संयुक्त राज्य अमेरिका में कांग्रेस सांसदों ने एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें “इजरायल और कब्जे वाले फलिस्तीन में तत्काल तनाव कम करने और युद्धविराम” का आग्रह किया गया है। सोमवार को कोरी बुश, रशीदा तलीब, समर ली, अयाना प्रेसली, अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज़ और इल्हान उमर सहित एक दर्जन से अधिक डेमोक्रेटिक सदस्यों ने गाजा में तनाव कम करने के साथ युद्धविराम के मुद्दे को उठाया। अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्ताव में कहा गया, “सभी मानव जीवन अनमोल हैं, और नागरिकों को निशाना बनाना, चाहे उनकी आस्था या जातीयता कोई भी हो, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन है.” कांग्रेस में इजरायल के लिए भारी समर्थन के बावजूद, बुश ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग के दौरान संवाददाताओं से कहा कि यह प्रस्ताव एक जरूरी कदम है जिसे अमेरिकी एकजुट कर सकते हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका में कांग्रेस सांसदों ने एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें “इजरायल और कब्जे वाले फलिस्तीन में तत्काल तनाव कम करने और युद्धविराम” का आग्रह किया गया है.सोमवार को कोरी बुश, रशीदा तलीब, समर ली, अयाना प्रेसली, अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज़ और इल्हान उमर सहित एक दर्जन से अधिक डेमोक्रेटिक सदस्यों ने गाजा में तनाव कम करने के साथ युद्धविराम के मुद्दे को उठाया। अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्ताव में कहा गया, “सभी मानव जीवन अनमोल हैं, और नागरिकों को निशाना बनाना, चाहे उनकी आस्था या जातीयता कोई भी हो, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन है.” कांग्रेस में इजरायल के लिए भारी समर्थन के बावजूद, बुश ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग के दौरान संवाददाताओं से कहा कि यह प्रस्ताव एक जरूरी कदम है जिसे अमेरिकी एकजुट कर सकते हैं।

हमास ने किया था इजरायल पर हमला

गौरतलब है कि बीते 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने गाजा से इजरायल पर अचानक हमला कर दिया. हमास ने एक साथ लगभग 5000 रॉकेट लॉन्च किए. जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए. इसके साथ ही चरमपंथियों ने घुसपैठ कर दर्जनों इजरायली नागरिकों को बंदी बना लिया. जिसके बाद इजरायल लगातार गाजा पर जबाबी कार्रवाई कर रहा है, जिसमें गाजा में सैकड़ों बच्चों सहित 2,800 से अधिक फलिस्तीनी मारे गए हैं. ऐसे में दुनिया भर के कई देश युद्धविराम की अपील कर रहे हैं.

अमरिका के समर्थन से हो रहा सबकुछ: बुश

प्रोग्रेसिव लेजिस्लेटर्स और अधिवक्ताओं ने सोमवार को इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका के पास लड़ाई को समाप्त करने के लिए दबाव डालने की शक्ति है. बुश ने कहा कि “लाखों नहीं तो हजारों जिंदगियां अधर में लटकी हुई हैं.और यह न केवल हमारी आंखों के ठीक सामने हो रहा है, बल्कि यह संयुक्त राज्य सरकार के समर्थन और शक्ति से हो रहा है, और यह शर्मनाक है

उधर, अमेरिका इजरायल के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ा है. इसी कड़ी में बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायल जाएंगे. विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने राष्ट्रपति के दौरे का ऐलान किया है. सोमवार को शीर्ष अमेरिकी राजनयिक, एंटनी ब्लिंकन और इजरायली पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू के बीच सात घंटे की बैठक के बाद यरुशलम में अमेरिकी दूतावास से इस दौरे की घोषणा की।

इजरायल जाएंगे जो बाइडेन

विदेश मंत्री के मुताबिक़, बाइडन “इजरायल से यह भी जानेंगे कि वह किस तरह से अपने अभियान चलाएगा, जिससे नागरिक हताहतों की संख्या कम हो और गाजा में फ़लस्तीनी नागरिकों तक सहायता पहुंचाने की अनुमति मिल सके. इजरायल के बाद जो बाइडेन जॉर्डन जाएंगे. वहां वह जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला, मिस्र के राष्ट्रपति अल-सीसी और फ़लस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास से मुलाकात करेंगे।

