देश-दुनिया के इतिहास में 20 दिसंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। भारत के परिदृश्य में युवाओं के लिए यह तारीख बेहद खास है। यह बात वर्ष 1988 की है। संसद ने 20 दिसंबर, 1988 को संविधान संशोधन के माध्यम से मतदान करने की आयु 21 से घटाकर 18 साल करने संबंधी विधेयक को मंजूरी प्रदान की थी।
दरअसल, वर्ष 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनाया गया था। राजीव गांधी के कार्यकाल को कई अहम फैसलों के लिए याद किया जाता है। उनमें एक सबसे अहम फैसला था कि 18 साल के युवाओं को मतदान करने का अधिकार देना। 20 दिसंबर, 1988 को मतदान की उम्र 21 से घटाकर 18 साल करने के लिए संसद में कानून को मंजूरी दी गई थी।
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साल के आखिरी महीने का 20वां दिन इसीलिए युवाओं के लिए खास माना जाता है। 20 दिसंबर को यूं तो देश और दुनिया में कई ऐसी बड़ी घटनाएं हुईं जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गईं, लेकिन भारत के लिहाज से युवाओं के लिए यह दिन बेहद खास रहा। ऐसा नहीं है कि युवा और बुजुर्ग अलग-अलग पार्टियों को वोट देते हैं। हालांकि कुछ बुजुर्ग पुरानी पार्टियों को ज्यादा तरजीह देते हैं। लेकिन यह बात सही है कि इससे संसदीय राजनीति में युवाओं की रुचि बढ़ी और देश को और समावेशी बनाने में मदद मिली। (एएमएपी)