नाइजर के नए सैन्य शासक के साथ दो माह तक प्रतिरोध के बाद अंतत: फ्रांस को झुकना पड़ा है। अब नाइजर से फ्रांसीसी राजदूत व सेना की वापसी होगी। नाइजर की सेना ने 26 जुलाई को तख्तापलट कर राष्ट्रपति मोहम्मद बाजोम को पद से हटा दिया था। राष्ट्रपति मोहम्मद बाजोम को फ्रांस समर्थक माना जाता था और इस समय फ्रांस के 1500 सैनिक नाइजर में तैनात भी हैं।सत्ता संभालने के बाद नाइजर के सैन्य शासक जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी ने फ्रांस के राजदूत को 48 घंटे के अंदर चले जाने के लिए कहा था। साथ ही फ्रांस की सेना को भी वापस बुलाने की बात कही गयी थी। नाइजर की जनता भी प्रदर्शन कर फ्रांसीसी सैनिकों की वापसी की मांग कर रही थी। इसके बावजूद फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों इसके लिए तैयार नहीं थे। अब करीब दो महीने तक प्रतिरोध के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति नाइजर से अपने राजदूत और फ्रांसीसी सेना को हटाने के लिए तैयार हो गए हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा कि फ्रांस ने अपने राजदूत को हटाने का फैसला किया है। अगले कुछ घंटे में हमारे राजदूत और अन्य राजनयिक फ्रांस लौट आएंगे। राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि आने वाले कुछ महीने या कुछ सप्ताह के अंदर सैनिकों को हटाया जाना शुरू होगा और साल के आखिर तक पूरी तरह से सैनिकों को हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम विद्रोहियों के साथ सलाह करेंगे, क्योंकि हम चाहते हैं कि यह शांतिपूर्ण तरीके से हो जाए। नाइजर के सैन्य शासकों ने फ्रांस के इस बयान पर जश्न मनाने की बात कही। साथ ही इस फैसले को नाइजर की संप्रभुता की दिशा में एक नया कदम बताया। हालांकि, नाइजर की सेना ने फ्रांसीसी विमानों को अपने हवाई क्षेत्र से उड़ने पर रोक लगा दी है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि नाइजर की सेना फ्रांसीसी विमानों को राजदूत को वापस ले जाने की अनुमति देगी कि नहीं।(एएमएपी)