अपना अखबार ब्यूरो ।
आम तौर पर नौकरियों में रिटायरमेंट आयु बढ़ाने की मांग की जा रही है। जहां 58 साल की उम्र में रिटायर किया जाता है वहां कहा जा रहा है कि अवकाश प्राप्ति की आयु 60 वर्ष होनी चाहिए। जहां रिटायर होने की उम्र 60 साल है वहां कर्मचारी-अधिकारी उसे 65 वर्ष करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन राजस्थान में कुछ उल्टा ही रुझान देखने में आया है।
चिकित्सा सुविधाएं चाक चौबंद रखने के लिए राजस्थान सरकार ने मेडिकल कालेज अस्पतालों में वरिष्ठ डाक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की है। लेकिन सीनियर डाक्टर इससे खुश नहीं हैं। खासकर कोरोना महामारी के दौर में तो वे कतई नहीं चाहते कि 60 वर्ष के बाद •ाी मरीजों की चिकित्सा के दौरान उनके संपर्क में आकर वे अपना जीवन खतरे में डालें। उल्लेखनीय है कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए कोरोना से संक्रमित होने का जोखिम सबसे ज्यादा है।
जोधपुर से खबर आई है कि डा. एसएन मेडिकल कालेज में तो कई वरिष्ठ डाक्टर इस आशय का प्रार्थनापत्र दे चुके हैं कि उन्हें कौन कौन से रोग हैं जिस कारण उनसे ड्यूटी लेना उचित नहीं होगा। इस पर एक कमेटी ने उनके प्रार्थनापत्रों पर विचार किया था और उन्हें कोरोना ड्यूटी के लिए अनफिट बताया।
खास बात यह है कि यह बात केवल जोधपुर तक सीमित नहीं है। पूरे राजस्थान में बड़ी संख्या में डाक्टर कह रहे हैं कि उन्हें 60 साल के बाद नौकरी नहीं करनी। उन्हें 60 साल में सेवानिवृत्त कर दिया जाए। अगर एनएन मेडिकल कालेज की ही बात करें तो यहां दो दर्जन से अधिक डाक्टर 60 साल से अधिक उम्र के हैं। कई डाक्टर ब्लड प्रेशर, डाईबिटीज, शुगर जैसे रोगों से पीड़ित हैं।
साठ साल की उम्र के बाद अधिकतर डाक्टरों में पहले जैसी चुस्ती फुर्ती नहीं रह जाती, मानसिक संतुलन ठीक न रहने से वे चिड़चिड़े हो जाते हैं और अक्सर जूनियर्स को डांटते या झिड़कते हैं। एक सीनियर डाक्टर की तनख्वाह करीब ढाई लाख रुपये होती है। जबकि एक सहायक डाक्टर यानी रेजिडेंट डाक्टर को केवल सत्तर हजार रुपये मिलते हैं। इस तरह वे साठ साल के बाद तीन सहायक डाक्टरों जितना वेतन प्राप्त करते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर ठीक से नियोजन हो तो एक वरिष्ठ डाक्टर को साठ साल की आयु के बाद ड्यूटी पर रखने का विशेष औचित्य नहीं है।
राजस्थान मेडिकल कालेज टीचर्स एसोसिएशन (आरएमसीटीए) के प्रदेश अध्यक्ष डा. आरके जैन का कहना है कि ‘हम लगातार राज्य सरकार से मांग करते रहे हैं कि मेडिकल कालेज डाक्टरों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करना उचित नहीं है। सरकार को चिकित्सा सेवाओं को सुचारु रूप से चलाना है इसके लिए हम •ाी सरकार के साथ हर प्रकार का सहयोग करने को तत्पर हैं। हम यह कतई नहीं कह रहे कि 60 साल से अधिक आयु के चिकित्सक शिक्षकों को एक साथ रिटायर कर दिया जाए। हमने सरकार के सामने फार्मूला रखा था कि पहले साल 65 वर्ष आयु के चिकित्सक शिक्षकों को सेवानिवृत्त कर दीजिए। फिर अगले चार साल तक 64 वर्ष, 63 वर्ष, 62 वर्ष व 61 वर्ष की आयु में उनको रिटायर कर दिया जाए। इससे उनकी संख्या में एक साथ कमी नहीं आएगी। मंत्री जी ने हमारे प्रस्ताव पर विचार करने को कहा था लेकिन बाद में पता नहीं क्या हुआ।’