घातक हथियार और गोला-बारूद रखते पाए गए

कल तक जो ट्रूडो खालिस्तानियों की हिंसा का भी अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करने से जोड़ रहे थे, अब वही ट्रूडो भारत की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के दबाव में झुक चुके हैं। लिहाजा कनाडा में ट्रूडो को 8 हथियारबंद सिख युवकों को उनके घर में घुसकर हिरासत में लेने को मजबूर होना पड़ा है। कनाडा की पुलिस ने ओंटारियो प्रांत के ब्रैम्पटन शहर में इन सिख युवाओं को गिरफ्तार किया है। इन युवाओं पर गैरकानूनी गतिविधि में संलिप्त होने का आरोप है। लोडेड या प्रतिबंधित बंदूक जैसे हथियार या आग्नेयास्त्र रखने के संबंध में 19 से 26 साल की उम्र के आठ युवाओं पर मामला दर्ज किया गया है।

पील रीजनल पुलिस के मुताबिक, 2 अक्टूबर की रात को ब्रैम्पटन के डोनाल्ड स्टीवर्ट रोड और ब्रिस्डेल ड्राइव इलाके में गोलीबारी की सूचना मिली। टैक्टिकल यूनिट की सहायता से पुलिस ने आठ व्यक्तियों को घरों से निकाला गया और गिरफ्तार किया गया। गोलीबारी के बारे में एक सवाल पर पुलिस ने पुष्टि की है कि किसी को चोट नहीं आई है। वहीं, उल्‍लेखित है कि 8 सिख युवाओं की गिरफ्तारी भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच हुई है। 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं। गिरफ्तारी के एक दिन बाद, आपराधिक जांच ब्यूरो के अधिकारियों ने वारंट के आधार पर 9 मिमी बेरेटा बन्दूक जब्त की।

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जिन लोगों पर “भरी हुई अवैध या प्रतिबंधित बंदूक” रखने का आरोप है, पुलिस ने उनकी पहचान भी सार्वजनिक की है। इन लोगों में ब्रैम्पटन में रहने वाले जगदीप सिंह (22), एकमजोत रंधावा (19), मनजिंदर सिंह (26), हरप्रीत सिंह (23), रिपनजोत सिंह (22), जापानदीप सिंह (22), लवप्रीत सिंह (26) शामिल हैं। एक अन्य आरोपी- 21 वर्षीय राजनप्रीत सिंह पर लोडेड, अवैध या प्रतिबंधित बंदूक रखने के अलावा आग्नेयास्त्र, हथियार, प्रतिबंधित उपकरण या गोला-बारूद के लापरवाही से भंडारण का आरोप भी लगाया गया है। जमानत की सुनवाई के लिए आठों आरोपियों को ब्रैम्पटन में ओंटारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में पेश किया गया था।

गौरतलब है कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की “संभावित” संलिप्तता के आरोप खुद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने लगाए हैं। इन आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत कनाडा के आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” बताते हुए दृढ़ता से खारिज कर चुका है। भारत ने कनाडा में भारतीय राजनयिकों और भारत के राजनयिक परिसरों की सुरक्षा पर भी चिंता जताई है।(एएमएपी)