अभिषेक राजा।
वैश्विक महामारी के दौर में जिस तरह से वर्चुअल वर्ल्ड ने हर तरह से लोगों को सहूलियतें प्रदान की, चाहे वह शिक्षा की बात हो, नौकरी की बात हो, ऑनलाइन काम की बात हो, शॉपिंग की बात हो, बैंकिंग लेन-देन की बात हो या फिर अन्य किसी भी तरह की सहायता या काम की बात हो, उसे देखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने अब भारत को डिजिटली मजबूत बनाने का इरादा पूरी तरह से साफ कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश करते हुए इसकी न सिर्फ बानगी दिखाई बल्कि इसके जरिये सुस्त अर्थव्यस्था को रफ्तार देने की भी कवायद की।
डिजिटल करेंसी शुरू करने, डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने, हाशिये के लोगों के बच्चों को ऑनलाइन एजुकेशन देने के लिए 200 एजुकेशन चैनल शुरू करने, 5जी सर्विस शुरू करने, ई-पासपोर्ट जारी करने, गांवों में ब्रॉड बैंड सेवाओं को बढ़ाने, ग्रामीण और दूर दराज के क्षेत्रों में बैंक और मोबाइल आधारित सेवाओं को बढ़ाने जैसे कदम भारत को डिजिटल दुनिया में न सिर्फ मजबूती दिलाएंगे बल्कि इससे लोगों को सहूलियतें भी मिलेंगी और कोरोना आपदा की वजह से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को पंख भी लगेंगे। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने का स्पष्ट इरादा न सिर्फ वित्त मंत्री के बजट भाषण में दिखा बल्कि उन्होंने खुद भी इस पर अमल करते हुए पहली बार करीब 40 लाख करोड़ रुपये का डिजिटल बजट पेश किया। इस बार उन्होंने बिना पेपर के टैबलेट के जरिये बजट भाषण दिया।
शुरू होगी डिजिटल करेंसी
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए डिजिटल करेंसी शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2022-23 में डिजिटल रुपया लागू करेगा। ब्लैक चेन तकनीक पर डिजिटल करेंसी जारी की जाएगी। इससे न सिर्फ लोगों को बड़ी राशि लाने ले जाने में सुविधा होगी बल्कि कैशलेस इकोनॉमी को भी बढ़ावा मिलेगा।
5जी और ई-पासपोर्ट की शुरुआत
ऑनलाइन सेवाओं पर लोगों की बढ़ती निर्भरता और डिजिटल इंडिया को मजबूती देने के लिए इंटरनेट की स्पीड काफी मायने रखती है। यही वजह है कि वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022-23 में 5जी सर्विस शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 2022 से 5जी सर्विस को शुरू किया जाएगा। 59 स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी और इसके बाद टेलीकॉम कंपनियां5जी सर्विस शुरू करेंगे।इसके अलावा इसी वित्त वर्ष से ई-पासपोर्ट की सुविधा भी शुरू की जाएगी और चिप वाले पासपोर्ट दिए जाएंगे।
हाईलाइट्स-
- शुरू होगी डिजिटल करेंसी
- 5जी और ई-पासपोर्ट की शुरुआत
- ई-विद्या स्कीम के तहत ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा, खुलेंगे 200 नए टीवी चैनल
- ग्रामीण इलाकों में डिजिटल सुविधाओं को मिलेगा बढ़ावा, ब्रॉड बैंड सर्विस भी बढ़ेगा
- सरकारी खरीद में ई-बिल से आएगी पारदर्शिता
- 80 लाख नए घर, 60 लाख नौकरियां, 400 वंदे भारत ट्रेन
- राज्यों को एक लाख करोड़ की सहायता, 50 साल के लिए बिना ब्याज के कर्ज
- 2022-23 में राजस्व खर्च 39.45 लाख करोड़ रुपये रहने और विकास दर 9.2 फीसदी रहने का अनुमान
ई-विद्या
कोरोना महामारी के चलते प्रभावित हो रही बच्चों की शिक्षा को नया आयाम देने के लिए वित्त मंत्री ने ई-विद्या स्कीम की शुरुआत करने की घोषणा की। कोरोना की वजह से स्कूल बंद पड़े हुए हैं। ऐसे में ऑनलाइन एजुकेशन का एक नया दौर शुरु हुआ है। इसी को देखते हुए 2022-23 के बजट में इसको खास अहमियत दी गई है। निर्मला सीतारमण ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि इसके तहत बच्चों की पढ़ाई के लिए 200 नए टीवी चैनल चलाए जाएंगे।गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए एक क्लास एक टीवी चैनल प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। इसमें पहलीसे 12वींतक की क्लास के लिए राज्य अपने क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान करेंगे। इसके अलावा देश में डिजिटल यूनिवर्सिटी भी बनाई जाएंगी। इन यूनिवर्सिटीज में कई भाषाओं में शिक्षा दी जाएगी।
साथ ही खेती-किसानी की शिक्षा प्रदान करने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों को बढ़ावा दिया जाएगा।
ग्रामीण भी होंगे डिजिटल फ्रेंडली
