रोक की मांग वाली याचिका खारिज कर याचिकाकर्ताओं को फटकारा, एक लाख जुर्माना ठोका।
आपका अखबार ब्यूरो।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा है कि सेंट्रल विस्टा एक महत्वपूर्ण और आवश्यक राष्ट्रीय परियोजना है जिस पर कोरोना काल में भी काम जारी रहेगा। इसे रोके जाने का कोई औचित्य नहीं है। इसी के साथ न्यायालय ने कोरोना संकट के कारण परियोजना पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाते हुए उन पर एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया। हाईकोर्ट ने कहा कि यह जनहित में दायर की गई याचिका नहीं, बल्कि एक मोटिवेटेड प्रेरित याचिका थी।
जान खतरे में
याचिका में कहा गया था कि कोरोना महामारी के दौर में सेंट्रल विस्टा सरीखे किसी भी प्रोजेक्ट को निर्माण कार्य जारी रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि संक्रमण की वजह से बहुत से लोगों की जान खतरे में है।
सुप्रीम कोर्ट ने भेजा था हाईकोर्ट
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर विपक्षी दल पहले से ही नरेंद्र मोदी सरकार पर काफी हमलावर थे। कोरोना की दूसरी लहर आने पर उन्होंने सरकार से परियोजना पर निर्माण कार्य बंद करने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने निर्माण कार्य जारी रखा। उसके बाद याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट गए और प्रोजेक्ट पर काम रोकने की याचिका लगाई। वहां सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा कि आप दिल्ली हाईकोर्ट जाएं और वहां याचिका लगाएं। उसके बाद याचिकाकर्ता दिल्ली हाईकोर्ट आए और कोरोना वायरस संकट का हवाला देते हुए सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य को रोकने की मांग की।
यह जरूरी काम नहीं
सेंट्रल विस्टा पर निर्माण कार्य को रोकने की मांग वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में अनुवादक अन्या मल्होत्रा और इतिहासकार सोहेल हाशमी ने संयुक्त रूप से दायर की थी। याचिका में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर काम फिलहाल रोकने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट एक जरूरी काम नहीं है। देश में बढ़ते महामारी के प्रकोप को देखते हुए इसे कुछ समय के लिए रोका जा सकता है। याचिका में कहा गया था कि बड़ी संख्या में मजदूर वहां काम कर रहे हैं। कोरोना महामारी की वजह से उनके और दूसरे तमाम लोगों के जीवन को खतरा है।
दाल में कुछ काला
याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि यह याचिका वास्तविक जनहित याचिका नहीं है बल्कि किसी मकसद से प्रेरित है। चूंकि परियोजना पर काम करने वाले मजदूर और अन्य कर्मचारी कंस्ट्रक्शन साइट पर ही रह रहे हैं इसलिए निर्माण कार्य रोकने का कोई औचित्य खड़ा नहीं होता।
जनहित बहुत सिलेक्टिव
हाई कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में और परियोजना स्थल पर कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। मेहता ने याचिकाकर्ताओं की नीयत पर सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि इसे जनहित याचिका बताया गया है लेकिन उनका जनहित बहुत सिलेक्टिव है। सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट को साइट से सिर्फ 2 किलोमीटर के फ़ासले पर जो निर्माण कार्य चल रहा है वहां के मजदूरों की फिक्र याचिकाकर्ताओं को नहीं है।
देश को PM आवास नहीं, सांस चाहिए! pic.twitter.com/jvTkm7diBm
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 9, 2021
राहुल बोले- आपराधिक फिजूलखर्ची
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि “सेंट्रल विस्टा आपराधिक फिजूलखर्ची है। लोगों के जीवन को केंद्र में रखिए ना कि नया घर पाने के लिए अपने अंधे घमंड को।” राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के कई नेता सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं।
राहुल गांधी ने ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की कि सेंट्रल विस्टा के नाम पर मोदी धन की बर्बादी कर रहे हैं और अगर सेंट्रल विस्टा का काम रोक लिया जाएगा तो देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति को संभालने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने ऐसी तस्वीर पेश करने की कोशिश की कि जिस समय देश कोरोना की महामारी से जूझ रहा है उस समय मोदी को देशवासियों की कोई चिंता नहीं है… वह अपना आलीशान मकान (सेंट्रल विस्टा) बनवाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि “देश को इस वक्त प्रधानमंत्री आवास नहीं बल्कि सांस चाहिए।” इसी के साथ उन्होंने दो फोटो ट्विटर पर डाले। एक फोटो में कोरोना के मरीजों और उनके परिवार वालों को दिखाया गया जो ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ लाइन में खड़े हैं। दूसरी फोटो में उन्होंने इंडिया गेट को दिखाया जहां सेंट्रल विस्टा के प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य चल रहा है।
Central Vista is criminal wastage.
Put people’s lives at the centre- not your blind arrogance to get a new house!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 7, 2021
सेंट्रल विस्टा है क्या?
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत एक नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है। इसमें आवासीय परिसर और तमाम मंत्रालयों के कार्यालय भी होंगे। प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति का आवास होगा। उनके कार्यालय होंगे। तमाम मंत्रालयों और उनके विभागों के लिए कार्यालयों का निर्माण किया जाएगा। ये सभी अभी दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग भवनों में हैं।