केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब पूरा देश ओडिशा में भीषण रेल हादसे के बाद शोक में एकजुट है, कांग्रेस नेता को देशद्रोही कार्यक्रमों में भाग लेते हुए और गैर-जिम्मेदाराना विमर्श में शामिल होते हुए देखना निराशाजनक है। पुरी ने कहा कि सरकार लगातार प्रयासरत रही और दुर्घटना के 51 घंटे के भीतर रेल सेवाओं को बहाल कर दिया गया। घायलों की सहायता के लिए भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत दुर्घटना स्थल का दौरा किया और 3 केंद्रीय मंत्री भी वहां मौजूद रहे।दरअसल, बालासोर रेल हादसे को लेकर कांग्रेस की ओर से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगा जा रहा है। इस पर हरदीप पुरी ने 26/11 वाली घटना का जिक्र कर कांग्रेस से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि 26/11 के वक्त NSG को दिल्ली से मुंबई पहुंचने में 10 घंटे लगे थे। इस हादसे के बाद वहां प्रधानमंत्री पहुंचे, तीन केंद्रीय मंत्री वहां रहे। पुरी ने कहा, ‘जिस रेल मंत्री का इस्तीफा मांगा जा रहा है वह 36 घंटे तक वहां से नहीं निकले। 51 घंटे के भीतर लाइन चालू कर दी गई। जो घायल हैं उनके लिए व्यवस्था की गई।’

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हमारा देश एक भी मौत पर शोक मनाता है। मुझे अफसोस है कि जब हम अथक प्रयास कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग तथ्यों पर विचार किए बिना गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा  और आरएसएस भविष्य की ओर देखने में अक्षम हैं। उन्होंने देश के सबसे बड़ा रेल हादसों में एक ओडिशा ट्रेन हादसे का उल्लेख करते हुए सरकार पर कटाक्ष किया। राहुल ने कहा कि अगर आप भाजपा से पूछेंगे कि ट्रेन हादसा क्यों हुआ तो वे कहेंगे कि कांग्रेस पार्टी ने 50 साल पहले ऐसा किया था, इसलिए हुआ।

पुरी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जब पूरा देश दुख में एक साथ खड़ा है और एक-दूसरे का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। ऐसे में यह देखना निराशाजनक है कि वह देश-विरोधी कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं और गैर-जिम्मेदार विमर्श में शामिल हैं। पुरी ने कहा कि हमें ऐसे विपक्ष की जरूरत है जो जिम्मेदारी से काम करे और उन मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करे जो पूरे देश को प्रभावित करते हों। भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर गांधी की टिप्पणी के संदर्भ में पुरी ने कहा कि हमारे इतिहास में कुछ दुखद व डरावनी घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें असम के नेली हत्याकांड की याद दिलाता हूं जिसमें 2000 लोगों की मौत हो गई। 1984 में हमने भयावह घटनाओं में अपने 3,000 सिख भाइयों को खो दिया था। वर्तमान के बारे में दावा करने से पहले ऐसी घटनाओं को याद रखना महत्वपूर्ण है।’(एएमएपी)