श्रद्धांजलि : डॉ. नरेंद्र कोहली (6 जनवरी 1940- 17 अप्रैल 2021)

dayanand pandeyदयानंद पांडेय ।

प्रख्‍यात साहित्‍यकार डॉ. नरेंद्र कोहली नहीं रहे। कोरोना वायरस से संक्रमित डॉ. कोहली का शनिवार 17 अप्रैल को शाम 6:40 बजे दिल्ली के सेंट स्टीफंस अस्पताल में निधन हो गया।


मिथकीय कथाओं को आधुनिक कथा में कहने का शऊर

Dr-Narendra-Kohli-passed away : जमशेदपुर में जन्मे साहित्यकार डॉ नरेंद्र कोहली का निधन, लौहनगरी में ही पले-बढ़े और शिक्षा-दीक्षा हुई थी | Sharp Bharat

मिथकीय कथाओं यथा रामायण और महाभारत की कथा को आधुनिक कथा में कहने का जो शऊर, जो सलीक़ा और संवेदना नरेंद्र कोहली ने हिंदी कथा में उपस्थित की है कोई और भला क्या कर पाएगा। विवेकानंद के जीवन पर आधारित उपन्यास तोड़ो कारा तोड़ो से हिंदी कथा की ज़मीन में जो तोड़-फोड़ नरेंद्र कोहली ने की वह अविराम रही। 1981 में उन से पहली बार दिल्ली में मिला था। मई की कोई शाम थी। उन का घर था। छोटा सा फ़्लैट। खूब साफ-सुथरा। मधुरिमा जी ने खूब खिलाया-पिलाया था। दिल्ली में जब उनसे मिलना होता था तो उन्हें व्यंग्य लेखक के रूप में जानता था। एक इंटरव्यू के सिलसिले में उनसे पहली बार मिला था। दिल्ली के मोतीलाल नेहरू कालेज में पढ़ाते थे तब।

पिता के मना करने पर बरसों नहीं लिखी राम कथा

जब लखनऊ में मिला तो वह कई सारी कारायें तोड़ते हुए राम कथा के लिए परिचित हो गए थे। एक बार वह बताने लगे कि बहुत पहले मैं राम कथा पर लिखना चाहता था। एक बार पिता जी से इस बाबत चर्चा की। तो पिता बोले, अभी मत लिखो। तो नहीं लिखा। पूछा कि क्यों? तो वह बोले, राम कथा का मूल ही है, पिता का आदेश मानना। तो नहीं लिखा। फिर बहुत साल बाद एक बार पिता ने पूछा कि क्या हुआ तुम्हारी राम कथा का। तो मैंने उन्हें बताया कि आप ने ही तो मना किया था कि अभी मत लिखो। यह सुन कर पिता जी मुस्कुराए। बोले, अब लिख सकते हो। तो फिर लिखने लगा। यह राम कथा ही आगे चल कर नरेंद्र कोहली की पहचान बन गई। और यही नरेंद्र कोहली शनिवार, 17 अप्रैल 2021 को हमें छोड़ कर विदा हो गए हैं। उम्र हो गई थी जाने की। फिर भी दुःख तो होता ही है।

मन में बादल की तरह घुमड़ रही यादें

6 जनवरी, 1940 को सियालकोट (जो तब भारत में ही था और बंटवारे के बाद पाकिस्तान में चला गया), में जन्मे नरेंद्र कोहली मिथ को भी आधुनिक परिप्रेक्ष्य में देखने-दिखाने और लिखने के लिए जाने जाते हैं। जाने जाते रहेंगे। चूंकि इन दिनों नोएडा में हूं सो उनकी बीमारी की खबर सुन कर उनसे मिलने अस्पताल जाने की कई बार इच्छा हुई। पर बताया गया कि मिल पाना मुमकिन नहीं है। कल ही उनकी पत्नी मधुरिमा जी ने बताया था कि स्थिति चिंताजनक है। सुधार की संभावना कम है। और आज अब उन के विदा होने की ख़बर आ गई है। राम कथा के उन्नायक नरेंद्र कोहली की बहुत सारी बातें और यादें मन में बादल की तरह घुमड़ रही हैं। उनकी कथाओं के निर्मल तार और उन के गहन जाल जल की तरह घेरे हुए हैं। इस जल-जाल से कभी मुक्ति नहीं मिलेगी। यह कारा कभी नहीं टूटेगी। विनम्र श्रद्धांजलि!

