कलाकारों ने कहा- ‘बाबा’ ने ‘मिट्टी’ को ‘सोना’ बना दिया।

गोरखपुर क औरंगाबाद गांव के टेराकोटा कलाकारों का बिजनेस अब बूम करने लगा है। इससे अह्लादित कलाकार फूले नहीं समा रहे हैं। अपनी बिजनेस के बढ़ने की वजह बताते हुए कहते हैं कि बाबा (योगी आदित्यनाथ) ने मिट्टी को सोना बना दिया। न सिर्फ ‘एक जिला एक उत्पाद’ में टेराकोटा को स्थान दिया, बल्कि खुद ही इसके ब्रांड अम्बेसडर भी बन गये। उनके इस कदम ने हमें संजीवनी दे दी। हमारी तकदीर बदल गई।बकौल राजन प्रजापति, बाबा (पूर्वांचल में योगी आदित्यनाथ को बाबा या महाराज जी पुकारते हैं) ने हमारी मिट्टी को सोना बना दिया। टेराकोटा को गोरखपुर का ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) घोषित किया और खुद ही वे इसके ब्रांड अम्बेसडर बन गये। हर मंच से इसकी चर्चा की। इससे उत्पादों की जबरदस्त ब्रांडिंग हुई। ओडीओपी योजना के तहत मिलने वाली वित्तीय मदद पर अनुदान, नई तकनीक और विशेषज्ञों की राय ने हमें पंख दे दिये। अब ऊँची उड़ान भर रहे हैं।

ऐसा कहने वाले राजन अकेले नहीं हैं। उनके वर्कशॉप में काम कर रहे जगदीश प्रजापति, रविन्द्र प्रजापति और नागेंद्र प्रजापति भी हैं। माटी में जान डालने का हुनर रखने वाले ये सभी लोग उद्योग निदेशालय उत्तर प्रदेश सरकार से पुरस्कृत हो चुके हैं। औरंगाबाद से निकले अलगू के भाई बिलगू उर्फ विनोद ने दिल्ली में यह काम शुरू किया। आज वह बड़े वर्कशॉप के मालिक हैं। यही नहीं, यहां के लोग अलगू के हुनर का लोहा मानते हैं।

नई तकनीक से उत्पादन दोगुना

टेराकोटा को गोरखपुर का ओडीओपी घोषित करने से हुए लाभ की चर्चा करते हुए नागेन्द्र प्रजापति कहते हैं कि अनुदान, तकनीक और भरपूर बिजली से हमको बहुत लाभ हुआ। पहले से बहुत कम मेहनत में अधिक उत्पादन कर लेते हैं। अब बटन दबाते ही बिजली से चलने वाला चाक स्टार्ट हो जाता है। बिजली मिलने से दिन-रात काम करने की सहूलियत है। हमारा उत्पादन दोगुने से अधिक हो गया। मिट्टी गूंथने का काम पग मशीन ने आसान कर दिया। दो घण्टे तक मिट्टी गूथने से हफ्ते-दस दिन तक काम किया जा सकता है। हमें फिनिशिंग के लिए घूमने वाला डिजाइन टेबल भी मिल गया है। इनका कहना है की ओडीओपी घोषित होने के बाद इस व्यवसाय से 30-35 फीसद नये लोग जुड़ गये हैं। (एएमएपी)