कोविड, राम मंदिर, आर्टिकल 370 पर पास हुई मोदी सरकार
सर्वे के अनुसार, कोविड-19 से निपटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर सामने आया है। 20 फीसदी लोगों ने इस पर अपनी मुहर लगाई है। इसके साथ ही मोदी सरकार के आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को 14 फीसदी लोगों ने बड़ी उपलब्धि माना है। वहीं, राम मंदिर, काशी विश्वनाथ के मुद्दे लोगों में बहुत ज्यादा असर करते नहीं दिख रहे हैं। केवल 11 फीसदी लोगों ने ही इसे मोदी सरकार की उपलब्धि माना है। मोदी सरकार की ओर से चलाई जा रही जनकल्याण की योजनाओं को महज 8 फीसदी लोगों ने ही बड़ी उपलब्धि माना है।
इस बात में शायद ही कोई दो राय होगी कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने कोविड-19 से निपटने, धारा 370 और राम मंदिर-काशी विश्वनाथ जैसे मुद्दों को हर चुनाव में बखूबी इस्तेमाल किया है। इसी के साथ जनकल्याण की योजनाओं (मुफ्त राशन स्कीम) के जरिये भी बीजेपी ने अपने पक्ष में एक बड़ा लाभार्थी वर्ग खड़ा कर लिया है। ये तमाम चीजें बीजेपी के लिए प्लस प्वाइंट कही जा सकती हैं।
क्या महंगाई-बेरोजगारी पर फेल होने से होगा ‘खेला’?
इस सर्वे में लोगों से सवाल पूछा गया था कि केंद्र सरकार की सबसे बड़ी नाकामी क्या है? इस सवाल पर 25 फीसदी लोगों ने महंगाई को सरकार की सबसे बड़ा नाकामी माना है। वहीं, बेरोजगारी के मुद्दे पर 17 फीसदी लोगों ने बड़ी नाकामी के रूप में मुहर लगाई है। कोरोना से निपटने को 8 फीसदी और आर्थिक विकास को 6 फीसदी लोगों ने सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बताया है।
कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष दलों के मुख्य मुद्दों में महंगाई और बेरोजगारी हमेशा से ही शामिल रहे हैं। इसे लेकर मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने में विपक्षी दलों ने कोई कोताही नहीं बरती है। कांग्रेस और अन्य सियासी दल यही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार की कमजोर नस साबित होंगे।
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार के कामकाज पर 67 फीसदी लोगों ने अपनी मुहर लगाते हुए बहुत अच्छा बताया है। 18 फीसदी लोगों को सरकार का कामकाज पसंद नहीं आया और उन्होंने इसे खराब बताया है। वहीं, 11 फीसदी लोगों ने सरकार के कामकाज को अच्छा बताया है। (एएमएपी)