अब तक मारे जा चुके हैं 14 अमेरिकन नागरिक
आपको बतादें कि जैसे ही इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध छेड़ा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की तरफ से इजरायल को युद्ध में मदद देने का ऐलान कर दिया गया। आईडीएफ की ओर से कहा जा रहा है कि हमारी सेनाओं के बीच सहयोग युद्ध के समय में क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वहीं दूसरी तरफ इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी बाइडेन से तीसरी बार टेलीफोन पर बात की। बातचीत के बाद नेतन्याहू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, मैंने उन्हें बताया कि हमास आईएसआईएस से भी बदतर है और उनके साथ उसी तरह व्यवहार किया जाना चाहिए।
हमास आतंकियों ने इजरायल के बच्चों का अपहरण किया, उन्हें जलाया, मार डाला, सैनिकों के सिर काट दिए
इसके साथ ही बाइडन ने दोहराया है कि अमेरिका इजरायल के साथ खड़ा है और अपनी रक्षा के उसके अधिकार का पूरी तरह से समर्थन करता है। इजरायल के पीएम ने बिना शर्त समर्थन के लिए बाइडन को धन्यवाद भी दिया। नेतन्याहू ने बताया है कि हमारी पिछली बातचीत के बाद से, हमास की दरिंदगी का स्तर और बढ़ गया है। उन्होंने दर्जनों बच्चों का अपहरण किया, उन्हें जला दिया और मार डाला। उन्होंने सैनिकों के सिर काट दिए, उन युवाओं की हत्या कर दी जो फेस्टिवल में आए थे। हमने इजरायल के पूरे इतिहास में ऐसी बर्बरता नहीं देखी है।
तीन मोर्चों पर लड़ रही है इजरायली सेना
हमास के 1500 से अधिक आतंकवादियों को इजरायली सेना ने मार गिराया
इजरायल पर हमास के चौंकाने वाले हमले के पीछे मोहम्मद डायफ है मास्टरमाइंड
इजरायल की ओर से लगातार हो रही बमबारी के चलते 20 लाख की आबादी वाला गाजा इमारतों के कब्रिस्तान में बदला हुआ नजर आने लगा है। हरतरफ सिर्फ मलबा और धुआं नजर आ रहा है। इजरायली हमले में 900 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। इनमें से 260 बच्चे और 200 महिलाएं शामिल हैं, वहीं 4,250 लोग जख्मी हुए हैं। इजरायल पर हमास के चौंकाने वाले हमले के पीछे मोहम्मद डायफ को मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। डायफ हमास के मिलिट्री विंग का चीफ कमांडर है। हमास के हमले के बाद डायफ ने कहा आपरेशन अल अक्सा अस्टार्म गाजा की 16 साल की नाकेबंदी इजरायली कब्जे और हाल की घटनाओं की पूरी शृंखला का जवाब था।
मोहम्मद डायफ साल 2002 से हमास की सैन्य शाखा का प्रमुख है। हाल में आई एक रिपोर्ट के अनुसार डायफ का जन्म 1960 के दशक के दौरान गाजा में खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था और उस वक्त उसका नाम मोहम्मद दीब इब्राहिम अल मसरी था। मोहम्मद डायफ के चाचा और पिता 1950 के दशक में फिलिस्तीनियों के शस्त्र विद्रोह में हिस्सा लिया था, जहां से हमास के आतंकियों ने शनिवार को इजरायल में घुसपैठ की थी। डायफ ने गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यलय से पढ़ाई की है। मोहम्मद डायफ जब 20 साल का था तो उसे फिलस्तीन के पहले इंतिफादा (विद्रोह ) के समय इजरायल की सरकार ने जेल भेजा दिया था। उस वक्त उसे इजरायली अधिकारियों ने आत्मघाती बम विस्फोटों में दर्जनों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
हमास से जंग के बीच इजरायल को अमेरिका का साथ मिला है। इजरायल ने दावा किया है कि उसकी सेना ने गाजा से लगे उन सभी इलाकों को वापस ले लिया है, जहां हमास आतंकियों ने हमला करके कब्जा कर लिया था। वहीं, इजरायल ने हमास को लेकर X पर किए पोस्ट में एकबार फिर से अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। इजरायल नाम के X हैंडल द्वारा किए गए पोस्ट में कहा गया है कि AI हमास से ज्यादा मानवीय है। हमास के आतंकी इंसान नहीं हैं। वो दुष्ट, बर्बर हत्यारे हैं। इजरायल के विदेश मंत्रालय द्वारा इस X पोस्ट को शेयर किया गया है।