माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक में एक बार फिर बड़े स्तर पर कर्मचारियों की नौकरियों पर संकट मंडराता नजर आ रहा है। वर्क फ्रॉम होम कल्चर के बढ़ने और छंटनी के बीच दोनों कंपनियों ने दफ्तरों को कम करने का फैसला किया है। दोनों बड़ी कंपनियां बेलव्यू और सिएटल में ऑफिस बिल्डिंग खाली करने जा रहे हैं।फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने डाउनटाउन सिएटल में 6 मंजिला आर्बर ब्लॉक और बेलव्यू में स्प्रिंग डिस्ट्रिक्ट के दफ्तरों को सबलीज करने की योजना बनाई है। इतना ही नहीं कंपनी का कहना है कि सिएटल इलाके में मौजूद अन्य दफ्तरों की भी समीक्षा की जा रही है। बड़ी टेक कंपनियों की इन गतिविधियों से सॉफ्ट मार्केट के संकेत मिल रहे हैं। सॉफ्ट मार्केट ऐसा समय होता है, जब कीमतें कम होती हैं और खरीदने वालों से ज्यादा बेचने वाले बढ़ जाते हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट ने भी इस बात की पुष्टि की है कि वे बेलव्यू स्थित 26 मंजिला सेंटल प्लाजा में अपनी लीज को रिन्यू नहीं कराने वाले हैं। खास बात है कि बढ़ते वर्क फ्रॉम होम और छंटनी के बीच सिएटल और अन्य जगहों पर दफ्तरों के लिए जगह की जरूरत में कमी देखी जा रही है। बीते साल नवंबर में ही मेटा ने सिएटल इलाके में 726 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया था।

मेटा की प्रवक्ता ट्रेसी क्लेटन लीज करने के फैसले के तार रिमोट वर्क से जोड़ रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थितियों को देखते हुए मेटा भी आर्थिक तौर पर विवेकपूर्ण फैसले लेने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, मेटा के पास सिएटल इलाके में 29 बिल्डिंग और करीब 8 हजार कर्मचारी हैं।

कहा जा रहा है कि दोनों बड़ी कंपनियों की ताजा घोषणाओं ने सिएटल के बाजार में चिंताएं बढ़ा दी हैं। कई बड़े दफ्तरों वाले इस इलाके में बड़े स्तर पर जगह खाली पड़ी हैं। आंकड़े बताते हैं कि बीते साल की गर्मियों से लेकर अब तक इलाके में महामारी के पहले की तुलना में केवल 40 फीसदी कर्मचारी ही मौजूद रहे। (एएमएपी)