रामगढ़ताल : बिखरेगी प्राकृतिक छटा, लगेंगे फ्लोटिंग वेटलैंड।

गोरखपुर स्थित रामगढ़ताल की प्राकृतिक छटा को वापस लाने की तैयारी चल रही है। अब इसकी सफाई के लिए ठोस कार्य योजना तैयार है। इसकी खूबसूरती बढ़ेगी और पर्यटकों को लुभाएगी। वजह, जीडीए ने अब इसके लिए ईओआइ जारी कर दिया है। अत्याधुनिक मशीनों से ताल की सफाई होगी और यहां फ्लोटिंग वेटलैंड एवं बैरियर भी लगाए जाएंगे।दरअसल, रामगढ़ताल की सफाई अभी श्रमिकों की सहायता से होती आ रही है, लेकिन अब इस पर ब्रेक लगाने वाला है। श्रमिकों द्वारा की जाने वाली प्रतिदिन की सफाई के स्थान पर अब अत्याधुनिक मशीनों से यह काम शुरू कराने की तैयारी है। सफाई के साथ ताल में तैरता (फ्लोटिंग) वेटलैंट होगा। जिस पर फूल वाले पौधे लगाए जाएंगे। ताल में गिरने वाले छह नालों के सिरे पर तैरता अवरोधक (फ्लोटिंग बैरियर) लगाए जाएंगे। गंदगी नाले में न आने के सभी उपाय अपनाये जाएंगे। यह सभी जिम्मेदारी निजी फर्म को दी जाएगी।

विशेषज्ञ फर्म के चयन के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से एक्प्रेशन आफ इंटरेस्ट (ईओआइ) निकाली गई है। पांच दिसंबर तक आवेदन किया जा सकेगा। लगभग 1800 एकड़ में रामगढ़ताल का फैलाव है। 42 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इसके वाटर बाडी को साफ करने का जिम्मा निजी हाथों में दिया जाएगा।

वर्तमान में ताल की सफाई जीडीए द्वारा श्रमिकों से कराई जाती है। जीडीए की ओर से जारी ईओआइ के अनुसार सफाई का जिम्मा लेने वाली फर्म को जल की गुणवत्ता को ठीक करने के आलावा वाटर बॉडी में फैले जलकुंभी के प्रसार को रोकने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इस निजी फार्म को समय-समय पर रामगढ़ताल के पानी की गुणवत्ता का परीक्षण भी करना होगा। फ्लोटिंग वेटलैंड होने से पक्षियों की आवक बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

क्या है फ्लोटिंग वेटलैंड

फ्लोटिंग वेटलैंड एक तरह की स्टील की प्लेटनुमा आकृति है। यह पानी पर तैरती रहेगी। इसमें बिना मिट्टी के खेती यानी हाइड्रोपानिक्स फार्मिंग की जा सकेगी। इस तकनीक के जरिए वेटलैंड पर खूबसूरत एवं खुशबूदार फूलों वाले पौधे लगाए जायेंगे। पर्यटकों का आकर्षण बढ़ेगा। जलकुंभी का प्रसार भी रुकेगा।

बोले जीडीए प्रभारी मुख्य अभियंता

जीडीए के प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह के अनुसार फ्लोटिंग बैरियर यानी तैरते अवरोधक के जरिए नालों से आने वाली गंदगी को रोका जाएगा। बैरियर में लगे जाल से गंदगी को साफ कर पानी को साफ करने की कोशिश होगी। (एएमएपी)