फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास द्वारा जिस भूमि यानी कि गाजा पट्टी के लिए युद्ध किया जा रहा है वह 41 ‎किलोमीटर जमीन का क्षेत्र है ‎जिसके ‎लिए अब तक वह कई इजराइलियों की जान ले चुका है, अनेकों को उसने बंधक बना कर रखा है और तो और इसमें कई विदेशी नागरिकों की उसने बेवहज हत्‍या कर दी है, यह जानते हुए कि यह सभी इजरायल के नहीं हैं।

आपको बतादें कि हमास द्वारा इजरायल में किए गए हमले के बाद अभी तक दोनों तरफ से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। इजरायली पीएम नेतन्याहू के जंग के ऐलान के बाद इजरायल की सेना और वायुसेना हमास आतंकियों को सबक सिखा रही है। उस गाजा पट्टी पर लगातार राकेट से हमले जारी है जिसे लेकर इजरायल हमेशा से आक्रामक रहा है।

सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र है यह

दरअसल, गाजा पट्टी, इज़राइल, मिस्र और भूमध्य सागर के बीच बसा एक छोटा सा क्षेत्र है जिसे दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी जाना जाता है। आतंकी इस्लामी फिलिस्तीनी संगठन हमास गाजा से ही इजरायल पर हमले कर रहा है। गाजा पट्टी लगभग दस किलोमीटर चौड़ा और 41 किलोमीटर लंबे क्षेत्र है और यहां 20 लाख से अधिक लोग रहते हैं। इसका मतलब है कि प्रति वर्ग किलोमीटर औसतन लगभग 5,500 लोग लोग रहते हैं। वहीं, इजरायल की बात करें तो यहां औसत जनसंख्या घनत्व लगभग 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जिससे आप समझ सकते हैं कि गाजा में कितनी घनी आबादी रहती है।

1948 से चल रहा है इजरायलियों और फिलिस्तीनियों का संघर्ष

गाजा पट्टी में रहने वाले लोग फ़िलिस्तीनी हैं। इसमें रहने वाले लोगों में यहां के मूल निवासी और शरणार्थी दोनों शामिल हैं। शरणार्थी यहां 1948 में इजरायल की स्थापना और उसके बाद इजरायलियों और फिलिस्तीनियों के बीच हुए सैन्य संघर्ष के बाद भागकर आ गए थे। यहां रहने वाले अधिकांश लोग उत्तर में, विशेषकर गाजा शहर में रहते हैं। यहां की जनसंख्या बहुत युवा है, लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या 15 वर्ष से कम आयु की है। पूर्वी यरुशलम के साथ वेस्ट बैंक की सीमा इज़राइल, मृत सागर और जॉर्डन से जुड़ी हुई है।

यह गाजा पट्टी बिल्कुल अलग है। यहां पर फतह पार्टी का शासन है जो फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन का सबसे मजबूत गुट है, जो इजरायल के अस्तित्व के अधिकार को मान्यता देता है और अधिकांश पश्चिमी देशों द्वारा इसे फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले के रूप में देखा जाता है।

कई मुस्‍लिम देशों ने नहीं दी इजराइल को यहूदी राज्य के रूप में मान्‍यता

फिलिस्तीन और कई दूसरे मुसलमान देश इजराइल को यहूदी राज्य के रूप में मान्‍यता देने से अब तक इनकार करते रहे हैं। 1947 के बाद जब यूएन ने फिलिस्तीन को यहुदी और अरब राज्य में बांट दिया था जिसके बाद से फिलिस्तीन और इजरायल के बीच संर्घष जारी है। इजरायल ने 25 सालों तक इस गाजा पट्टी पर कब्जा बनाए रखा, लेकिन दिसंबर 1987 में गाजा के फिलिस्तिनियों के बीच दंगों और हिंसक झड़प ने एक विद्रोह का रूप ले लिया। सितंबर 2005 में इजराइल ने क्षेत्र से पलायन पूरा कर लिया और गाजा पट्टी पर नियंत्रण को फिलिस्तीनी अथॉरिटी (पीए) को सौंप दिया। हालांकि, इजरायल ने क्षेत्ररक्षा और हवाई गश्त जारी रखी।

