तुर्की भी चीन के कर्ज में दबा, आर्थिक संकट ने और बढ़ाई मुश्किल
एक तरफ इन देशों ने चीन से बड़े पैमाने पर कर्ज ले लिया है तो वहीं कोरोना के संकट से इकॉनमी पूरी तरह ठप हो गई। इस तरह एक तरफ रेवेन्यू घट गया तो वहीं महंगाई चरम पर पहुंच गई और कर्जों का ब्याज भी बढ़ रहा है। इस संकट ने पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों की कमर तोड़ दी है तो वहीं इस्लामिक जगत में अपनी साख मजबूत करने की कोशिश करने वाला तुर्की भी परेशान है। इन तमाम मुसीबतों के बीच तुर्की में हाल ही में आए भूकंप ने मुसीबत और बढ़ा दी है।
चीन का दावा- 150 देशों ने किया है BRI का समर्थन
चीन का कहना है कि उसके बेल्ट ऐंड रोड प्रोजेक्ट से जुड़ने के लिए दुनिया के 150 देशों ने सहमति दी है। एक दशक पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसकी शुरुआत की थी। चीन का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से हमारी कोशिश दूसरे देशों के साथ दोस्ताना कारोबारी संबंध बढ़ाना है। खासतौर पर विकासशील देशों को साथ लेने की कोशिश चीन ने की है। हालांकि भारत ने इसका समर्थन नहीं किया है। इसी प्रोजेक्ट के तहत बने चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर का भारत विरोध करता रहा है। इसकी वजह यह है कि भारत के जम्मू-कश्मीर प्रांत के हिस्से से यह गुजरता है, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा जमा रखा है।(एएमएपी)