किसान बोले- जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती वह वापस नहीं जाएंगे
केंद्र सरकार के साथ हुई बैठक बेनतीजा रहने के बाद किसान मंगलवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। सैंकड़ो किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों के काफिले के साथ तेजी से दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। उन्हें रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने भी सख्त इंतजाम किया है लेकिन किसान इस बार आर पार के मूड में नजर आ रहे हैं। पिछली बार किसानों का आंदोलन एक साल तक चला था। इस बार भी किसानों की कुछ ऐसी ही योजना नजर आ रही है। किसान आंदोलन कोई एक दो दिन की बात नहीं है, बल्कि वह पूरे बोरिया बिस्तर और 6 महीने के राशन के साथ दिल्ली आ रहे हैं। किसानों का साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती वह वापस नहीं जाएंगे।
Congress leader Sukhpal Khaira takes part and leading Farmer protest.
Still Opposition Parties wants us to believe that they’ve no connection in this protest 😂#FarmersProtest2024 | #KisanAndolan | #KisanProtest | #FarmersProtest pic.twitter.com/gjdcUom8XC
— Karthi 🇮🇳 (@SaffronSurge3) February 13, 2024
शंभू बॉर्डर पर पुलिस की कार्रवाई
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से निकले हजारों किसानों का जत्था हरियाणा के शंभू बॉर्डर पहुंच गया है। इस बीच भारी संख्या में तैनात हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं। इसके चलते हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। किसानों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं और बुजुर्ग भी हैं। ऐसे में पुलिस के लिए इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर पाना भी आसान नहीं होगा। किसानों और पुलिस प्रशासन के बीच पहला मोर्चा अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर दिखेगा। यह हरियाणा एवं पंजाब के बीच सबसे प्रमुख बॉर्डर है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कई किसानों को हिरासत में भी लिया है। पुलिस किसानों को रोकने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसके बाद भी किसान आगे बढ़ रहे हैं।
आंदोलन का आम जनता पर भी पड़ा असर
वहीं, इसका असर आम जनता पर भी पड़ रहा है। किसानों के दिल्ली पहुंचने से पहले ही शंभू, टिकरी और सिंघू बॉर्डर के अलावा गाजीपुर सीमा पर जाम लगना शुरू हो गया है। दिल्ली-मेरठ हाईवे पर एक किलोमीटर लंबा जाम लगा है। एनएच नौ पर बैरिकेडिंग की वजह से भीषण जाम लगा है। इस वजह से वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली-नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर भी लंबा ट्रैफिक जाम है। दिल्ली के कालंदीकुंज बॉर्डर पर भी भीषण जाम लगा है। उधर, किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च के बीच दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर यातायात प्रभावित हो रहा है। यहां लंबा जाम लगा है। दिल्ली पुलिस ने सिरहोल बार्डर पर किसानों के कूच को देखते हुए सुबह नाका लगाया है, इसलिए जमा लगा है।
#WATCH | Delhi Police Commissioner Sanjay Arora arrives at Tikri Border to inspect security arrangements here in view of the farmers’ protest. #FarmersProtest2024 pic.twitter.com/EUpdFt7Paa
— ANI (@ANI) February 13, 2024
कई जगह बैरिकेडिंग और धारा 144 लागू
इस बीच, किसान आंदोलन के चलते केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-2 को शाम तक बंद कर दिया गया है। आंदोलन के आह्वान के मद्देनजर दिल्ली में कई स्थानों पर सुरक्षा तैनात की गई है। पूरी दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है। राजीव चौक, मंडी हाउस, केंद्रीय सचिवालय, पटेल चौक, उद्योग भवन स्टेशन बंद, जनपथ और बाराखंभा रोड मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है। इन मेट्रो स्टेशनों के गेटों को सुरक्षा करणों के बंद किया गया है। बाकी सभी मेट्रो स्टेशन सामान्य तौर पर खुले हुए हैं। गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ जाने वाले रास्ते पर यूपी गेट पर पूरी तरीके से बैरिकेडिंग लगा दी गई है, आम जनता को आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। लोगों को मयूर विहार के रास्ते लगभग तीन किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी कर करके गाजियाबाद की तरफ जाना पड़ रहा है। अभी ऊपर के फ्लाईओवर वाले रास्ते को बंद नहीं किया गया है, स्थिति को देखकर ही ऊपर का रास्ता भी बंद किया जा सकता है।
