक तूफान का असर होने की न के बराबर संभावना है। जूम अर्थ के डेटा को देखने से मालूम चलता है कि चक्रवाती तूफान तेज मंगलवार को 120 किमी रफ्तार के साथ तट से टकरा सकता है। इसका असर यमन और ओमान दोनों ही देशों पर पड़ने वाला है। इस दौरान तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है।
आईएमडी ने बताया है कि पहला उत्तर-पूर्व मानसूनी चक्रवात बंगाल की खाड़ी में अगले हफ्ते तक तैयार हो जाएगा। इसे हामून नाम दिया गया है, जो ईरान ने रखा है। वर्तमान के मौजूदा मौसम के हालात इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि चक्रवात का बनना तय है। मौसम विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव के सोमवार शाम तक चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है। जूम अर्थ के मुताबिक, अभी इसकी रफ्तार 55 किमी प्रति घंटा है और ये धीरे-धीरे आगे की ओर बढ़ रहा है। इसकी वजह से पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बारिश हो रही है।
आईएमडी ने बताया कि गहरे दबाव वाला यह क्षेत्र रविवार रात से उत्तर-पूर्व की तरफ बढ़ रहा है। अगर अभी इसकी लोकेशन की बात करें, तो ये पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के पारादीप से लगभग 400 किलोमीटर और पश्चिम बंगाल के दीघा से करीब 550 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है।
बंगाल की खाड़ी में बने इसे गहरे दबाव क्षेत्र के लिए अगले 12 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगले 12 घंटे में ये चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। आईएमडी का कहना है कि ये 25 अक्टूबर की शाम तक खेपुपारा और चटगांव के बीच बांग्लादेश तट को पार कर सकता है। चक्रवाती तूफान को देखते हुए ओडिशा सरकार पूरी तरह से अलर्ट हो गई है। सभी जिला कलेक्टर को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश मिला है। सरकार ने भारी बारिश होने की सूरत में प्रशासन से निचले इलाकों से लोगों को निकालने को भी कहा है। (एएमएपी)