आपका अखबार ब्यूरो ।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी सोमवार 12 अप्रैल की रात 8:00 बजे से मंगलवार 13 अप्रैल को रात 8:00 बजे तक चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगी। चुनाव आयोग ने उन्हें आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी माना है और चुनाव प्रचार करने पर 24 घंटे की रोक लगाई है।
भड़काऊ भाषण
चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को भड़काऊ भाषण देने का दोषी माना है। ऐसे दो मामलों… 1: मुस्लिमों से वोट बंटने ना देने और तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में एकजुट होकर मतदान करने की अपील तथा 2: महिलाओं को केंद्रीय सुरक्षा बलों का घेराव करने की सलाह देने… में आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
अमित शाह के निर्देश पर काम कर रहे केंद्रीय बल
8 अप्रैल को हुगली जिले के बालागढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय बल अमित शाह द्वारा संचालित केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों पर काम कर रहे हैं। केंद्रीय बल रुकावट पैदा करते हैं तो मैं महिलाओं से कहती हूं कि एक समूह उनका घेराव करे और दूसरा अपने बूथ पर जाकर मतदान करे। अगर महिलाएं केवल सुरक्षा बलों को घेरे रहेंगी तो वे खुश होंगे कि आप अपना मतदान नहीं कर रही। यही उनका प्लान है। यही बीजेपी का प्लान है। अगर हमारी माताओं और बहनों को मतदान करने से रोका जाता है तो आप सबको बाहर निकल आना चाहिए और विद्रोह कर देना चाहिए।
अल्पसंख्यक वोट बंटने ना दें
चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के एक और भाषण का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘मैं अपने अल्पसंख्यक भाइयों और बहनों से हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि उस शैतान व्यक्ति को सुनने के बाद, जिसने बीजेपी ने पैसा दिया था, अल्पसंख्यक वोटों को बंटने ना दें। वह हिंदुओं और मुस्लिमों को लड़ाने के लिए घोर सांप्रदायिक बयान देते हैं। अल्पसंख्यक वोटों को बांटने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के लोग भाजपा के दिए पैसे लेकर साथ साथ घूम रहे हैं। कृपया आप उनको अपने मकसद में कामयाब ना होने दें। याद रखिए कि अगर भाजपा सत्ता में आ गई तो आप गंभीर खतरे में पड़ जाएंगे।’
निंदा, चेतावनी और सलाह
चुनाव आयोग ने कहा है कि पूरे मामले पर गंभीरता से विचार के बाद हमें लगा है कि ममता बनर्जी- जो कि राज्य की मुख्यमंत्री भी हैं- ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है। इसके साथ-साथ उन्होंने जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 123(3) और 3 ए और भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 189 का भी उल्लंघन किया है। उन्होंने बेहद भड़काऊ बयान दिए हैं जिससे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है और चुनाव प्रक्रिया में बाधा पहुंच सकती है। आयोग की ममता बनर्जी के बयानों की कड़ी निंदा करते हुए उन्हें चेतावनी दी है कि आइंदा ऐसा कोई बयान ना दें जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका बने। निंदा और हिदायत के अलावा चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को संयम बरतने की सलाह भी दी है।
विरोध प्रदर्शन की घोषणा
चुनाव आयोग के प्रतिबंध के खिलाफ ममता बनर्जी ने मंगलवार 13 अप्रैल को सुबह 11:00 बजे कोलकाता में गांधी मूर्ति पर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद तेरे को डेरे डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि आज का दिन लोकतंत्र के लिए काला दिन है। उन्होंने कहा कि भाजपा जानती है कि हम चुनाव जीत रहे हैं।