क्या बोले किसान नेता
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार तो हमारे साथ दुश्मन जैसा बर्ताव कर रही है। आंदोलन करना हमारा लोकतांत्रिक हक है, लेकिन हमें रोका जा रहा है। हमारे सोशल मीडिया अकाउंट्स बैन किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब के बीच ऐसी किलेबंदी है कि लगता है ये दोनों भारत के राज्य नहीं हैं बल्कि अलग-अलग देश हैं। किसान संगठनों का कहना है कि वे शंभू ब़ॉर्डर और खनौरी सीमा से दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। यदि उन्हें रोका जाता है तो फिर तुरंत ही फैसला लिया जाएगा कि आगे क्या ऐक्शन होगा।
किसान नेता ने कहा कि इन लोगों ने कहा कि सरकार ने एमएसपी कानून पर कोई ठोस वादा नहीं किया है। अब तक कमेटी गठित करने की ही बात हो रही है। यही बात तो दो साल पहले भी कही गई थी। उन्होंने कहा कि हम अब ऐक्शन चाहते हैं और सरकार को तुरंत नोटिफिकेशन जारी कर देना चाहिए। वहीं सरकार का कहना है कि एमएसपी लागू हुई तो उससे महंगाई में इजाफा होगा और देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।
भोजन, राशन और अन्य सामान भरकर जाए किसान
रिपोर्ट के मुताबिक अकेले पंजाब से किसानों के विरोध प्रदर्शन के लिए 1,500 ट्रैक्टर और 500 वाहन जुटाए गए हैं। इन वाहनों में छह महीने का भोजन, राशन और अन्य सामान भरा हुआ है। इसके अलावा ट्रैक्टरों को इस तरह मोडिफाई किया गया जिससे रात में यहां ठहरने के लिए जगह बनाई जा सके। इसके अलावा ल्ली के आसपास के गुरुद्वारों, धर्मशालाओं, आश्रमों, गेस्ट हाउसों में छिपने और अचानक विरोध प्रदर्शन करने की योजना भी बनाई है।
#WATCH | Tractor driver puts on a gas mask as police use tear gas to disperse protesting farmers at the Haryana-Punjab Shambhu border.#FarmersProtest2024 pic.twitter.com/iZXR3uxTaz
— ANI (@ANI) February 13, 2024
किसानों से बातचीत जारी रखेगी सरकार : केंद्रीय कृषि मंत्री मुंडा
किसानों के मार्च पर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने प्रतिक्रिया दी है। अर्जुन मुंडा ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों से बातचीत कर समाधान निकालना चाहती है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में किसान नेताओं से दो दौर की बातचीत हो चुकी है। कुछ चीजों में हमें और परामर्श की जरूरत है। भारत सरकार किसान हितों के लिए समर्पित है। किसान हित हमारी प्राथमिकता है। उन्हें समझाने की जरूरत है कि हम किसानों के साथ हैं। उन्हें जनता को परेशानी में नहीं डालना चाहिए, किसान यूनियन को इसे समझना चाहिए।’
किसान 13 फरवरी को करेंगे दिल्ली कूच, पंजाब-हरियाणा बार्डर सील, मोबाइल इंटरनेट भी बंद
क्या है किसानों की मांग ?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
WATCH: Indian security forces have fired tear gas in a bid to stop thousands of farmers marching on New Delhi after talks with the government failed.#FarmersProtest2024 #India #kisanprotest
Credit: ANI pic.twitter.com/ECuvvTaX2d— World Times (@WorldTimesWT) February 13, 2024
बैठक रही थी बेनतीजा
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ सोमवार को किसानों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। हालांकि, किसानों की मांगों को लेकर हुई यह बैठक बेनतीजा रही। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और डबवाली सीमाओं से दिल्ली की ओर कूच करने की योजना बनायी है।(एएमएपी)