मनोहर जोशी के निधन पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री और राजनेताओं ने किया शोक व्यक्त

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी का शुक्रवार को निधन हो गया। बुधवार को उन्हें दिल का दौरा पड़ा था।  इसके बाद उन्हें मुंबई के पीडी हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 86 साल के थे। मनोहर जोशी बालासाहेब ठाकरे के भरोसेमंद नेताओं में से एक थे। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत मुंबई नगर निगम में पार्षद के रूप में की। वे 70 के दशक में शिवसेना के बैनर तले पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे। बाद में वो मेयर, विधान परिषद सदस्य, विधायक, लोकसभा, राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री तक बने। बाद में वो एनडीए सरकार के दौरान लोकसभा अध्यक्ष भी रहे हैं।

राजनीतिक हस्तियों ने जताया दुख

मनोहर जोशी के निधन पर सूबे के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और देवेन्द्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तथा अन्य राजनीतिक हस्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी एक मृदुभाषी और विद्वान सांसद थे। राज्यपाल ने जोशी के निधन पर दुख व्यक्त किया है और उन्हें राज्य के सबसे सम्मानित राजनीतिक नेताओं में से एक बताया है। राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में कहा , “एक कुशल संगठनकर्ता, उत्कृष्ट सांसद, उत्कृष्ट वक्ता, प्रखर विपक्षी नेता और सम्मानित लोकसभा अध्यक्ष जोशी ने हर भूमिका का निर्वहन करते हुए अपनी अमिट छाप छोड़ी।”

महाराष्ट्र ने उच्च सिद्धांतों और मूल्यों वाले एक व्यक्ति को खो दिया

बैस ने कहा कि कौशल शिक्षा के महत्व को बहुत पहले ही महसूस करते हुए जोशी ने तकनीकी और कौशल शिक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र बनाए, जिससे हजारों युवा महिलाओं और पुरुषों को नौकरियां हासिल करने में मदद मिली। जोशी के निधन से महाराष्ट्र ने उच्च सिद्धांतों और मूल्यों वाले एक व्यक्ति को खो दिया है। जब श्री जोशी लोकसभा अध्यक्ष थे, तब मुझे उन्हें करीब से जानने का सौभाग्य मिला। उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।

महाराष्ट्र के निर्माण में जोशी का बड़ा योगदान

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि जोशी एक अनुशासित और दृढ़ नेता थे, जिनकी शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के प्रति गहरी निष्ठा थी और उन्होंने महाराष्ट्र के निर्माण में पूरे दिल से योगदान दिया। शिंदे ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र, मराठी लोगों से गहरा लगाव था। वह बहुत विनम्र, उदारवादी, और अनुशासित थे। वह शिक्षा के क्षेत्र को लेकर भावुक थे। आज हमने एक सच्चा शिवसैनिक खो दिया है, जो शिव सेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के विचारों के प्रति सच्चा था।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार और फड़णवीस ने भी जताया दुख

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि जोशी के निधन से महाराष्ट्र के राजनीतिक, सामाजिक और शिक्षा क्षेत्र को बहुत बड़ी क्षति हुई है। मराठी लोगों के उचित अधिकारों के लिए लड़ने वाले सुसंस्कृत नेता खो गए हैं। उनके निधन से महाराष्ट्र के राजनीतिक, सामाजिक और शिक्षा क्षेत्रों को बहुत बड़ी क्षति हुई है। वह राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्र में एक विद्वान, सुसंस्कृत नेता के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने कोहिनूर इंस्टीट्यूट के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया और कई मराठी युवाओं को औद्योगिक अवसरों के लिए प्रशिक्षित किया। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने अपने शोक संदेश में कहा कि मनोहर जोशी एक बहुत ही अनुशासित, उदारवादी और अध्ययनशील नेता के रूप में जाने जाते थे। महाराष्ट्र के राजनीतिक-सामाजिक, शैक्षणिक क्षेत्र में जोशी के योगदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा।

मनोहर जोशी के निधन की खबर बेहद दुखद : शरद पवार

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राकांपा संस्थापक शरद पवार ने कहा कि जोशी को राजनीतिक हलकों में एक सीधे-सादे नेता के रूप में जाना जाता था जो काम पूरा करने के लिए प्रयासरत रहते थे। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में उन्होंने संसद परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी के निधन की खबर बेहद दुखद है। मेरे उनसे व्यक्तिगत संबंध थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पार्षद से लेकर महापौर, विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी पड़ाव पार किए। उन्हें चारों सदनों अर्थात् विधानसभा और विधान परिषद, लोकसभा और राज्यसभा में प्रतिनिधित्व करने का सम्मान प्राप्त हुआ। उन्हें एक बहुत ही अनुशासित, उदारवादी और अध्ययनशील नेता के रूप में जाना जाता था।।।उनका योगदान महाराष्ट्र के राजनीतिक-सामाजिक, शैक्षणिक क्षेत्र में कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भी जोशी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि जोशी अपनी आखिरी सांस तक एक ‘शिव सैनिक’ की तरह रहे। राउत ने एक्स पर कहा, “जिसने शून्य से दुनिया बनाई। जिस पर महाराष्ट्र को बेहद गर्व था। मनोहर जोशी को विनम्र शुभकामनाएं, जो अपनी आखिरी सांस तक एक शिव सैनिक की तरह रहे।” शिव सेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने जोशी को सेना के संस्थापक बाल ठाकरे का भरोसेमंद सहयोगी और मराठी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने वाला व्यक्ति बताया।

नितिन गडकरी बोले- महाराष्ट्र की राजनीति का सुसंस्कृत चेहरा खो गया

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, ”महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी सर के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। महाराष्ट्र की राजनीति का सुसंस्कृत चेहरा खो गया है। हमने एक ऐसा नेता खो दिया है जो बेहद विनम्र, हाजिरजवाबी और महाराष्ट्र के प्रति भावुक थे।”

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मनोहर जोशी इस तरह बने मुख्‍यमंत्री

शिवसेना महाराष्ट्र में पहली बार 1995 में पहली बार सत्ता में आई थी। उसने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। सत्ता की कमान शिवसेना को मिली थी और बाल ठाकरे ने अपने सबसे भरोसेमंद माने जाने वाले मनोहर जोशी के सिर मुख्यमंत्री का ताज सजाया था। इस तरह से जोशी ने शिवसेना के पहली मुख्यमंत्री बनने का खिताब अपने नाम किया था। मनोहर जोशी 14 मार्च,1995 को मुख्यमंत्री बने और 31 जनवरी 1999 तक इस पद पर रहे। इस तरह मनोहर जोशी ने 3 साल 323 दिन कार्यभार संभाला और पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें 2002-04 तक के लिए लोकसभा स्पीकर बनाया गया। मनोहर जोशी मुंबई सेंट्रल सीट से लोकसभा सांसद बने थे। उन्होंने राज्यसभा सांसद के रूप में छह साल का कार्यकाल भी पूरा किया था।(एएमएपी)