मिथुन राशि
मिथुन राशि की कुंडली में शनि भाग्य भाव, राहु कर्म भाव और देवगुरु बृहस्पति लाभ के भाव में स्थित हैं। ऐसे में एकादश भाव जो लाभ का भाव या आय का भाव कहलाता है जागृत होगा और इस राशि के जातकों को आर्थिक मजबूती प्राप्त होगी। धन धन्य में भी वृद्धि होगी। जिन जाकों के लम्बे समय से काम रुके हुए थे वह पूरे होंगे। जो जातक नौकरी पेशा हैं उन्हें कार्यक्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारीयों का सहयोग मिलेगा। गुरु ग्रह की पंचम दृष्टि तीसरे भाव और शनि की सप्तम दृष्टि भी तीसरे भाव में होने के कारण आपका तृतीय भाव यानी पराक्रम का भाव भी जागृत होगा जिसके प्रभाव से आपकी निर्णय क्षमता में इजाफा होगा और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी। आप जो भी नया काम शुरू करेंगे उसमें आपको लाभ मिलेगा।
सिंह राशि
गुरु ग्रह और शनि की दृष्टि सिंह राशि की कुंडली के नवम भाव यानी भाग्य के भाव में पड़ रही है। ऐसे में इस राशि के जातकों का भाग्योदय होगा। इसके उपरांत सितंबर माह में गुरु ग्रह दशम भाव में प्रवेश करेंगे ऐसे में भाग्य का साथ मिलने पर आपके सभी बिगड़े हुए काम पूरे होंगे। सिंह राशि के जातकों को उनकी मेहनत का फल अवश्य मिलेगा। सिंह राशि के जो जातक उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाह रहे हैं उनका सपना भी पूरा होने की संभावना है। नौकरी की बात करें तो आपको मनचाहे स्थान पर नौकरी मिल सकती है। इसके अलावा आपकी आध्यात्म में भी रूचि बढ़ेगी, आप धार्मिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे। गुरु ग्रह की पंचम और शनि की सप्तम दृष्टि लग्न भाव पर पड़ेगी जिसका आपके जीवन पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जो भी निर्णय आपने जल्दबाजी में लिए हैं उन्हें सुधारने का मौका मिलेगा। निर्णय लेने की शक्ति बढ़ेगी।
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धनु राशि
धनु राशि की कुंडली में गुरु ग्रह पंचम भाव में स्थित हैं और यह 30 अप्रैल तक यहां विराजमान रहेंगे। इसके बाद वह छठे भाव में विराजमान रहेंगे। वहीं शनि देव तीसरे भाव में स्थित हैं और शनि और गुरु ग्रह कि तीसरी दृष्टि पंचम भाव में पड़ रही है। इसके प्रभाव से संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। छात्रों का पढाई में भी मन लगेगा। 30 अप्रैल के बाद गुरुग्रह छठे भाव में जाएंगे जो आपकी नयी नौकरी के योग बनाएंगे। अगर आपने शेयर मार्किट में धन लगाया है तो आपको इससे भी धनलाभ होने की संभावना है। भाग्य भाव में गुरु ग्रह की पंचम और शनि ग्रह की सप्तम दृष्टि पड़ने से भाग्योदय भी होगा। (एएमएपी)