वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 7.8 फीसदी रहने का जताया अनुमान
एक अप्रैल 2024 से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत के जीडीपी अनुमान को बढ़ा दिया है। फिच ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने मौजूदा और अगले वित्त वर्ष के दौरान घरेलू डिमांड में जोरदार तेजी के साथ बिजनेस और कंज्यूमर के भरोसे में तेजी बने रहने के चलते भारत के विकास दर के अनुमान को बढ़ाने का फैसला किया है। रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 में विकास दर 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।रेटिंग एजेंसी ने गुरुवार को जारी मार्च आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। एजेंसी ने अपने 6.50 फीसदी के अनुमान में 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी की है। एजेंसी ने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्था में खासकर भारत की जीडीपी ग्रोथ 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2023-24 में विकास दर 7.8 फीसदी रह सकती है।
फिच को उम्मीद है कि भारत की अर्थव्यवस्था अपना मजबूत विस्तार जारी रखेगी। फिच का कहना है कि भारत की आर्थिक विकास दर को मज़बूत घरेलू मांग और निवेश में बढ़ोतरी से सपोर्ट मिलेगा। हालांकि, एजेंसी ने चीन के लिए 2024 के पूर्वानुमान को 4.6 फीसदी से घटाकर 4.5 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा रेटिंग एजेंसी ने 2024 के अंत तक खुदरा महंगाई दर घटकर 4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रेटिंग एजेंसी का आर्थिक वृद्धि दर का यह अनुमान भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के 7.6 फीसदी के संशोधित अनुमान से ज्यादा है। हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में जारी एक बयान में कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष में देश की जीडीपी वृद्धि दर आठ फीसदी के बहुत करीब रह सकती है।(एएमएपी)