प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति ने निर्वाचन आयोग में दो आयुक्तों के खाली पदों पर भर्ती के लिए दो नामों पर मुहर लगा दी। समिति ने ज्ञानेश कुमार गुप्ता और सुखबीर सिंह संधू को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है। ये दोनों रिटायर्ड आईएस हैं। दोनों अलग-अलग समय में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से रिटायर्ड हुए हैं। हालांकि सरकार से पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार दोपहर मीडिया को यह जानकारी दी।चयन समिति ने दिए थे छह नाम गौरतलब है कि अधीर रंजन चौधरी भी निर्वाचन आयुक्त के चयन से संबंधित समिति का हिस्सा हैं। बैठक के बाद समिति के सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि समिति के समक्ष छह नाम रखे गए थे जिनमें से इन दो नामों पर मुहर लगाई गई। चौधरी ने कहा कि चयन समिति ने छह नाम प्रस्तुत किए थे। इनमें उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, ज्ञानेश कुमार, इंदीवर पांडे, सुखबीर सिंह संधु और गंगाधर राहत के नाम शामिल थे। ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधु का चयन निर्वाचन आयुक्त के रूप में किया गया है। बता दें कि एक बार नियुक्तियां अधिसूचित हो जाने के बाद नए कानून के तहत की जाने वाली ये पहली नियुक्तियां होंगी। निर्वाचन आयोग के दोनों आयुक्त के पद पहले अनूप चंद्र पाण्डेय के फरवरी में रिटायरमेंट और फिर हाल ही में अरुण गोयल के इस्तीफे से खाली हुए थे।

कांग्रेस नेता ने केंद्र पर साधा निशाना

बैठक में प्रधानमंत्री और अधीर रंजन चौधरी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। कांग्रेस नेता चौधरी ने चयन समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल करने वाले कानून को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश को इस समिति में होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पिछले साल लाए गए कानून ने बैठक को महज एक औपचारिकता तक सीमित कर दिया है। पैनल में सरकार बहुमत में है। वे जो चाहते हैं वही होता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें बैठक से पहले 6 शॉर्टलिस्ट किए गए नाम दिए गए। ऐसे में, मैं इतने कम समय में क्या बताऊंगा? बहुमत उनके साथ है, इसलिए उन्होंने वही उम्मीदवार चुना जो वे चाहते थे।

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ज्ञानेश कुमार –
ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं। वो केंद्रीय गृह मंत्रालय में कश्मीर डिविजन के उस वक्त इनचार्ज थे जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 खत्म किया था। 1988 बैच के आईएएस ज्ञानेश कुमार मई, 2022 में सहकारिता मंत्रालय के सचिव बनाए गए। उन्हें संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव पद से ट्रांसफर किया गया था। कुमार ने सहकारिता मंत्रालय में देवेंद्र कुमार सिंह को रिप्लेस किया था। सिंह भी केरल कैडर के ही आईएस थे जिन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का महासचिव बनाया गया था। ज्ञानेश कुमार की सर्विस रिटायरमेंट एज के बाद भी बरकरार रखी गई थी। वो 31 जनवरी, 2024 को रिटायर हुए। ध्यान रहे कि पहले गृह मंत्रालय और फिर सहकारिता मंत्रालय, दोनों मंत्रालयों के सचिव के तौर पर उन्होंने मंत्री अमित शाह के साथ ही काम किया। शाह इन दोनों मंत्रालयों के मंत्री हैं।

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सुखबीर संधू-

सुखबीर संधू 1998 बैच के रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं। 2021 में पुष्कर सिंह धामी जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनाए गए तब प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर सुखबीर संधू ही थे। उससे पहले संधू राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन और मानव संसाधन मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग में अडिशनल सेक्रेटरी की भूमिका में भी रहे। सुखबीर संधू ने अमृतसर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी से इतिहास में एम डिग्री हासिल की है। उनके पास कानून की डिग्री भी है। संधू ने ‘अर्बन रिफॉर्म्स’ और ‘म्यूनिसिपल मैनेजमेंट एंड कपैसिटी बिल्डिंग’ पर रिसर्च पेपर्स भी लिखे हैं। लुधियाना नगर निगम के आयुक्त के तौर पर उनकी सेवाओं के लिए संधू को राष्ट्रपति मेडल से नवाजा गया था।(एएमएपी)