(भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवस, 20 अगस्त पर विशेष)

रूफटॉप सोलर की संख्या में गुजरात देश में शीर्ष पर है और वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार ने सोलर रूफटॉप लाभार्थियों से बिजली खरीद कर उन्हें 107 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। वर्ष 2019 से वित्तीय वर्ष 2022-23 की अवधि में अब तक सरकार ने 207 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी है। इस सफलता में राज्य सरकार की वह नीति है जिसमें सिंगल विंडो सिस्टम, आकर्षक सब्सिडी तथा सरल प्रशासनिक प्रक्रिया का समावेश किया गया है।भारत हर वर्ष 20 अगस्त को अक्षय ऊर्जा दिवस मनाता है। बायोगैस, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, हाइड्रोइलेक्ट्रिकल पावर आदि जैसी ऊर्जा अक्षय ऊर्जा के कुछ उदाहरण हैं। परम्परागत ईंधन पर से बोझ हटा कर वर्ष 2030 तक भारत की 50 प्रतिशत विद्युत आपूर्ति विभिन्न पुनर्प्राप्य ऊर्जा स्रोतों द्वारा करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने विभिन्न पहल की है। वर्ष 2015 में सीओपी 21-पेरिस में प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ने संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (इंटरनेशनल सोलर अलायंस यानी आईएसए) लॉन्च किया था। 121 देशों में सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग किया गया है। भारत में उजाला योजना, नेशनल सोलर मिशन, स्वच्छ भारत अभियान तथा ग्रीन ग्रोथ से जुड़े विभिन्न निर्णय पर्यावरण के अनुकूल विकास की ओर भारत की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं।

‘नेट मीटरिंग’ सिस्टम ग्राहकों के लिए लाभदायी

‘नेट मीटरिंग’ के कारण लोग अपने घर की छतों पर सोलर रूफटॉप लगाने के लिए उत्सुक हुए हैं। ‘नेट मीटरिंग’ ऐसा बिल सिस्टम है, जिसमें सोलर रूफटॉप के लाभार्थी अपनी अतिरिक्त ऊर्जा को ग्रिड में वापस दे सकते हैं। इसका अर्थ है कि उपभोक्ता को उपयोग किए गए यूनिट पर लगभग 5 से 6 रुपए प्रति यूनिट का लाभ होता है, जबकि अतिरिक्त यूनिट को भी गुजरात सरकार 2.25 रुपए प्रति यूनिट के मूल्य पर खरीद कर उपभोक्ताओं को आय प्राप्त करने की सुविधा देती है। वर्ष 2022-23 में सरकार ने इस प्रकार से 107 करोड़ रुपए का भुगतान नागरिकों को किया है। गुजरात में अब तक 437528 घरों पर सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित हो चुके हैं, जिनकी कुल क्षमता 1724.68 मेगावॉट है। 1 किलोवॉट से 1 मेगावॉट की क्षमता वाले रूफटॉप सोलर सिस्टम को ‘नेट मीटरिंग’ का लाभ मिलता है।

24 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र में सोलर रूफटॉप

राज्य के गाँवों में कम से कम एक घर में सोलर रूफटॉप सुनिश्चित करने के लिए सरकार इस समय एक्शन मोड में है। इस एक रूफटॉप सिस्टम के चलते गाँव के अन्य नागरिकों को भी अपने घर पर सोलर रूफटॉप लगाने की प्रेरणा मिलेगी। हाल में राज्य में 24 प्रतिशत सोलर रूफटॉप गाँवों में है।

सूर्य गुजरात योजना के अंतर्गत कामकाज (09-08-2023 तक)

रूफटॉप – मेगावॉट – क्षमता
शहरी क्षेत्र – 342298 – 1370.1
ग्रामीण क्षेत्र – 95230 – 354.58
कुल – 437528 – 1724.68

राज्य के टॉप 10 जिले (रूफटॉप की संख्या में)
1 – अहमदाबाद – 66704, 2 – वडोदरा – 66207, 3 – सूरत – 59126, 4 – राजकोट – 48684, 5 – आणंद – 17567, 6 – भावनगर – 15787, 7 – भरूच – 15096, 8 – गांधीनगर – 14385, 9 – मेहसाणा – 14059, 10 – कच्छ – 12643 शामिल है।

गुजरात में पुनर्प्राप्य ऊर्जा : 2022-23 में 21839 एमयू उत्पादन

वर्ष 2024-25 में 940 मेगावॉट की क्षमता के साथ 2 लाख से अधिक रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित करने की सरकार की योजना है। पुनर्प्राप्य ऊर्जा क्षेत्र, विशेषकर सौर व पवन ऊर्जा क्षेत्र में गुजरात एक अग्रसर राज्य के रूप में उभर कर आया है। सोलर पार्क का निर्माण तथा रूफ़टॉप सोलर सिस्टम इन्स्टॉलेशन को घरों तक पहुँचा कर राज्य की विपुल सौर क्षमता का उपयोग किया गया है। चारणका (पाटण) सोलर पार्क जैसे प्रोजेक्ट की सफलता ने गुजरात को भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन में शीर्ष पर पहुँचाया है। इतना ही नहीं, समुद्र तटों पर स्थित विंड फ़ार्म्स ने राज्य की पुनर्प्राप्य ऊर्जा क्षमता में उल्लेखनीय योगदान दिया है। वर्ष 2022-23 के अंतिम आँकड़ों के अनुसार गुजरात में कुल 21839 मिलियन यूनिट अक्षय ऊर्जा का उत्पादन हुआ है, जिसमें 8077 एमयू सोलर, 12259 एमयू पवन, 1378 एमयू हाइड्रो, 102 स्मॉल हाइड्रो तथा 23 एमयू बायोमॉस तथा बगास शामिल है।

2200 रुपये का बिजली बिल अब जीरो हुआ

सोलर रूफटॉप के सशक्त क्रियान्वयन के कारण अब आदिजाति क्षेत्र के गाँवों तक भी इस योजना का लाभ पहुँच रहा है। डांग जिले में वाँसदा तहसील के नानी भामती गाँव में रहने वाले तथा बुहारी स्थित कॉलेज में संस्कृत के प्राध्यापक हितेन्द्रभाई प्रमोदचंद्र गान्वित कहते हैं, “हमारे स्टाफ में एक व्यक्ति ने सोलर रूफटॉप लगाया, तो मैंने इस विषय में जाना। मुझे वह अनुकूल लगा। अब मेरे घर भी छह महीने पहले सोलर रूफटॉप लगाया गया है। इसके कारण पहले मेरा जो बिजली बिल 2200 से 2500 रुपए आता था, अब जीरो हो गया है। यह योजना अच्छी है और अब हमारी सोसाइटी में अन्य तीन लोगों ने भी सोलर रूफटॉप लगाने का निश्चय किया है।”(एएमएपी)