देश के ग्रामीण और दूर दराज के क्षेत्रों के लिए बैंक और मोबाइल आधारित सुविधाओं के लिए एक सर्विस एलोकेशन फंड मुहैया कराया जाएगा। सरकार का विजन है कि देश के सभी गांव और वहां रहने वाले लोग डिजिटल साधन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सकें। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि पोस्ट ऑफिस खातों के जरिये किसानों को सुविधा मुहैया कराई गई है। सरकार का प्रयास है कि डिजिटल बैंकिंग की सुविधा को देश के सभी इलाके में सही तरीके से पहुंचाया जाए। देश के 75 जिलों में 75 बैकिंग यूनिट स्थापित किया जाएगा ताकि लोग अधिक से अधिक डिजिटल भुगतान कर सकें। पोस्ट ऑफिस और बैंक को आपस में जोड़ा जाएगा। पोस्ट ऑफिस में भी अब ऑनलाइन ट्रांसफर होगा। इसके लिए गांवों में ब्रॉड बैंड सर्विस को बढ़ावा दिया जाएगा।
सरकारी खरीद में ई-बिल
सरकारी खरीद में पारदर्शिता को बढ़ाने और भुगतान में देरी को कम करने के लिए सभी केंद्रीय मंत्रालयों में ऑनलाइन ई-बिल सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके तहत कॉन्ट्रैक्टर्स और आपूर्तिकर्ता को डिजिटल बिल हासिल हो सकेंगे। बैंक गारंटी की जगह श्योरिटी बॉन्ड को सरकारी खरीद के मामले में स्वीकार किया जाएगा।
इसके अलावा सरकार ग्रीन बॉन्ड के जरिये पैसे जुटाएगी।
80 लाख नए घर
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वित्त वर्ष 2022-23 में 80 लाख लोगों को घर मुहैया कराने का लक्ष्य बजट में रखा गया है। इसके लिए48 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया जाएगा ताकि जरूरतमंदों को पक्के घर दिए जा सकें।
60 लाख नौकरी और 400 वंदे भारत ट्रेन
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बताया कि रेलवे के जरिये नए उत्पादों को एक जगह से दूसरे जगह पर पहुंचाया जा सके इसके लिए पीपीपी मॉडल पर चार जगहों पर काम किया जाएगा। उन्होंने 60 लाख नई नौकरियां देने का वादा किया। साथ 400 नई वंदे भारत ट्रेनें भी शुरू करने की घोषणा की। अगले तीन साल के दौरान इन वंदे भारत ट्रेनों को शुरू किया जाएगा।पीएम गतिशक्ति के जरिये राजमार्ग नेटवर्क को और बढ़ाया जाएगा। 25 हजार किलोमीटर सड़क को और बनाया जाएगा। सामानों को जल्द से जल्द एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने को तेज किया जाएगा। सौसाल के लिए ढांचागत सुविधा बढ़ाने की कोशिश होगी।
राज्यों को बिना ब्याज कर्ज
वित्त मंत्री ने एसईजेड (सेज) की जगह नया कानून लाने का बजट में प्रस्ताव किया है। साथ ही राज्यों को बिना ब्याज के 50 साल के लिए कर्ज दिया जाएगा। राज्यों की मदद के लिए एकलाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव बजट में किया गया। इससे राज्यों की वित्तीय सेहत सुधारने में मदद मिलेगी।
15 लाख करोड़ उधार लेगी
सरकार अगले वित्त वर्ष (2022-23) में करीब 15 लाख करोड़ रुपये उधारी के जरिये जुटाएगी। इसके लिए बॉन्ड की बिक्री की जाएगी। अगले वित्त वर्ष में सरकार का कुल खर्च 39.45 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इसके मुकाबले सरकार को टैक्स सहित सभी साधनों से मिलने वाली रकम 22.84 लाख करोड़ रुपये रहेगी। इस तरह खर्च और आय के बीच के अंतर को पाटने के लिए सरकार बॉन्ड के जरिये बाजार से उधार लेगी।पिछले साल पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बाजार से 12.5 लाख करोड़ रुपये उधार के रूप में जुटाने का लक्ष्य तय किया था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सरकार इसमें से 7.24 लाख करोड़ रुपये उधार से जुटा चुकी है। बाकी रकम दूसरी छमाही में जुटाने की योजना है।सरकार का बाजार से ज्यादा उधार लेना इकोनॉमी के लिए अच्छा नहीं होता है। इससे ब्याज दर बढ़ने की आशंका होती है। इसके अलावा उद्योग और कारोबार के लिए सिस्टम में पर्याप्त पैसा नहीं बचता है। सिस्टम में ब्याज दर बढ़ने से आम आमदी पर भी असर पड़ता है। होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन मंहगा हो जाता है।
विकास को रफ्तार देगा
प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजटअर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही अनेक नए अवसर पैदा करेगा। इस बजट का एक महत्वपूर्ण पहलू है गरीब का कल्याण।यह बजट 100 साल की भयंकर आपदा के बीचविकास का नया विश्वास लेकर आया है। यह बजट अधिक बुनियादी ढांचा, अधिक निवेश, अधिक विकास और अधिक नौकरियों की नई संभावनाओं से भरा हुआ है। इससे ग्रीन जॉब्सका क्षेत्र और खुलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट अगले 25 साल का विजन पेश करता है। हम कई दिशाओं में इस बजट के जरिये आगे बढ़ रहे हैं। इसकी चार प्राथमिकता है। समावेशी विकास, उत्पादकता बढ़ाना, ऊर्जा ट्रांसफॉर्मेशन औरनिवेश को बढ़ावा देना।वित्त मंत्री ने कहा कि अगले 25 साल में जब भारत अपनी आजादी के100 साल पूरे करेगा यह बजट उसी का खाका पेश करता है। उन्होंने अगले वित्त वर्ष में विकास दर 9.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।