तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए भूकंप से मौत का आंकड़ा बढ़कर 3 हजार के पार चला गया है। खबर है कि इस दौरान सबसे ज्यादा मौतें तुर्की में हुईं। वहीं, हजारों इमारतें जमीदोंज हो गईं। दुनिया के कई देशों ने भूकंप से प्रभावित राष्ट्रों की मदद का ऐलान किया है। तुर्की में अल सुबह 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद भी कई बार कांपी थी। तुर्की ने मृतकों के के लिए 7 दिनों के शोक का ऐलान किया है।

सरकार और बचावकर्मियों के अनुसार, सीरिया में करीब 1300 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, आपातकालीन सेवाओं ने जानकारी दी है कि तुर्की में 2316 लोगों की जान गई है। इस लिहाज से मौत का कुल आंकड़ा 3600 के पार जा चुका है। तुर्की में अब तक 7340 लोगों को बचाया जा चुका है और 13 हजार 293 घायल हैं। सीरिया में घायलों की संख्या कम से कम 3411 है।

नींद में थे लोग

सीरिया के ओसामा अब्दुल हामिद का कहना है कि जब धरती हिली, तब उनका परिवार सो रहा था। उन्होंने कहा, ‘दीवारें हमारे ऊपर गिरी, लेकिन मेरा बेटा निकलने में सफल रहा।’ उन्होंने बताया, ‘उसने चिल्लाना शुरू कर दिया है और आसपास लोग इकट्ठा हो गए। यह पता चलने पर कि यहां लोग जिंदा और उन्होंने हमें मलबे से बाहर खींचा।’

भारत ने भेजी टीम

भाषा के अनुसार, भारत सरकार ने सोमवार को भूकंप प्रभावित तुर्की को तत्काल राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की तलाशी और बचाव टीम, चिकित्सा टीम और राहत सामग्री भेजने का फैसला किया है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रभावित देश को हरसंभव मदद देने के निर्देश के बाद उठाया गया। आधिकारिक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने साउथ ब्लॉक में तत्काल राहत उपाय करने के लिए बैठक बुलाई जिसमें उक्त फैसला लिया गया।

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘तुर्की में भूकंप के कारण हुई जनहानि और सम्पत्ति को होने वाले नुकसान से व्यथित हूं। शोक-संतप्त परिवारों के साथ संवेदनायें। घायलों के जल्द स्वास्थ्य-लाभ की कामना करता हूं। तुर्की के लोगों के साथ भारत एकजुटता से खड़ा है और इस त्रासदी का सामना करने के लिये हर संभव सहायता पहुंचाने के लिये तत्पर है।’

उन्होंने कहा, ‘यह जानकर गहरा दुख हुआ कि विनाशकारी भूकंप ने सीरिया को भी प्रभावित किया है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। हम सीरियाई लोगों के दुख से आहत हैं और उन्हें इस कठिन समय में सहायता एवं समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ (एएमएपी)