शिथिल पड़े कार्यकर्ताओं पर पार्टी का फोकस, शाह ने संभाला मोर्चा।

नए चेहरों से लाभ की उम्मीद
गुजरात में साल भर पहले पूरी सरकार बदल देने वाली भाजपा ने चुनाव के समय लगभग 30% ही टिकट काटे। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी समेत पार्टी के कई प्रमुख नेता खुद ही चुनाव मैदान से हट गए। इसे रणनीति के साथ नाराजगी से भी जोड़ा जा रहा है। हालांकि, भाजपा को नए चेहरों में ज्यादा लाभ की संभावना दिख रही है।
पाटीदारों की बढ़ी पकड़
सूत्रों के अनुसार, पाटीदार समुदाय की नाराजगी इस बार ज्यादा नहीं दिख रही है। हार्दिक पटेल भी भाजपा के साथ हैं और आम आदमी पार्टी ने भी पाटीदार समुदाय के बजाए चारण समुदाय पर मुख्यमंत्री को लेकर दांव लगाया है। ऐसे में सामाजिक स्थितियां भाजपा के अनुकूल रह सकती है।
बाहर से ज्यादा भीतर काम
हिमाचल में अंदरूनी कलह झेल चुकी भाजपा
भाजपा को हिमाचल प्रदेश में भी अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ा। हिमाचल में 12 नवंबर को मतदान हो चुका है। हिमाचल की 68 में से 21 सीटों पर भाजपा का बगावत देखने को मिली थी। यहां तक कि पीएम मोदी की फोन पर अपील भी एक बागी को पीछे हटने के लिए राजी नहीं कर पाई। गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को मतदान होगा। पहले चरण में 89 सीट पर और दूसरे चरण में साणंद सहित 93 सीट पर मतदान होगा। दूसरे चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 नवंबर है। (एएमएपी)



