उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने ‘आपका अख़बार’ के संपादक प्रदीप सिंह को दिए विशेष साक्षात्कार में हर मुद्दे पर बेबाक बात की-1।

प्रदीप सिंह- भगवान श्रीराम ने सुग्रीव से कहा था एक बार कि सन्यासी से अच्छा राजा कौन हो सकता है? तो जनतंत्र में राजा का स्थान शासक को चला गया है, लेकिन वह जन्म से नहीं जनमत से चुना जाता है। जनमत 2017 में भारतीय जनता पार्टी को मिला तो सन्यासी गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ सत्ता के सिंहासन तक पहुंचे। अब उनकी सरकार के पांच साल होने जा रहे हैं। उनकी सरकार ने इन पांच सालों में क्या किया। दूसरी जो सरकार थी इससे पहले की- उसका कार्यकाल किस तरह का था? आज हमारे बीच इन सब विषयों पर बातचीत करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी मौजूद हैं।


योगी जी आपका स्वागत है।

योगी आदित्यनाथ- नमस्कार। धन्यवाद जी।

प्रदीप सिंह- यह समय जो है पांच साल काम किया और लेखा जोखा जनता के बीच में पेश करने का समय आ गया है। जैसे विद्यार्थियों को हर साल परीक्षा देनी पड़ती है, नेताओं और सरकारों को, पार्टियों को पांच साल में देना पड़ता है… तो परीक्षा में जाने से पहले नर्वस हैं- आत्मविश्वास से भरे हुए हैं- कैसी स्थिति लग रही है आपको?

पूर्ण बहुमत की सरकार प्रदेश में बनाएँगे

Those celebrating Pakistan's win in T20 World Cup will face sedition charges: Yogi Adityanath - India News

योगी आदित्यनाथ- देखिए, हम लोगों को पूरा विश्वास है कि भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व की प्रदेश की सरकार ने देश की सबसे बड़ी आबादी के राज्य के लिए जो कार्य किया है उसे जनता जनार्दन का आशीर्वाद फिर से प्राप्त होगा। उसके कई कारण हैं। और मुझे लगता है सबसे प्रमुख कारण है उत्तर प्रदेश को उसकी पहचान दिलाना। ओवरऑल परसेप्शन जो उत्तर प्रदेश का खराब हो चुका था पिछली सरकारों के कारण- उसमें कोई भी दल हों- पिछली सरकारों में समाजवादी पार्टी भी आती है, बहुजन समाज पार्टी भी आती है, कांग्रेस भी आती है- इन सभी के कारण प्रदेश का जो परसेप्शन खराब हुआ था- हमने उसका परिमार्जन किया। उत्तर प्रदेश जो देश का हृदय स्थल माना जाता था, उसको फिर से उसकी पहचान दिलाई है। दूसरा, हमने प्रदेश के अंदर सुशासन के लक्ष्य को भी प्राप्त किया है। आज प्रदेश में गरीब कल्याण की सभी योजनाओं का लाभ यहां के गरीबों को प्राप्त हो रहा है- यहां के नौजवानों को प्राप्त हो रहा है- यहां के किसानों को प्राप्त हो रहा है- यहां की महिलाओं को प्राप्त हो रहा है। समाज के हर एक तबके को शासन की योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया गया। तीसरा, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य बड़े पैमाने पर उत्तर प्रदेश के अंदर प्रारंभ हुए हैं। जो सही मायने में उत्तर प्रदेश के बारे में माननीय प्रधानमंत्री जी बार-बार कहते हैं कि उत्तर प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता रखता है और इस पोटेंशियल को अगर किसी ने मजबूती के साथ पहचाना है तो हमारी सरकार ने पहचाना और उसको हमने आगे बढ़ाने का कार्य किया है। तो ये जो कार्य हुए हैं, मुझे लगता है कि समाज के हर तबके का समर्थन और सहयोग भारतीय जनता पार्टी को मिलना चाहिए और भारतीय जनता पार्टी फिर से 2022 में पूर्ण बहुमत की सरकार प्रदेश में बनाएगी।

प्रदीप सिंह- पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पिछले पांच साल से एक बात लगातार दोहरा रहे हैं कि सारा काम उनकी सरकार ने किया- आप सिर्फ फीता काट रहे हैं।

