नेपाल से सटे भारत के सीमावर्ती जिलों के प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों की बीती शाम नियमित बैठक हुई। इसमें नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाले ‘तीसरे देशों’ (विदेशियों) के नागरिकों पर विशेष निगरानी रखने को लेकर चर्चा हुई है। पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर के सड़क के रास्ते भारत में प्रवेश करने के अलावा कुछ चीनी नागरिकों के अवैध रूप से भारत की सीमा में प्रवेश की घटना के बाद सतर्कता बढ़ाने को लेकर दोनों देशों के सीमावर्ती सुरक्षा अधिकारियों के बीच सहमति हुई है। बिहार के मधुबनी जिले के सौराठ में शनिवार को आयोजित जिलास्तरीय सीमा समन्वय बैठक में सीमा क्षेत्र से अवैध प्रवेश के अलावा मादक पदार्थों की तस्करी पर लगाम कसने और सीमा क्षेत्र से अन्य आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण करने का भी निर्णय लिया गया।बैठक में नेपाली प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे धनुषा जिले के प्रमुख जिला अधिकारी काशीराज दाहाल ने बताया कि सीमा पर दोनों देशों की सुरक्षा गश्त बढ़ाने, सीमा क्षेत्र में सुरक्षा चौकियों की स्थापना के लिए अपनी अपनी सरकारों को पत्र भेजने, टूटी हुए सीमा स्तम्भों को फिर से बनाने, व्यापार और परिवहन को सहज बनाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि नेपाल की ओर से नकली नोट, नशीली पदार्थ और अन्तर्देशीय अपराधियों पर पैनी नजर रखने और आपसी समन्वय के आधार पर इन गैरकानूनी वारदातों पर लगाम कसने को लेकर सहमति बनी है। दोनों देशों के अधिकारी एक दूसरे को जानकारी साझा करने पर सहमत हुए हैं।
मधुबनी के जिलाधिकारी अरविंद कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में नेपाली सीमावर्ती क्षेत्र में होने वाले किसी भी समस्या के समाधान के लिए दोनों देशों के सुरक्षा अधिकारियों के बीच संवाद व समन्वय स्थापित करने पर सहमति बनी है। नेपाल भारत के इस संयुक्त सीमा सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में नेपाल के धनुषा, महोत्तरी, सिरहा और सप्तरी जिलों के मुख्य जिला अधिकारी, चारों जिलों के पुलिस अधीक्षक, सशस्त्र पुलिस अधीक्षक, राष्ट्रीय अनुसंधान विभाग के प्रमुखों की सहभागिता थी। बिहार के मधुबनी जिले के डीएम, एसपी, कस्टम अधिकारी सहित एसएसबी के कमांडेंट की मौजूदगी रही। उल्लेखनीय है कि नेपाल और भारत के बीच अलग अलग सीमा क्षेत्रों के प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों की प्रत्येक तीन महीने में नियमित रूप से बैठक होती रहती है।(एएमएपी)