आतंकी संगठन हमास कर रहा है 16 सालों से इस क्षेत्र पर शासन

उग्रवादी इस्लामी समूह हमास का शासन  2007 से गाजा पट्टी पर है। हमास इज़रायल के साथ शांति प्रक्रिया को अस्वीकार करता है, यही वजह है ‎कि उसने सात अक्टूबर को अब तक का सबसे भीषण हमला ‎किया है। इजरायल और आतंकी संगठन हमास के बीच लगातार चौथे दिन युद्ध जारी है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि गिलाद एर्दान ने कहा है कि हमास के आतंकियों ने गाजा में 150 इजरायली लोगों को बंधक बना रखा है। गिलाद एर्दान ने यह बात इजरायली अधिकारियों के हवाले से कही है। इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने गाजा की पूरी तरह से घेराबंदी का आदेश दिया है।

टाइम्स ऑफ इजराइल की एक रिपोर्ट के अनुसार, हमास ने धमकी दी थी कि अगर इजरायल बिना किसी चेतावनी के गाजा में लोगों को निशाना बनाता रहा तो नागरिक बंधकों को मार डाला जाएगा और हत्या का वीडियो जारी किया जाएगा। इजरायली दूत एर्दान ने कहा, “अगर हमास अपनी सैन्य कार्रवाई जारी रखता है तो हम इजरायल के नागरिकों के लिए सुरक्षा बहाल नहीं कर सकते।”

अब तक मारे जा चुके हैं दोनों ओर से दो हजार से अधिक लोग

इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है। इस युद्ध के शुरू होने के बाद अब तक लगभग 2000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इजराइल के एक हजार से अधिक नागरिक मारे गए हैं वहीं फिलिस्तीन के 700 से अधिक नागरिक मारे गए हैं। पश्चिमी देश इजरायल का समर्थन कर रहे हैं। वहीं यूके, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और इटली के नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर इजरायल के लिए एकजुट समर्थन का ऐलान किया है। साथ ही इन नेताओं ने हमास की निंदा की है। यह बयान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और क्विंट अंतर्राष्ट्रीय संगठन वाले देशों के नेताओं के बीच एक कॉल के बाद जारी किया गया।

नेतन्याहू ने कहा – इजरायल ने यह युद्ध शुरू नहीं किया है लेकिन इसे खत्म कर देगा

अमेरिकी राष्ट्रपति, जो बाइडेन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी क्विंट समेत कई अंतर्राष्ट्रीय नेता इस मामले में लगातार आपस में बात कर रहे हैं और युद्ध को कैसे समाप्‍त कराया जाए इसके उपाय खोज रहे हैं।  वहीं इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को कहा कि हालांकि इजरायल ने यह युद्ध शुरू नहीं किया है लेकिन इसे खत्म कर देगा। बेंजामिन नेतन्याहू की यह चेतावनी हमास की धमकी के बाद आई है। हमास ने धमकी दी थी कि जब भी इजरायल बिना किसी चेतावनी के फिलिस्तीनी घरों पर बमबारी करेगा तो वह एक इजरायली बंदी को मार डालेगा।

गाजा पट्टी की कहानी?

गाजा पट्टी, इजरायल, मिस्र और भूमध्य सागर के बीच बसा एक छोटा सा क्षेत्र है. इसे दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी जाना जाता है. गाजा पट्टी लगभग 10 किलोमीटर चौड़ा और 41 किलोमीटर लंबा क्षेत्र है. यहां 20 लाख से अधिक लोग रहते हैं. इसका मतलब है कि प्रति वर्ग किलोमीटर औसतन लगभग 5,500 लोग लोग रहते हैं. इजरायल की बात करें, तो यहां औसत जनसंख्या घनत्व लगभग 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जिससे आप समझ सकते हैं कि गाजा में कितनी घनी आबादी रहती है।

गाजा पट्टी में रहने वालों में मूल निवासी और शरणार्थी शामिल

फिलिस्तीनी क्षेत्रों में गाजा पट्टी और इजरायल के कब्जे वाला वेस्ट बैंक शामिल हैं. पूर्वी यरुशलम के साथ वेस्ट बैंक की सीमा इजरायल, मृत सागर (Dead Sea) और जॉर्डन से जुड़ी हुई है. गाजा पट्टी में रहने वाले लोग फिलिस्तीनी हैं. इसमें रहने वाले लोगों में यहां के मूल निवासी और शरणार्थी दोनों शामिल हैं. यहां रहने वाले ज्यादातर लोग उत्तर में, विशेषकर गाजा शहर में रहते हैं।

कैसे इजरायल पर निर्भर है गाजा?

