दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप के झटकों की वजह से धरती काफी देर तक हिलती रही. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई है, जबकि केंद्र हरियाणा के फरीदाबाद में जमीन के 10 किलोमीटर नीचे बताया गया है। बता दें कि पिछले 15 दिन में यह दूसरी बार है जब भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इससे पहले 3 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में झटके महसूस किए गए थे. तब भूकंप की तीव्रता 6 से अधिक मापी गई थी और केंद्र नेपाल बताया गया था. नेपाल में एक के बाद एक चार झटके महसूस किए गए थे।
3 अक्टूबर को नेपाल में महसूस हुए थे चार झटके
पहले झटका 2:25 बजे आया था तब भूकंप की तीव्रता 4.6 थी, इसके बाद 2:51 बजे दूसरा झटका आया था तब तीव्रता 6.2 मापी गई थी. तीसरा झटका 3:06 बजे आया था जिसकी तीव्रता 3.6 थी. इसके ठीक 13 मिनट बाद चौथा झटका आया था जिसकी तीव्रता 3.1 महसूस की गई थी।
रविवार को अफगानिस्तान में भी हिली धरती
दूसरी ओर रविवार को पश्चिमी अफगानिस्तान में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. करीब एक सप्ताह पहले भी अफगानिस्तान के इसी हिस्से में भूकंप के तेज झटकों की वजह से हजारों लोगों की मौत हो गई थी और कई गांव पूरी तरह से तबाह हो गए थे।

अफगानिस्तान में हेरात रहा भूकंप का केंद्र
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, अफगानिस्तान में रविवार को आए भूकंप का केंद्र हेरात से करीब 34 किलोमीटर दूर और सतह से 8 किलोमीटर गहराई में था. हेरात में भूकंप की वजह से अब तक एक व्यक्ति की मौत होने और करीब 150 लोगों के घायल होने की सूचना है. भूकंप प्रभावित कई और इलाकों में राहत व बचाव कार्य जारी है।
दिल्ली-एनसीआर में आए भूकंप की तीव्रता 3.1
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में आए भूकंप की तीव्रता 3.1 थी. भूकंप के झटके शाम 4.08 बजे महसूस किए गए. रविवार को छुट्टी होने के कारण लोग अपने घरों में थे, लेकिन जैसे ही धरती हिली तो लोग बाहर की ओर भागे. फिलहाल अभी तक कोई बड़ा नुकसान नहीं बताया जा रहा है लोग काफी डरे हुए हैं।
इस वजह से आता है भूकंप
बता दें कि पृथ्वी की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है, जहां भी ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, वहां भूकंप का खतरा होता है. भूकंप तब आता है जब ये प्लेटें एक-दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, प्लेटें एक-दूसरे से रगड़ती हैं, इससे अपार ऊर्जा निकलती है और उस घर्षण से ऊपर की धरती हिलने लगती है, कभी-कभी तो धरती फटने तक हो जाती है. कभी-कभी हफ्तों तक और कभी-कभी महीनों तक यह ऊर्जा रुक-रुक कर निकलती रहती है और भूकंप आते रहते हैं इन्हें आफ्टरशॉक कहा जाता है।
फरीदाबाद रहा केंद्र
राष्ट्रीय भूकंप केंद्र ने बताया कि स्थानीय समय के अनुसार दोपहर बाद लगभग 4:08 बजे भूकंप आया। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.1 मापी गई। इसका केंद्र हरियाणा के फरीदाबाद में था जो दिल्ली की सीमा से सटा हुआ है। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था।
भूकंप के झटके आते ही लोग अपने घरों और कार्यालयों से भागकर बाहर निकल गये। लोगों ने बताया कि उन्होंने भूकंप के तेज झटके महसूस किए। कुछ दिन पहले भी राष्ट्रीय राजधानी, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भूकंप आया था। उस समय भूकंप का केंद्र नेपाल था।\
भूकंप से सुरक्षा कैसे करें
भूकंप के आने पर जैसे ही हलका सा कंपन महसूस करें घर, दफ्तर या बंद बिल्डिंग से बाहर रोड पर या खुले क्षेत्र में खड़े हो जाएं। लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें।
घर मे गैस सिलेंडर और बिजली का मेन स्विच निकाल दें।
ना तो वाहन चलाएं, न ही वाहनों मे यात्रा करें।
कहीं भी सुरक्षित और ढके हुए स्थान पर खड़े हो जाएं।
किसी भी गहराई वाले स्थान, कुएं, तालाब, नदी, समुद्र, और कमजोर व पुराने घर के पास खड़े ना हों। (एएमएपी)
घर मे गैस सिलेंडर और बिजली का मेन स्विच निकाल दें।
ना तो वाहन चलाएं, न ही वाहनों मे यात्रा करें।
कहीं भी सुरक्षित और ढके हुए स्थान पर खड़े हो जाएं।
किसी भी गहराई वाले स्थान, कुएं, तालाब, नदी, समुद्र, और कमजोर व पुराने घर के पास खड़े ना हों। (एएमएपी)