आपका अखबार ब्यूरो।
पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना के मामलों में कमी आई है और रिकवर होने वाले की संख्या बढ़ी है। लेकिन भविष्य की तैयारियों के मद्देनजर सरकार रोजाना टेस्ट बढ़ाने की तैयारी में है। साथ ही, नोवेल कोरोना वायरस के विभिन्न वेरिएंट पर नजर रखने के लिए 17 और लैब शुरू करने का भी फैसला किया गया है। साथ ही, कोरोना के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी को बंद करने का दिशा-निर्देश भी जारी किया गया है।
उच्च-स्तरीय बैठक में लैब की संख्या बढ़ाने का फैसला
भारत में कोरोना के कई नए वेरिएंट देखने को मिले हैं। साथ ही, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं और इस विकराल समस्या से निपटने के लिए प्रयासों को और तेज कर दिया है। इसी क्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने मंगलवार, 18 मई 2021 को कोरोना मामले पर एक उच्च-स्तरीय बैठक की। इस बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के लैब नेटवर्क को बढ़ाया जाएगा और 17 नए लैब खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि फिलहाल भारत में सिर्फ 10 लैब काम कर रहे हैं और नए लैब शुरू करने का मुख्य उद्देश्य नोवेल कोरोना वायरस के नए वैरिएंटों की निगरानी करना है।
कोरोना टेस्टिंग में लाई जाएगी और तेजी
कोरोना से निपटने में ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग एक महत्त्वपूर्ण हथियार है। जितने ज्यादा लोगों का टेस्ट किया जाएगा और उसके बाद उन्हें दूसरे लोगों से आइसोलेट कर, सही वक्त पर इलाज प्रदान किया जाएगा, कोरोना की रफ्तार को रोकने और लोगों को मौत के मुंह में जाने से उतना ही अधिक बचाया जा सकेगा। इसी के मद्देनजर टेस्टिंग को और गति देने का फैसला किया गया है। उच्च-स्तरीय बैठक में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव भी उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि देश में कोरोना के हालात को देखते हुए सरकार अब प्रतिदिन 45 लाख टेस्टिंग करने की तैयारी कर रही है। इसमें 18 लाख टेस्ट आरटीपीसीआर होंगे और 27 लाख एंटीजन टेस्ट किए जाएंगे। फिलहाल देश में हर रोज करीब 25 लाख टेस्ट हो रहे हैं, जिसमें 13 लाख आरटीपीसीआर और 12 लाख एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं।
Testing, Tracking, Treatment और #COVIDAppropriateBehaviour इन सभी पर लगातार बल देते रहना ज़रूरी है।
PM श्री @narendramodi जी, का यह सुझाव आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है। संक्रमण को रोकना बहुत ज़रूरी है और ये तभी संभव है जब हमें संक्रमण के स्केल की सही जानकारी होगी।#IndiaFightsCorona pic.twitter.com/lKQdPeTF83— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 18, 2021
कोविड के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी पर रोक
आईसीएमआर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। नई गाइडलाइन के अनुसार, कोविड-19 के इलाज के दौरान मरीजों को दी जाने वाली प्लाज्मा थेरेपी पर रोक लगा दी गई है। आईसीएमआर ने इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटा दिया गया है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ बहुत दिनों से इस बात को कह रहे थे कि कोविड के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी के कारगर होने के निर्णायक साक्ष्य नहीं हैं। भारत में कोरोना की पहली लहर के समय से कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा रही थी। दूसरी लहर में तो प्लाज्मा थेरेपी का काफी उपयोग किया जा रहा है। लोग अपने सगे-सम्बंधियों, मित्रों-करीबियों के लिए प्लाज्मा का प्रबंध करने के चक्कर में सोशल मीडिया पर काफी गुहार लगा रहे हैं।