हमास ने किया था इजरायल पर हमला

गौरतलब है कि बीते 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने गाजा से इजरायल पर अचानक हमला कर दिया. हमास ने एक साथ लगभग 5000 रॉकेट लॉन्च किए. जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए. इसके साथ ही चरमपंथियों ने घुसपैठ कर दर्जनों इजरायली नागरिकों को बंदी बना लिया. जिसके बाद इजरायल लगातार गाजा पर जबाबी कार्रवाई कर रहा है, जिसमें गाजा में सैकड़ों बच्चों सहित 2,800 से अधिक फलिस्तीनी मारे गए हैं. ऐसे में दुनिया भर के कई देश युद्धविराम की अपील कर रहे हैं।

अमरिका के समर्थन से हो रहा सबकुछ: बुश

प्रोग्रेसिव लेजिस्लेटर्स और अधिवक्ताओं ने सोमवार को इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका के पास लड़ाई को समाप्त करने के लिए दबाव डालने की शक्ति है. बुश ने कहा कि “लाखों नहीं तो हजारों जिंदगियां अधर में लटकी हुई हैं.और यह न केवल हमारी आंखों के ठीक सामने हो रहा है, बल्कि यह संयुक्त राज्य सरकार के समर्थन और शक्ति से हो रहा है, और यह शर्मनाक है।

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उधर, अमेरिका इजरायल के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ा है. इसी कड़ी में बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायल जाएंगे. विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने राष्ट्रपति के दौरे का ऐलान किया है. सोमवार को शीर्ष अमेरिकी राजनयिक, एंटनी ब्लिंकन और इजरायली पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू के बीच सात घंटे की बैठक के बाद यरुशलम में अमेरिकी दूतावास से इस दौरे की घोषणा की।

इजरायल जाएंगे जो बाइडेन

विदेश मंत्री के मुताबिक़, बाइडन “इजरायल से यह भी जानेंगे कि वह किस तरह से अपने अभियान चलाएगा, जिससे नागरिक हताहतों की संख्या कम हो और गाजा में फ़लस्तीनी नागरिकों तक सहायता पहुंचाने की अनुमति मिल सके. इजरायल के बाद जो बाइडेन जॉर्डन जाएंगे. वहां वह जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला, मिस्र के राष्ट्रपति अल-सीसी और फ़लस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास से मुलाकात करेंगे।am
संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में सोमवार रात गाजा में जारी हिंसा पर लाए गए रूस का प्रस्ताव खारिज हो गया। दरअसल रूस के प्रस्ताव में गाजा में आम नागरिकों के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा करते हुए युद्धविराम की मांग की गई थी, लेकिन इसमें हमास या उसके द्वारा इस्राइली नागरिकों पर किए गए बर्बर हमले का जिक्र ही नहीं किया गया था। ऐसे में पश्चिमी देशों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पास होने के लिए 9 वोटों की जरूरत थी लेकिन प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ चार देशों ने मतदान किया। वहीं चार देशों ने इसके खिलाफ वोट दिया।

इन देशों ने किया रूसी प्रस्ताव का समर्थन

रूसी प्रस्ताव के समर्थन में जिन देशों ने वोट किया, उनमें चीन, संयुक्त अरब अमीरात, मोजाम्बिक और गैबोन शामिल हैं। वहीं प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और फ्रांस शामिल हैं। छह अन्य देश मतदान में शामिल ही नहीं हुए। बता दें कि इस्राइल और हमास के बीच छिड़ी लड़ाई को लगभग दो हफ्ते का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक संयुक्त राष्ट्र की सबसे अहम निकाय सुरक्षा परिषद, जिस पर वैश्विक शांति और सुरक्षा की जिम्मेदारी है, वह इस हिंसा को रोकने में विफल रही है। बीती सात अक्तूबर को फलस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने इस्राइली सीमा में घुसकर 1400 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। वहीं इस्राइल के जवाबी हमले में अब तक गाजा पट्टी में 2750 के करीब लोगों की जान जा चुकी है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, पश्चिमी देशों की बंधक

गाजा पर रूसी प्रस्ताव पर मतदान से पहले रूसी राजनयिक वेसिली नेबंजिया ने सदस्य देशों से समर्थन मांगते हुए कहा कि गाजा संकट अभूतपूर्व है और इसमें हताहतों की संख्या हर घंटे बढ़ रही है। रूसी राजनयिक ने इस्राइल और गाजा में आम नागरिकों की मौतों की कड़ी निंदा की। वहीं रूसी प्रस्ताव खारिज होने के बाद वेसिली नेबंजिया ने कहा कि एक बार फिर साबित हो गया है कि सुरक्षा परिषद पश्चिमी देशों के स्वार्थों की बंधक है और यह बीते दशक की सबसे गंभीर हिंसा रोकने के लिए एकजुट संदेश देने में विफल रही है। (एएमएपी)