हार्ट संबंधित समस्याएं
हाल ही में लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी की रिसर्च में बताया गया है कि जब कोई व्यक्ति धीमी गति से हाथ मिलाता है तो इसका संकेत है कि उसे फ्यूचर में दिल का दौरा या स्ट्रोक होने का रिस्क है। लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी में ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन की तरफ से हैंडशेक से जुड़ा ये अध्ययन किया गया जिसमें 5000 लोग शामिल हुए। इस रिसर्च में लोगों की हाथ की पकड़ और ताकत पर रिसर्च की गई, जिसमें पाया गया कि जिन लोगों के हाथ की पकड़ कमजोर थी, उन लोगों का दिल कमजोर था। क्वीन मैरी के विलियम हार्वे रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिसर्च को लीड करने वाले प्रोफेसर स्टीफन पीटरसन ने कहा, ‘हाथ की पकड़ की ताकत हृदय रोग के जोखिम वाले लोगों की पहचान करने और उसका इलाज करने का आसान तरीका बन सकता है।’
डिप्रेशन
खराब मूड और कमजोर हाथ मिलाने के बीच संबंध की जांच करने के लिए 45 वर्ष से अधिक उम्र के 51,000 से अधिक लोगों के डेटा को देखा गया। इसके बाद नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में वैज्ञानिकों ने दावा किया कि हाथ की कमजोर पकड़ वाले लोग डिप्रेशन के शिकार होते हैं। दरअसल, डिप्रेशन वाले लोग अक्सर थकान और कमजोरी महसूस करते हैं इसके लिए उनकी पकड़ कमजोर हो जाती है।
गठिया और डिमेंशिया
केमिस्ट4यू के फार्मासिस्ट इयान बड ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि यदि किसी की पकड़ की कमजोर है तो उससे उसकी शारीरिक क्षमता कम हो सकती है। गठिया और डिमेंशिया जैसी स्थिति कमजोर शरीर को काबू में कर लेती हैं।
हाइपरहाइड्रोसिस
डॉ। सुहैल का कहना है कि अगर किसी को अत्यधिक पसीना आता है तो उसे हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं। यह शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करता है लेकिन सबसे अधिक हथेलियों को प्रभावित करता है। हाइपरहाइड्रोसिस अधिक एक्टिव सिंपेथिक नर्व्स सिस्टम खाने का संकेत हो सकता है जो डिप्रेशन, स्ट्रेस या कुछ अन्य मेडिकल समस्याओं का संकेत हो सकता है।
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मौत का खतरा
1951 और 1976 के बीच की गई एक रिसर्च से पता चला है कि जिन लोगों के हाथ की पकड़ कमजोर होती है तो उन लोगों की मृत्यु जल्दी हो सकती है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों के हाथ की पकड़ बीच उम्र में कमजोर हो जाती है, उनमें हार्ट, श्वसन संबंधी बीमारी और कैंसर से मृत्यु का जोखिम 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। हर्टफोर्डशायर और ग्रेटर लंदन को कवर करने वाले निजी होम विजिटिंग जीपी डॉ. सुहैल हुसैन के अनुसार, समय के साथ पकड़ कमजोर होने से यह संकेत मिल सकता है कि किसी को आगे चलकर दिल का दौरा, स्ट्रोक और हृदय संबंधी बीमारी से मौत का खतरा हो सकता है।’(एएमएपी)