किसान संगठनों और केन्द्र सरकार के बीच सुलह की कोशिशें लगातार असफल हो रही है। केन्द्र सरकार ने किसानों की मांगों के मद्देनज़र एक प्रस्ताव दिया था, इस प्रस्ताव को किसानों ने ख़ारिज कर दिया है। दरअसल, एमसएपी और कर्ज माफी सहित कई मांगों को लेकर किसान दिल्ली कूच पर अड़े हुए है। इन सब के बीच केन्द्र सरकार लगातार किसानों को समझाने का प्रयास कर रही है। लेकिन किसानों ने चौथे दौर की वार्ता में दिए गए प्रस्वात को ठुकरा दिया है। साथ ही किसान नेताओं ने मांगें न मानने पर 21 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बची हुई मांगों पर भी सरकार से जवाब मांगा।
चौथे दौर की बातचीत भी रही बेनतीजा
किसानों और केंद्र सरकार के बीच चौथे दौर की हुई बातचीत हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन देने वाले किसान नेताओं ने 24 घंटे के भीतर ही केंद्र सरकार के सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया। किसान नेताओं का दावा है कि सरकार ने जो प्रपोजल दिया है, उसमें कुछ भी नहीं है। किसानों ने एक बार फिर ऐलान किया कि वह 21 फरवरी को सुबह 11 बजे दिल्ली कूच करेंगे।
#WATCH | Fourth round of talks between farmer leaders and Union Ministers, in connection with the ongoing protest, underway in Chandigarh; Punjab CM Bhagwant Mann also present at the meeting.
(Source: CMO, Punjab) pic.twitter.com/Xy8U5zJNUC
— ANI (@ANI) February 18, 2024
किसान नेताओं ने सरकार पर उठाए सवाल
किसानों का कहना है कि हम बैठक में पहले पहुंच जाते हैं और सरकार के नुमाइंदे तीन-तीन घंटे देरी से आ रहे हैं, जिससे उनकी गंभीरता दिखती है। उन्होंने कहा सरकार 23 फसलों पर एमएसपी की गारंटी अभी दे और बाद में जो फसलें बचेंगी उन पर भी स्टडी करके गारंटी दे। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान नेताओं ने कहा कि हमें आराम से दिल्ली जाने दें या फिर हमारी मांगों पर फैसले लें। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि किसानों ने प्रस्ताव को रद्द कर दिया है। सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार की नीयत में खोट है। किसान नेताओं ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। साथ ही सभी किसान संगठनों को भी आंदोलन में निमंत्रण दे दिया है।
क्या था केंद्र का प्रस्ताव
चंडीगढ़ में एक दिन पहले हुई किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की चौथे दौर की वार्ता में केंद्र ने किसानों को प्रस्ताव दिया था कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया था कि केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई। केंद्र सरकार की ओर से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन इसके लिए किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से पांच साल का करार करना होगा। पीयूष गोयल ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की थी।
VIDEO | Here’s what SKM (Non-Political) leader Jagjit Singh Dallewal said on farmer unions’ decision to reject Centre’s proposal of procuring pulses, maize, cotton at MSP for 5 years.
“The reason for not accepting government’s proposal (on MSP guarantee) is that they said… pic.twitter.com/EIdplo8Zmm
— Press Trust of India (@PTI_News) February 19, 2024
सरकार प्रदर्शन खराब करना चाहती है
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हम शांति से आंदोलन करने वाले लोग हैं, सरकार चाहती है कि प्रदर्शन उग्र हो और खराब हो। हमें दिल्ली जाने दिया जाए और प्रदर्शन की जगह दी जाए। सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमारा बेरीकेडिंग तोड़कर दिल्ली जाने का सवाल ही नहीं, हम अपनी मांगे मनवाने आए हैं। हम अपना बचाव भी करेंगे। जो जवान हमें रोक रहे हैं वे भी हमारे ही हैं। यदि सरकार हम पर जबरदस्ती करेगी तो लोग तय करेंगे कि ऐसी सरकार को फिर आना चाहिए या नहीं।
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किसान नेताओं ने विचार करने की बात कही थी
केंद्र के इस प्रस्ताव पर किसान नेताओं ने कहा था कि वह सभी संगठनों से बात करेंगे। केंद्र का प्रपोजल अच्छा, दो दिन विचार करेंगे, 21 को फैसला लेंगे दिल्ली जाना है या घर । किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर ने कहा था कि सरकार की ओर से हमें एमएसपी को लेकर एक अच्छी प्रपोजल आई है कि दालों और कॉटन की खरीद पर केन्द्र सरकार की एजेंसियां एमएसपी पर गारंटी देंगी। कर्ज माफी पर अभी चर्चा जारी है। दिल्ली जाने वाला प्रोग्राम अभी भी कायम है। 21 फरवरी तक का समय है। हम 19 और 20 फरवरी को सरकार के प्रपोजल पर विचार करेंगे। 21 फरवरी को हम फैसला लेंगे कि दिल्ली जाना है या घर वापस जाना है। (एएमएपी)