सड़क पर सियासी संग्राम करेंगे शिंदे
मार्च के अंत में शिवसेना यात्रा की शुरुआत कर सकती है। इसके तहत सीएम शिंदे अयोध्या पहुंचेंगे और वहां से धनुष लेकर लौंटेंगे। कहा जा रहा है कि रामनवमी के आसपास धनुष के साथ यात्रा के जरिए शिंदे समूह यह दिखाने की कोशिश में है कि वे शिवसेना की असली विचारधारा से जुड़े हुए हैं। यह यात्रा 2024 महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है।
आगामी कार्यक्रमों के जरिए शिंदे खुद को बाल ठाकरे का सबसे बड़ा दावेदार दिखाने का प्रयास कर सकते हैं। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि अभियानों के जरिए यह भी दिखाया जाएगा कि कैसे कांग्रेस के साथ जाकर उद्धव ठाकरे शिवसेना और बाल ठाकरे की विचारधारा से भटक गए थे। सत्तारूढ़ शिवसेना अपने कार्यक्रमों के जरिए शिंदे को ‘धरतीपुत्र’ और ठाकरे को ‘ऐलीट’ या कुलीन के तौर पर बताने की कोशिश करेगी।
मार्च के अंत से ही शिंदे समूह ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों के जरिए जनता से जुड़ना शुरू कर देगा। खबर है कि मेघालय में कोनराड संगमा के अभियान को तैयार करने वाली Showtime Consulting ने ही शिंदे का अभियान भी तैयार किया है।
एमवीए का मंथन
बुधवार को ही कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और ठाकरे ने साझा रैलियों की रणनीति तैयार की। बैठक में एनसीपी नेता अजित पवार, एनसीपी के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल, कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख नाना पटोले और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट मौजूद रहे। पवार का कहना है कि हाल ही में आए चिंचवाड़ और कास्बा उपचुनाव के नतीजे बताते हैं कि अगर तीनों दल मिलकर चुनाव लड़ते हैं, तो भाजपा को उसके गढ़ में भी हराया जा सकता है।(एएमएपी)