
हालांकि, दोनों एक्साइज पॉलिसी की तुलना नहीं हो सकती है, क्योंकि मौजूदा नीति में एक्साइज ड्यूटी से राजस्व मिल रहा है जबकि इससे पहले लागू रही नीति में लाइसेंस फीस के तौर पर कमाई हुई थी। इसके अलावा 2021-22 की नीति के सामने कुछ और भी समस्याएं थीं। जैसे शुरुआत में कम ही दुकानें खुल पाईं थीं। इसके अलावा कोरोना की लहर की वजह से एक सप्ताह दुकानें बंद भी करनी पड़ीं। इसके बाद जून में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद 350 दुकानें ही रह गईं थीं जिसके बाद सरकार ने पॉलिसी को वापस ले लिया था।
पुरानी नीति को दोबारा लागू करने के बाद सरकार ने दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन (डीडीआआईडीसी), दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (डीटीटीडीसी), दिल्ली कंज्यूमर्स कॉरपोरेटिव होलसेल स्टोर (डीसीसीडब्ल्यूएस) और दिल्ली स्टेट सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएससीएससी) के जरिए 300 दुकानों में बिक्री शुरू की। एक महीने के भीतर ही दुकानों की संख्या बढ़कर 460 हो गई और अभी करीब 638 दुकानें हैं। (एएमएपी)



