10.1 करोड़ आबादी ग्रसित।
द लैंसेट डाटबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-इंडिया डायबिटीज ने किया है, जिसमें यह बात सामने आई है कि भारत में डायबिटीज मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। स्टडी में कहा गया कि 2019 में जहां भारत में डायबिटीज के सात करोड़ मरीज थे अब इस संख्या में 44% का उछाल आया है। शोध में कहा गया कि भारत की 15.3% आबादी (कम से कम 13.6 करोड़ लोग) प्री-डायबिटीज हैं। भविष्य में डायबिटीज होने के खतरे को प्री-डायबिटीज कहा जाता है। यह आंकड़ा पूर्व में डायबिटीज को लेकर लगाए गए अनुमानों से काफी अधिक है, जिसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अनुमान लगाया था कि भारत में लगभग 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज से ग्रसित होंगे जबकि शोध में डायबिटीज मरीजों का असल आंकड़ा 10.1 करोड़ सामने आया है। वहीं, WHO का अनुमान था कि 2.5 करोड़ प्री-डायबिटीज होंगे लेकिन असल आंकड़ा इससे काफी बड़ा है।
एक दशक लंबा चला शोध
डायबिटीज पर किया गया यह शोध 10 सालों तक चला, जिसे भारत का अब तक का सबसे बड़ा सर्वे कहा जा रहा है। मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन ने इस शोध को करने में आईसीएमआर की मदद की है। इसमें भारत के हर राज्य से लोगों ने हिस्सा लिया। शोध की प्रमुख लेखिका और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. रंजीत मोहन अंजना ने बताया कि यह स्थिति किसी टाइम बम जैसी है। अगर आप प्री-डायबिटीज हैं तो आपको डायबिटीज होने की आशंका बेहद ज्यादा है। प्री-डायबिटीज वाले 60 फीसदी लोगों में अगले पांच सालों में ये बीमारी हो ही जाती है।
भारत की स्थिति
शोध में यह बात सामने आई है कि भारत में सबसे अधिक डायबिटीज मरीज गोवा में हैं। गोवा की 26.4% आबादी डायबिटीज से ग्रसित है। इसके बाद पुडुचेरी (26.3%) और केरल (25.5%) का स्थान आता है। उत्तर प्रदेश में सबसे कम 4.8% डायबिटीज मरीज हैं लेकिन यहां की लगभग 18% आबादी प्री- डायबिटीक है जो कि एक बड़ा खतरा है। शोध में कहा गया है कि फिलहाल उत्तर प्रदेश, मध्य-प्रदेश, बिहार और अरुणाचल प्रदेश में डायबिटीज का प्रसार कम है लेकिन साथ ही यह कहा गया है कि इन राज्यों में डायबिटीज के तेजी से बढ़ने का खतरा है। डॉ. अंजना कहती हैं कि जिन राज्यों में डायबिटीज के मामले कम हैं वहां प्री-डायबिटीज के मामले अधिक हैं।
डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी, सकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल, बेंगलुरु के डायरेक्टर डॉ। मंजुनाथ मलिंगे कहते हैं कि देश में डायबिटीज के मामले और तेजी से बढ़ेंगे। वो कहते हैं, ‘डायबिटीज के मामलों में बढ़ोतरी के कई कारण हैं जैसे- अनहेल्दी लाइफस्टाइल, मोटापा और तनाव। आने वाले समय में महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ेंगे।’
क्या है डायबिटीज?
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। यह तब होती है जब शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन हार्मोन नहीं बना पाता या इंसुलिन का अच्छी तरह से इस्तेमाल नहीं कर पाता। इंसुलिन पैंक्रियाज द्वारा बनाया गया एक हार्मोन है जो कार्बोहाइड्रेट के टूटने से बने ग्लूकोज को ऊर्जा के लिए उपयोग करने में मदद करता है।
डायबिटीज के लक्षण- बार-बार पेशाब आना, नींद पूरी होने के बाद भी थकान महसूस होना, बार-बार भूख लगना, वजन कम होना, आंखों की रोशनी कम होना और धुंधला दिखाई देना, घाव का जल्दी न भरना आदि।
डायबिटीज से बचने के उपाय
सही लाइफस्टाइल, संतुलित डाइट और नियमित एक्सरसाइज से हम कई बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं। डायबिटीज आनुवांशिक कारणों से भी होता है इसलिए कई बार इसे रोकना मुश्किल हो सकता है लेकिन एहतियात बरतकर हम इसके खतरे को कम कर सकते हैं। रोजाना आधे घंटे चलकर भी डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है। (एएमएपी)