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(लेखक वरिष्ठ साहित्यकार हैं। यह लेख उनके ब्लॉग ‘सरोकारनामा’ से लिया गया है) 


 

हमेशा याद किए जाएंगे

आपका अख़बार ब्यूरो । 

डॉ. नरेन्द्र कोहली के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और साहित्य जगत व समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने शोक जताया है। 


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

प्रख्यात साहित्यकार डॉ. नरेन्द्र कोहली के निधन से बहुत दुख हुआ। हिंदी साहित्य जगत में उनका योगदान रहा है। उन्होंने हमारे पौराणिक आख्यानों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया। पद्मश्री से सम्मानित श्री कोहली के परिवार और पाठकों के प्रति मेरी शोक संवेदना।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

सुप्रसिद्ध साहित्यकार नरेंद्र कोहली जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। साहित्य में पौराणिक और ऐतिहासिक चरित्रों के जीवंत चित्रण के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह

प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ नरेंद्र कोहली जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूँ। उन्होंने अपनी कालजयी लेखनी से विश्वभर में भारत की पौराणिक संस्कृति का उत्कृष्ट चित्रण प्रस्तुत किया। उनके निधन से साहित्य के एक युग का अंत हो गया। उनके परिजनों व प्रशंसको के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ॐ शांति!

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार श्री नरेंद्र कोहली के निधन से मुझे गहरी वेदना की अनुभूति हुई है। उनके लेखन में उच्च कोटि की बौद्धिक क्षमता, प्रामाणिकता, रचनात्मकता और भारत की सांस्कृतिक विरासत के दर्शन होते थे। उनके निधन से हिंदी साहित्य में बहुत बड़ा शून्य निर्मित हुआ है। ॐ शांति!

केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी

साहित्य क्षेत्र के दिग्गज डॉ. नरेंद्र कोहली जी के निधन का दुःखद समाचार मिला। उनके निधन से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करती हूँ। ॐ शांति।

साहित्यकार-गीतकार प्रसून जोशी

आदरणीय पिता तुल्य श्री नरेंद्र कोहली जी के निधन का समाचार अत्यन्त दुःखद है वे एक उत्कृष्ट साहित्यकार ही नहीं एक अनुकरणीय व्यक्तित्व भी थे, मेरा सौभाग्य था कि मैं उनके साथ कुछ समय बिता पाया, केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के लिए भी यह एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।

प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी

राम का अनन्य भक्त संसार छोड़ कर राम के पास चला गया! अभी अभी यह असहनीय कष्टदायक समाचार मिला कि श्रद्धेय नरेंद कोहली जी नही रहे! स्तब्ध हूँ। क्या कहूँ! अभी तो 2 अप्रैल को उनसे भेंट हुई उनका आशीर्वाद लिया था। उनका जाना मेरे लिए मेरी निजी क्षति है। इस दुख को समेटने में समय लगेगा। विनम्र श्रद्धांजलि। ॐ शांति।

प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास

रामकथा अभ्युदय सरीखे ग्रंथ से जन-मन में स्थान सुनिश्चित कर लेने वाले, मेरे प्रति अगाध स्नेह व आशीष रखने वाले वरिष्ठ साहित्यकार पद्मभूषण श्री नरेन्द्र कोहली जी कोरोना के कारण अपने आराध्य राघवेंद्र के साकेतघाम प्रस्थान कर गए। अभी तो श्रीराम जन्मभूमि के द्वार पर आपसे सत्संग हुआ था।


स्मृति शेष : एक समर्पित व्यक्तित्व