अपनी राय साझा की कृतिका कामरा ने।

अभिनेत्री कृतिका कामरा ने हाल ही में फेमिनिज्म यानी नारीवाद पर अपनी राय साझा की। जहां कई लोग इसे सिर्फ सोशल मीडिया एक्टिविज्म तक सीमित मानते हैं, वहीं कृतिका का मानना है कि असली नारीवाद ऑनलाइन पोस्ट्स और हैशटैग से कहीं आगे जाता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह केवल महिलाओं के मुद्दों पर बात करने तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि हकीकत में बराबरी लाने के लिए कदम उठाने की ज़रूरत है, खासकर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में।

कृतिका ने इंडस्ट्री में नारीवादी मूल्यों को सही तरह से अपनाने की कमी पर बात की। बॉलीवुड हंगामा न्यूज़ एंड नेटवर्क की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, “ऑनलाइन सपोर्ट दिखाना आसान है, लेकिन असली बदलाव एक्शन लेने से आता है। उन्होंने खासतौर पर उन लोगों से बदलाव की उम्मीद की, जो शक्ति और प्रभावशाली पदों पर हैं।”

वो कहती है, “फेमिनिज्म यानी नारीवाद सिर्फ सोशल मीडिया पर पोस्ट करने और वहीं छोड़ देने की चीज़ नहीं है। यह असल ज़िंदगी में किए गए कार्यों से साबित होता है। सिर्फ एक हैशटैग शेयर करके खुद को नारीवादी कहना काफी नहीं है। हमें लगातार सही फैसले लेने होंगे – चाहे वह हमारी फिल्मों में निभाए गए किरदार हों, सही मुद्दों पर आवाज़ उठाने की बात हो या महिलाओं के लिए ऐसे मौके बनाने की, जहां वे आगे बढ़ सकें। यह केवल जागरूकता तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे ज़मीन पर उतारना भी ज़रूरी है। अगर आपके पास संसाधन या मंच है, तो उसे सही दिशा में इस्तेमाल करें, कुछ नया शुरू करें, ऐसे कदम उठाएं जो सच में महिलाओं को सशक्त करें। नारीवाद कोई ट्रेंड नहीं, बल्कि जीवनभर की जिम्मेदारी है, जो बराबरी की ओर लगातार बढ़ने का नाम है।”

कृतिका के ये विचार ऐसे समय में आए हैं, जब महिला सशक्तिकरण और अधिकारों को लेकर बातचीत बढ़ रही है। वह लंबे समय से जेंडर इक्वालिटी की समर्थक रही हैं और उनकी यह बेबाक राय इंडस्ट्री को खुद की भूमिका पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है।

कृतिका ने सिर्फ दिखावे के नारीवाद की आलोचना करते हुए अपने साथी कलाकारों और फैंस को यह जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया कि वे एक ऐसी दुनिया बनाएं, जहां महिलाओं को समान अवसर, सही मंच और आवाज मिले।