चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने लद्दाख के हिस्से पर दावा जताया. उन्होंने कहा, “चीन ने कभी भी तथाकथित केंद्र शासित लद्दाख को मान्यता नहीं दी है, जिसका गठन भारत ने एकतरफ़ा और अवैध ढंग से किया है। भारत की घरेलू अदालत का फ़ैसला इस तथ्य को नहीं बदलता कि चीन-भारत सीमा का पश्चिमी हिस्सा हमेशा से चीन का रहा है।
China never recognized India’s unilaterally, illegally established “Ladakh Union Territory,” and India’s domestic judicial deliberation cannot change the objective fact that the western section on China-India border belongs to China, Chinese Foreign Ministry spokesperson Mao Ning… pic.twitter.com/Z5gB4iH8Q0
— Global Times (@globaltimesnews) December 13, 2023
जिस समय भारत ने अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने और जम्मू कश्मीर का दो केंद्र शासित राज्यों में पुनर्गठन करने का फ़ैसला किया था, उस समय भी चीन ने आचोलना की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिए ये निर्देश
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वसम्मति से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के फैसले को भी लागू रहने दिया है। हालांकि, अदालत ने जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने के साथ-साथ अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के निर्देश भी दिए हैं।
#FMsays China never recognizes India’s “Ladakh union territory”, Foreign Ministry spokeswoman Mao Ning said, commenting on Indian supreme court’s recent ruling. The ruling does not change the fact that the western sector of the China-India border area belongs to China, Mao said. pic.twitter.com/zkMd1NhxwM
— China Daily (@ChinaDaily) December 13, 2023
बातचीत के जरिए हल करने की वकालत
भारत-चीन सीमा के पश्चिमी भाग पर दावा करते हुए माओ ने कहा कि भारत की अदालत का फैसला इस तथ्य को नहीं बदलता है कि चीन-भारत सीमा का पश्चिमी भाग हमेशा चीन का रहा है। इस मसले पर पहले भी चीन की तरफ से बयान आ चुका है। तब पड़ोसी देश की तरफ से कहा गया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दा बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए।
पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल का दिया जवाब
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने इस मुद्दे पर चीन की प्रतिक्रिया मांगने वाले एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर चीन की स्थिति स्पष्ट है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद है और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक शांतिपूर्ण तरीकों से उचित रूप से संबोधित किया जाना चाहिए।
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क्या है अदालत का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि अनुच्छेद 370 हटाना संवैधानिक रूप से वैध है। इसके अलावा कोर्ट ने आदेश दिया कि जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर 2024 तक चुनाव करा लिए जाएं।
पाकिस्तान का रुख?
अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई है। पाकिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री जलिल अब्बास जिलानी ने फैसले को लेकर कहा, अंतरराष्ट्रीय कानून भारत के फैसले को मान्यता नहीं देती है। ये एक तरफा फैसला है और कानूनी तौर पर सटीक नहीं बैठता है।(एएमएपी)