लोग जानते हैं विकास का कार्य कौन किया है- कौन कर रहा है

योगी आदित्यनाथ- देखिए, जनता ने अगर उनको इसी लायक समझा होता तो वह फीता काटने लायक भी रहते। जनता ने इस लायक समझा ही नहीं इसलिए उनको पहले ही सत्ता से बेदखल किया है। हर व्यक्ति जानता है कि विकास का कार्य सही मायने में कौन किया है- कौन कर रहा है। आप किसी भी योजना को देखें ना। 1947 से लेकर 2016 तक उत्तर प्रदेश में सिर्फ दो एक्सप्रेस-वे बने थे नोएडा-आगरा यमुना एक्सप्रेस-वे और आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे। ये दो एक्सप्रेस-वे थे। आज हम पांच एक्सप्रेस-वे पर काम कर रहे हैं और अन्य एक्सप्रेस-वे पर भी हमारी कार्यवाही बढ़ रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे हमारा लगभग बनकर तैयार है और अगले महीने प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से हम उसका उद्घाटन करवाएंगे। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का हमारा कार्य लगभग 80 फीसदी कंप्लीट हो चुका है और हमारा प्रयास है कि दिसंबर के अंत तक हम उस कार्य को कंप्लीट कर लें। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे में लगभग 32 से 35 फ़ीसदी कार्य कंप्लीट हो चुका है। युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 96 फ़ीसदी लैंड हम लोग ले चुके हैं और देश का संभवतः यह सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने के लिए। ये 4 एक्सप्रेस वे तो स्टेट गवर्नमेंट अभी बना रही है। पांचवे एक्सप्रेस-वे बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए शासन के स्तर पर हमने सैद्धांतिक सहमति दे दी है और इस पर हमारा कार्य चल रहा है। भारत सरकार के सहयोग से दिल्ली-मेरठ 12 लेन का एक्सप्रेस-वे कंप्लीट हो गया है और पब्लिक के लिए खोल दिया गया है। यानी ये आज एक्सप्रेस-वे का एक संजाल यूपी के अंदर बना करके यहां की इकोनामी की बैकबोन के रूप में स्थापित कर दिया गया है।

एक भी मेट्रो नहीं थी, आज चार सिटी मेट्रो से जुड़े

मेट्रो के लिए देखिए 2017 से पहले यूपी में एक भी सिटी मेट्रो से नहीं जुड़े थे। आज हमारी चार सिटी मेट्रो से जुड़ी हुई हैं। लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा। कानपुर में मेट्रो का कार्यक्रम प्रारंभ कर चुके हैं और 30 नवंबर तक हम कानपुर में मेट्रो का कार्य कंप्लीट कर लेंगे। उसके बाद उसके लोकार्पण का कार्यक्रम करेंगे। आगरा में मेट्रो का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। गोरखपुर, वाराणसी, झांसी, मेरठ इन सब पर भी हमारा कार्य चल रहा है। इंटर स्टेट कनेक्टिविटी को जोड़ने के लिए नेपाल है, बिहार है, झारखंड है, छत्तीसगढ़ है, मध्य प्रदेश है, राजस्थान है, हरियाणा है, उत्तराखंड है, दिल्ली है- इनसे जितने भी हमारे मार्ग जुड़ते थे- हम लोगों ने उसको फोरलेन के साथ जोड़ा। हर जिला मुख्यालय को फोरलेन की कनेक्टिविटी के साथ जोड़ा। हर तहसील और विकासखंड मुख्यालय को टूलेन कनेक्टिविटी के साथ जोड़ने का कार्य हुआ है।

तीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला यूपी देश का पहला राज्य

Know about the upcoming Airport Projects in Uttar Pradesh

एयर कनेक्टिविटी… 2017 तक यूपी के अंदर दो एयरपोर्ट फंक्शनल थे- लखनऊ और वाराणसी। गोरखपुर और आगरा में कभी-कभी फ्लाइट आती थी। इन सभी में उत्तर प्रदेश के अंतर्गत सिर्फ 25 गंतव्य स्थलों से यूपी जुड़ा हुआ था। आज हम 75 से अधिक गंतव्य स्थलों से जुड़े हैं। पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान आज हमारे 9 एयरपोर्ट फंक्शनल हैं। 11 पर हमारा कार्य चल रहा है… 11 एयरपोर्ट। यूपी देश का पहला राज्य है जिसके तीन एयरपोर्ट इंटरनेशनल हैं। दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहे हैं अयोध्या और जेवर में। जेवर का एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। हम लोग आजमगढ़ में भी एयरपोर्ट दे रहे हैं- सोनभद्र में दे रहे हैं- श्रावस्ती में दे रहे हैं- चित्रकूट में, ललितपुर में, मुरादाबाद में, अलीगढ़ में, मेरठ में, सहारनपुर में- यानी सभी एयरपोर्ट पर हमारा कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। एयर कनेक्टिविटी का जितना बेहतर कार्य यूपी के अंदर हुआ है संभवतः किसी अन्य राज्य में नहीं हुआ है। देश का नंबर एक यानी पहला जलमार्ग वाटर-वे नंबर 1… यह यूपी के अंदर हल्दिया से वाराणसी को जोड़ा जा चुका है- इसको प्रयागराज तक बढ़ाने का कार्य हो रहा है। यह तो इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के वे कार्य हैं जो विगत साढे चार वर्ष के अंदर किए हैं। मुझे नहीं लगता है कि सपा, बसपा या कांग्रेस इनमें से किसी ने यह कार्य किया हो। दूसरा आवास योजना का… अगर आप देखेंगे गरीब कल्याण यानी ईज ऑफ लिविंग की जब हम बात करते हैं कुछ चीजें है। जैसे प्रदेश की इकोनामी को देखना है तो पिछली सरकारों ने काम किया होता तो- यूपी में जितना पोटेंशियल है, जितना अच्छा मानव संसाधन है, जितनी बेहतर यहां की भूमि उर्वरा है और जितना अच्छा जल संसाधन है- इन सबका बेहतर उपयोग होता तो उत्तर प्रदेश देश के छठी अर्थव्यवस्था नहीं होती। उत्तर प्रदेश देश की नंबर वन अर्थव्यवस्था होती। हम लोग आए थे छठी अर्थव्यवस्था उत्तर प्रदेश की थी। आज उत्तर प्रदेश देश के नंबर दो अर्थव्यवस्था पर हम लोग ले के आए हैं। उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था की स्थिति ने निवेश की व्यापक संभावनाओं को बढ़ाया है। यहां पर सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम लोगों ने जो रिफॉर्म किए हैं उसके परिणाम सामने आ रहे हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश 12वें स्थान से आज नंबर दो स्थान पर आ गया है। हम लोग जब आए थे 2017 में- उससे पहले 2015-16 की जो रैंकिंग आई थी उसमें उत्तर प्रदेश 14वें स्थान पर था- आज नंबर दो पर है उत्तर प्रदेश। ईज ऑफ लिविंग में हर नागरिक के पास अच्छी कनेक्टिविटी हो- अपना घर हो- शौचालय हो- बिजली हो- उसके पास रसोई गैस का कनेक्शन हो- बिजली का कनेक्शन हो- स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा हो- पहले देश के अंदर भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में उत्तर प्रदेश पीछे होता था 27वें नंबर पर, 23वें नंबर पर… 15 से नीचे तो कभी आया ही नहीं। आज देश के अंदर भारत सरकार द्वारा संचालित ईज आफ लिविंग से जुड़ी सभी 44 ऐसे प्रोजेक्ट व परियोजनाएं हैं जिनमें उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है। यह काम सपा सरकार में भी हो सकता था क्योंकि समाजवादी पार्टी की सरकार को मई 2014 से लेकर के मार्च 2017 तक प्रदेश में शासन करने का अवसर प्राप्त हुआ था। उन्होंने काम नहीं किया। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत हर गरीब के घर में शौचालय बनाने की जब बात आती है तो पहले पौने तीन वर्ष के दौरान- यानी पहले ढाई वर्ष के अंदर ही अगर आप देखेंगे- 2 अक्टूबर 2014 को यह योजना शुरू हुई थी। 2 अक्टूबर 2014 से मार्च 2017 तक उत्तर प्रदेश को शौचालय बनाने थे 2 करोड़ 61 लाख। पहले ढाई वर्ष में कुल बन पाए थे मात्र 43 लाख और अगले ढाई वर्ष के अंदर जब हमारी सरकार आई तो हम लोगों ने 2 करोड़ 18 लाख शौचालय डेढ़ वर्ष के अंदर बना कर तैयार किया और ओडीएफ के लक्ष्य को प्राप्त किया। हर व्यक्ति कहता था ओडीएफ के लक्ष्य को तब तक प्राप्त नहीं किया जा सकता जब तक यूपी नहीं करेगा और यूपी इस मार्ग तक ओडीएफ के लक्ष्य में सबसे बड़ी बाधा है। हमने भारत सरकार के लक्ष्य से एक साल पहले इसको पूरा किया। प्रधानमंत्री आवास योजना… पहले दो वर्ष के अंदर समाजवादी पार्टी की सरकार में मुश्किल से 26 हजार लोगों को आवास सैंक्शन हुए थे- आवंटित भी %