चूंकि, गाजा चारों ओर से इजरायल से घिरा हुआ है. इसलिए यहां किसी भी तरह की सप्लाई इजरायल के रास्ते ही होती है. केम फलोम वो चेक पॉइंट है, जहां से गाजा को सप्लाई जाती है. इसमें खाने-पीने की चीजों से लेकर दवा और दूसरी चीजें भी शामिल हैं. 2007 से गाजा फिलिस्तीन अथॉरिटी के कंट्रोल से निकलकर हमास के कंट्रोल में आ गया. इजरायल के अलावा अमेरिका, यूके और कनाडा जैसे देशों ने हमास को आतंकी संगठन करार दिया है. जबकि न्यूजीलैंड जैसे देशों ने हमास के मिलिट्री विंग को आतंकवादी संगठन माना है।हमास को इजरायल मंजूर नहीं वो इसे फिलिस्तीन की जमीन पर कब्जा मानता है. हमास फिलिस्तीन की आजादी के लिए लड़ाई की बात करता है. ताजा हमले को भी हमास ने इजरायल की ऑपरेशनल फोर्स के खिलाफ आजादी की लड़ाई बताया है।

हमास को कौन-कौन से देश करते हैं समर्थन?

हमास को ईरान से भारी समर्थन मिलता है. काउंसिल ऑफ फॉरिन रिलेशन के मुताबिक, ईरान हमास को पैसे लेकर हथियार… यहां तक कि ट्रेनिंग तक देता है. हालांकि, इजिप्ट सिर्फ हमास के राजनीतिक समर्थन की बात करता है. लेकिन इजरायल का आरोप है कि हमास की ताकत के पीछे इजिप्ट भी है. इसके साथ ही लेबनान का हजबुल्लाह संगठन तो हमास को खुलेआम समर्थन करता ही है. इस हमले के बाद भी इजरायल की उत्तरी सीमा से लगने वाले इलाके में एक्टिव हिजबुल्लाह ने हमला किया. हालांकि, इस हमले के बाद इजरायल की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की गई।

अलक्सा मस्जिद इजरायल-गाजा के बीच टकराव का एक बड़ा कारण

अलक्सा मस्जिद इजरायल-गाजा के बीच टकराव का एक बड़ा कारण है. मक्का-मदीना के बाद यरूशलम इस्लाम का दूसरा सबसे पवित्र जगह माना जाता है. यहूदी भी इसे सबसे पाक जगह मानते हैं. वहां इजरायल का नियंत्रण हमास के लड़ाकों को कतई मंजूर नहीं है. गाजा का आरोप रहा है कि इजरायल गाजा को लेकर अपनी मनमर्जी करता रहता है. गाजा पर जिस तरीके से इजरायल का नियंत्रण है, उससे दुनिया की सबसे बड़ी ओपन जेल भी कहा जाता है।

अमेरिका ने की इजरायल को मदद की पेशकश

इधर, अमेरिका ने इजराइल को मिलिट्री सपोर्ट देने की बात कही है. US डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने कहा- मदद के लिए हमारे जहाज और लड़ाकू विमान इजराइल की तरफ बढ़ रहे हैं. हमने USS जेराल्ड आर फोर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर (वॉरशिप) को अलर्ट कर दिया है।

लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह ने अमेरिका को दी धमकी

जंग के बीच लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह ने अमेरिका को धमकी दी है. उसने कहा है- “अमेरिका ने अगर सीधे तौर पर जंग में दखल दिया तो वो मिडिल ईस्ट में अमेरिकी ठिकानों पर हमला कर देंगे. फिलिस्तीन यूक्रेन नहीं है.”(एएमएपी)