पहले चरण की शुरुआत देश भर के चार शहरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के माध्यम से हुई है। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। पायलट दूसरे चरण में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक डिजिटल रुपये के विस्तार की योजना है।
कैसे कर सकते हैं लेन-देन
रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाने वाला E-Rupee एक डिजिटल टोकन की तरह से काम करेगा। दूसरे शब्दों में कहें तो CBDC आरबीआई की ओर से जारी किए जाने वाले करेंसी नोट का डिजिटल स्वरूप ही है। डिजिटल रुपये का लेनदेन पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) दोनों किया जा सकता है। इसके अलावा अगर आपको मर्चेंट को पेमेंट करना है, तो आप उसके पास मौजूद QR कोड को स्कैन कर पेमेंट कर सकते हैं। डिजिटल रुपये का लेन-देन बैंकों ई-वॉलेट के माध्यम से किया जा सकता है। भारत की इकोनॉमी को डिजिटल रूप में विकसित करने की दिशा में इस रिजर्व बैंक के इस कदम को अहम माना जा रहा है।
कागजी नोटों के बराबर वैल्यू
इसकी वैल्यू कागजी नोटों के बराबर ही है। अगर आप चाहें तो इसे देकर कागजी नोट भी हासिल कर सकते हैं। रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी CBDC-W और CBDC-R में बांटा है। CBDC-W मतलब होलसेल करेंसी और CBDC-R का मतलब रिटेल करेंसी से है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने एक नवंबर को होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपये को लॉन्च किया था।
होलसेल डिजिटलो रुपये से लेन-देन
डिजिटल रुपये को जब होलसेल टांजेक्शन के लिए लॉन्च किया गया था, तब पहले दिन 275 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था। कई बैंकों ने पहले दिन डिजिटल वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल करते हुए सरकारी बॉन्ड से जुड़े 48 सौदे किए थे, जिनकी कुल वैल्यू 275 करोड़ रुपये थी। (एएमएपी)