इतना होना चाहिए विटामिन ई का स्तर
ब्लड टेस्ट के माध्यम से विटामिन ई की कमी का पता लगाया जा सकता है। आमतौर पर आपके शरीर में यह 5 से 5।17 मिलीग्राम प्रति लीटर होना चाहिए। हालांकि समय से पहले जन्मे शिशुओं और 17 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए यह सीमा अलग हो सकती है। जब किसी वयस्क के ब्लड में विटामिन ई का स्तर 4 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम होता है तो यह गंभीर स्थिति मानी जाती है और उन्हें इस विटामिन के सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है।
विटामिन ई की कमी के संकेत
शरीर में विटामिन ई की कमी होने पर कई लक्षण नजर आ सकते हैं। समय पर इनपर ध्यान देकर आप कई रोगों से बच सकते हैं।
1- कमजोर मांसपेशियां
आपके सेंट्रल नर्वस सिस्टम को चुस्त रखने के लिए विटामिन ई बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से आपकी मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। यह शरीर के लिए आवश्यक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। इसकी कमी के कारण आपको ऑक्सीडेटिव तनाव हो सकता है। सेंट्रल नर्वस सिस्टम मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के बीच संचार करता है। इसकी कमी से मस्तिष्क को संकेत मिलने तक में परेशानी होती है।
2- चलने में परेशानी
विटामिन ई की कमी के कारण आपको चलने में परेशानी हो सकती है। इस विटामिन की कमी से शरीर के पुर्किन्जे न्यूरॉन्स टूटने लगते हैं, जिससे शरीर में संकेत संचारित नहीं हो पाते। ऐसे में आपको चलने-फिरने में परेशानी आ सकती है।
3- शरीर में झनझनाहट
विटामिन ई की कमी से आपके नर्व फाइबर को नुकसान होता है। ऐसे में नर्वस शरीर में संकेतों को सही ढंग से भेज नहीं पाती। जिसके कारण शरीर में झनझनाहट होने लगती है। इसे पैरिफल न्यूरोपैथी कहा जाता है।
4- नजरें कमजोर होना
आंखों की रोशनी बनाए रखने में विटामिन ई का महत्वपूर्ण रोल होता है। इसकी कमी से रेटिना और आंखों की लाइट रिसेप्टर्स कमजोर हो सकते हैं। इतना ही नहीं इस विटामिन की ज्यादा कमी होने से आपकी आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
5- इम्यूनिटी के लिए जरूरी
शरीर की इम्यूनिटी आपको कई बीमारियों और संक्रमणों से बचाती है। लेकिन अगर आपमें विटामिन ई की कमी है तो ये आपकी इम्यूनिटी को कमजोर कर देगी। बढ़ती उम्र के साथ यह जोखिम और बढ़ जाता है।
ये हैं विटामिन ई की कमी के कारण
1- वसा अवशोषित न होना
विटामिन ई वसा में घुलनशील है। जिसका मतलब है कि इसे ठीक से अवशोषित होने के लिए आहार से वसा की आवश्यकता होती है। लेकिन जो लोग क्रोनिक डायरिया, सीलिएक रोग या सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसी स्थितियों से पीड़ित हैं, उन्हें वसा को अवशोषित करने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में उनमें विटामिन ई की भी कमी होती है।
2- समय से पहले जन्म
समय से पहले जन्मे शिशुओं में विटामिन ई की कमी होने की आशंका अधिक होती है। क्योंकि ऐसे शिशुओं का पाचन तंत्र ठीक से विकसित नहीं हो पाता। जिसके कारण वे विटामिन ई को अवशोषित नहीं कर पाते।
3- आनुवंशिक कारण
कुछ दुर्लभ आनुवंशिक विकार विटामिन ई के अवशोषण को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे इसकी कमी हो सकती है।एबेटालिपोप्रोटीनीमिया और फैमिली आइसोलेटेड विटामिन ई इसमें प्रमुख हैं।
4- लो फैट फूड
लो फैट फूड का सेवन करने वाले लोगों में भी विटामिन ई की कमी हो सकती है। क्योंकि यह वसा में घुलनशील विटामिन है।
5- शराब का अत्यधिक सेवन
शराब का अत्यधिक सेवन विटामिन ई के अवशोषण को बाधित कर सकता है।
विटामिन-ई के फायदे
विटामिन-ई शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसानों से बचाता है। सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से त्वचा को सुरक्षित रखता है। सनबर्न नहीं होने देता है। झुर्रियों, फाइन लाइंस, रूखी, बेजान त्वचा जैसी समस्याओं से स्किन को प्रोटेक्ट करता है। विटामिन-ई कोलेस्ट्रॉल के कारण हृदय को होने वाले नुकसानों से भी बचाए रखता है। आर्टरीज में होने वाले कठोरता को कम करता है। इतना ही नहीं, विटामिन-ई शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाकर बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन से सुरक्षा प्रदान करता है।
इन फूड्स से मिलेगा विटामिन-ई
1- बादाम
एक दिन में आप 5-7 बादाम का सेवन करें, ताकि शरीर में विटामिन ई का लेवल बना रहे। बादाम खाने से सेहत को कई अन्य लाभ भी होता है। बादाम विटामिन-ई का सबसे अच्छा स्रोत माना गया है। बादाम का दूध और तेल भी मिलता है, लेकिन आप कच्चे बादाम का सेवन करेंगे तो फायदा आधिक होगा।
2- पालक
पालक आयरन से भरपूर होने के साथ ही इसमें विटामिन-ई भी होता है। यह पाचन में मदद करता है। पालक विटामिन-ई का एक समृद्ध स्रोत है, जो आपको उचित ऑक्सीकरण प्रदान करता है। इससे आपकी त्वचा स्वस्थ बनी रहती है। महिलाओं को पालक खाने की खास सलाह दी जाती है, क्योंकि उन्हें आयरन की कमी अधिक होती है। पालक में मौजूद एक्सफोलिएटिंग तत्व के कारण इसे हर किसी को अपने डाइट में ज़रूर शामिल करना चाहिए। आहार विशेषज्ञ दावा करते हैं कि पालक के सेवन से कोई नुकसान नहीं होता है। यह आपके सिस्टम की कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए हर तरह से फायदेमंद होता है।
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3- केल
केल एक बेहद ही पौष्टिक खाद्य पदार्थ है, लेकिन इसका सेवन लोग कम ही करते हैं। इसके प्रत्येक दिन सेवन से विटामिन-ई की डेली इनटेक की पूर्ति होती है। केल में मौजूद विटामिन शरीर की कई तरह से मदद कर सकता है। चूंकि, केल अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है, इसलिए यह किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे अच्छा फूड है।
4- बीज
कई तरह के बीज जैसे कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज में भी विटामिन-ई भरपूर मात्रा में होता है। इन बीजों को हर दिन कच्चा खाने से विटामिन-ई की कमी को दूर किया जा सकता है, क्योंकि इन बीजों में विटामिन-ई मौजूद होते हैं। कच्चे बीज पाचन में भी मदद करते हैं और आपके पेट को साफ रखते हैं।
ये भी फूड करें डाइट में शामिल
आप विटामिन ई के लिए ब्रोकली, ऑलिव्स, पपीता, पार्सले, ब्रोकली, एवोकाडो, पाइन नट्स, हेजल नट्स, सोया प्रोडक्ट्स आदि का सेवन कर सकते हैं।(एएमएपी)